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जयपुर के एक निजी स्कूल ने टिफिन में अंडे-नॉनवेज लाने पर लगाई रोक, दो धड़ों में बंटे अभिभावक - Controversy on Tiffin - CONTROVERSY ON TIFFIN

राजधानी जयपुर के एक नामचीन स्कूल की ओर से अभिभावकों को भेजा गया मैसेज चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मैसेज के वायरल होने के बाद अब अभिभावक भी दो धड़ों में बंटे नजर आ रहे हैं.

Controversy on School Policy
नॉन वेज टिफिन को लेकर स्कूल के फैसले पर छिड़ी बहस (ETV Bharat Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 3, 2024, 10:47 PM IST

जयपुर. टोंक रोड पर स्थित एक निजी विद्यालय ने छात्रों के टिफिन बॉक्स में अंडे और नॉनवेज लाने पर रोक लगा दी है. स्कूल प्रशासन ने ये फैसला छात्रों से मिली शिकायत के बाद लिया है. हालांकि, इससे संबंधित मैसेज जब स्कूल प्रशासन की ओर से अभिभावकों को भेजा गया तो सोशल मीडिया पर यह मैसेज चर्चा का विषय बन गया. इस चर्चा में अभिभावक दो धड़ों में बंटे नजर आ रहे हैं.

मशहूर फिल्म राइटर दारब फारुकी ने इस पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि 'क्या किसी स्कूल में ऐसी पॉलिसी हो सकती है कि छात्र स्कूल टिफिन में नॉनवेज या अंडे नहीं ला सकते'? वहीं, राजस्थान संयुक्त अभिभावक संघ ने इस फैसले का स्वागत किया है. अभिभावक संघ के प्रवक्ता अभिषेक जैन ने कहा कि विद्यालय विद्या के मंदिर होते हैं. ऐसे में सरकार नॉनवेज को लेकर विद्यालयों में सख्त गाइडलाइन जारी करे, फिर चाहे वो सरकारी स्कूल हो या प्राइवेट. उन्होंने कहा कि प्रदेश के साथ ही देश के अन्य प्राइवेट स्कूलों को भी जयपुर के इस निजी स्कूल के फैसले का स्वागत करते हुए अपनाना चाहिए.

पढ़ें : हिजाब विवाद पर बोले शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, स्कूलों में लागू होगा ड्रेस कोड

यह बोले विशेषज्ञः वहीं, विशेषज्ञों की मानें तो बच्चों के लिए स्कूल टिफिन में ज्यादा समय तक चलने वाला पौष्टिक भोजन पैक करना चाहिए. बच्चे स्कूल में सुबह करीब 7 बजे पहुंचते है और उनका लंच का समय लगभग 11 बजे होता है. जब लंच टाइम में बच्चे नॉनवेज वाला टिफिन खोलते हैं तो क्लास रूम में इसकी गंध फैल जाती है और पका हुआ नॉनवेज बंद टिफिन में खराब भी हो जाता है.

जयपुर. टोंक रोड पर स्थित एक निजी विद्यालय ने छात्रों के टिफिन बॉक्स में अंडे और नॉनवेज लाने पर रोक लगा दी है. स्कूल प्रशासन ने ये फैसला छात्रों से मिली शिकायत के बाद लिया है. हालांकि, इससे संबंधित मैसेज जब स्कूल प्रशासन की ओर से अभिभावकों को भेजा गया तो सोशल मीडिया पर यह मैसेज चर्चा का विषय बन गया. इस चर्चा में अभिभावक दो धड़ों में बंटे नजर आ रहे हैं.

मशहूर फिल्म राइटर दारब फारुकी ने इस पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि 'क्या किसी स्कूल में ऐसी पॉलिसी हो सकती है कि छात्र स्कूल टिफिन में नॉनवेज या अंडे नहीं ला सकते'? वहीं, राजस्थान संयुक्त अभिभावक संघ ने इस फैसले का स्वागत किया है. अभिभावक संघ के प्रवक्ता अभिषेक जैन ने कहा कि विद्यालय विद्या के मंदिर होते हैं. ऐसे में सरकार नॉनवेज को लेकर विद्यालयों में सख्त गाइडलाइन जारी करे, फिर चाहे वो सरकारी स्कूल हो या प्राइवेट. उन्होंने कहा कि प्रदेश के साथ ही देश के अन्य प्राइवेट स्कूलों को भी जयपुर के इस निजी स्कूल के फैसले का स्वागत करते हुए अपनाना चाहिए.

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यह बोले विशेषज्ञः वहीं, विशेषज्ञों की मानें तो बच्चों के लिए स्कूल टिफिन में ज्यादा समय तक चलने वाला पौष्टिक भोजन पैक करना चाहिए. बच्चे स्कूल में सुबह करीब 7 बजे पहुंचते है और उनका लंच का समय लगभग 11 बजे होता है. जब लंच टाइम में बच्चे नॉनवेज वाला टिफिन खोलते हैं तो क्लास रूम में इसकी गंध फैल जाती है और पका हुआ नॉनवेज बंद टिफिन में खराब भी हो जाता है.

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