लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय में ठेकेदारों और दलालों के प्रवेश को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं. कर्मचारी और अधिकारियों को छोड़कर अन्य लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. आवश्यक कार्य से यहां आने वाले लोगों का प्रवेश केवल संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की पुष्टि के बाद किया जा रहा है.
भीतर आने वाले लोगों की रजिस्टर पर एंट्री अनिवार्य कर दी गई है. इसके अलावा अब शासन से लोक निर्माण विभाग ने मुख्यालय में पास सिस्टम लागू करने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने की मांग भी की है. इस संबंध में विभाग के एचओडी की ओर से प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा गया है.
लोक निर्माण विभाग के एचओडी जितेंद्र कुमार बांगा नए संबंध में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर सॉफ्टवेयर विकसित करने संबंधित निर्देश प्राप्त करने के लिए अनुमति मांगी है. मगर मैन्युअल आधार पर यहां सामान्य लोगों का प्रवेश रोक दिया गया है. सुबह सभी कर्मचारियों की एंट्री यहां परिचय पत्र देखकर होती है. सभी के गले में परिचय पत्र डालना अनिवार्य कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने सरकारी दफ्तर में बाहरी लोगों के प्रवेश को लेकर आपत्ति जताई थी और इससे शक्ति से निपटने के लिए कहा था. लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय में ठेकेदारों और दलालों का प्रवेश आम बात थी. इस वजह से यहां भ्रष्टाचार की आशंका बनी रहती थी. इसलिए नई व्यवस्था को शुरू किया गया है. आम लोगों को प्रवेश अधिकारी या कर्मचारी की स्वीकृति मिलने के बाद ही मिलेगा. इसके बाद में उनका गेट पर रजिस्टर में एंट्री करनी होती है. रजिस्टर पर एंट्री के बाद ही लोगों को प्रवेश मिल रहा है.