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सहकारिता मंत्री ने टॉप 20 बकायेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के दिए निर्देश - Uttarakhand Cooperative Bank

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 21, 2024, 7:15 PM IST

Uttarakhand Cooperative Banks Dues सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने अधिकारियों को बकाया भुगतान के लिए सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए. साथ ही 20 बकायेदारों के खिलाफ जल्द कार्रवाई कर वसूली करने के निर्देश दिए. जिसके बाद विभाग द्वारा ऐसे बकायेदारों के खिलाफ जल्द एक्शन लिया जाएगा.

Cooperative Minister Dhan Singh Rawat
सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत (फोटो-ईटीवी भारत)

देहरादून: राज्य सहकारी बैंकों और जिला सहकारी बैंकों के करोड़ों रुपये बकाया हैं. कर्जदारों की ओर से भुगतान ना किए जाने के चलते सहकारी बैंकों ने टॉप 20 बकायेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रहा है. इसके लिए सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. दरअसल, सहकारी बैंकों के बढ़ते एनपीए को कम करने और बैंकों को मुनाफे में लाने के लिए ठोस रणनीति पर कार्य करने को कहा है. साथ ही समय-समय पर इसकी निगरानी करने के भी निर्देश दिए हैं.

सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के सभी राज्य सहकारी बैंकों और जिला सहकारी बैंकों के टॉप 20 बकायेदारों पर शिकंजा कसा जाएगा. इसके लिए अधिकारियों को सरफेसी एक्ट के तहत बैंकों की देनदारी जमा नहीं करने वाले बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. ताकि बकायेदारों की संपत्ति कुर्क कर लोन की भरपाई की जा सके. बैंकों के बकाया वसूली के लिये अधिकारी अपने जिलों में समय-समय पर लोन वसूली अभियान चलाया जाएगा. जिसकी मॉनिटरिंग वो खुद हर तीन माह में करेंगे. वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश के सहकारी बैंकों का कुल सकल एनपीए 60306 लाख रुपए और शुद्ध एनपीए 23044 लाख रुपए था. वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल सकल एनपीए 54788 लाख रुपए और शुद्ध एनपीए 11646 लाख रुपए ही रह गया है.

इसी क्रम में वित्तीय वर्ष 2022-23 में देहरादून जिले के जिला सहकारी बैंकों का शुद्ध एनपीए 3132 लाख रुपए, कोटद्वार का 224 लाख रुपए, चमोली का 731 लाख, हरिद्वार का 2777 लाख रुपए, उधमसिंह नगर का 4144 लाख रुपए, नैनीताल का 196 लाख रुपए, टिहरी का 858 लाख रुपए, पिथौरागढ़ का 3520 लाख रुपए और राज्य सहकारी बैंकों का शुद्ध एनपीए 7441 लाख रुपए था. सहकारिता मंत्री ने बताया कि बैंकों के कर्जदारों और बकायेदारों के खिलाफ समय-समय पर चलाए गए लोन वसूली अभियान और पारदर्शी बैंकिंग परिचालन की वजह से बैंकों के एनपीए को कम किया गया. जिसके चलते वित्तीय वर्ष 2023-24 में देहरादून जिले के जिला सहकारी बैंकों का शुद्ध एनपीए 2574 लाख रुपए, हरिद्वार में 2738 लाख रुपए, टिहरी में 539 लाख रुपए, पिथौरागढ़ में 223 लाख रुपए और राज्य सहकारी बैंकों का शुद्ध एनपीए 5573 लाख रुपए ही रह गया है.

पढ़ें-बजट खर्च न करने पर अफसरों पर बिफरे मंत्री जी! 100 दिन का दिया अल्टीमेटम

देहरादून: राज्य सहकारी बैंकों और जिला सहकारी बैंकों के करोड़ों रुपये बकाया हैं. कर्जदारों की ओर से भुगतान ना किए जाने के चलते सहकारी बैंकों ने टॉप 20 बकायेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रहा है. इसके लिए सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. दरअसल, सहकारी बैंकों के बढ़ते एनपीए को कम करने और बैंकों को मुनाफे में लाने के लिए ठोस रणनीति पर कार्य करने को कहा है. साथ ही समय-समय पर इसकी निगरानी करने के भी निर्देश दिए हैं.

सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के सभी राज्य सहकारी बैंकों और जिला सहकारी बैंकों के टॉप 20 बकायेदारों पर शिकंजा कसा जाएगा. इसके लिए अधिकारियों को सरफेसी एक्ट के तहत बैंकों की देनदारी जमा नहीं करने वाले बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. ताकि बकायेदारों की संपत्ति कुर्क कर लोन की भरपाई की जा सके. बैंकों के बकाया वसूली के लिये अधिकारी अपने जिलों में समय-समय पर लोन वसूली अभियान चलाया जाएगा. जिसकी मॉनिटरिंग वो खुद हर तीन माह में करेंगे. वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश के सहकारी बैंकों का कुल सकल एनपीए 60306 लाख रुपए और शुद्ध एनपीए 23044 लाख रुपए था. वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल सकल एनपीए 54788 लाख रुपए और शुद्ध एनपीए 11646 लाख रुपए ही रह गया है.

इसी क्रम में वित्तीय वर्ष 2022-23 में देहरादून जिले के जिला सहकारी बैंकों का शुद्ध एनपीए 3132 लाख रुपए, कोटद्वार का 224 लाख रुपए, चमोली का 731 लाख, हरिद्वार का 2777 लाख रुपए, उधमसिंह नगर का 4144 लाख रुपए, नैनीताल का 196 लाख रुपए, टिहरी का 858 लाख रुपए, पिथौरागढ़ का 3520 लाख रुपए और राज्य सहकारी बैंकों का शुद्ध एनपीए 7441 लाख रुपए था. सहकारिता मंत्री ने बताया कि बैंकों के कर्जदारों और बकायेदारों के खिलाफ समय-समय पर चलाए गए लोन वसूली अभियान और पारदर्शी बैंकिंग परिचालन की वजह से बैंकों के एनपीए को कम किया गया. जिसके चलते वित्तीय वर्ष 2023-24 में देहरादून जिले के जिला सहकारी बैंकों का शुद्ध एनपीए 2574 लाख रुपए, हरिद्वार में 2738 लाख रुपए, टिहरी में 539 लाख रुपए, पिथौरागढ़ में 223 लाख रुपए और राज्य सहकारी बैंकों का शुद्ध एनपीए 5573 लाख रुपए ही रह गया है.

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