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श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के विभागों का होगा कंजप्शन ऑडिट, पांच साल का देना होगा लेखा-जोखा - SRINAGAR MEDICAL COLLEGE

श्रीनगर बेस टीचिंग चिकित्सालय के सभी विभागों को पांच साल का लेखा-जोखा देना होगा, क्योंकि सभी विभागों का कंजप्शन ऑडिट होने जा रहा है.

Srinagar Medical College
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 8, 2024, 3:50 PM IST

Updated : Oct 8, 2024, 3:56 PM IST

श्रीनगर: राजकीय मेडिकल कॉलेज के बेस टीचिंग चिकित्सालय के 22 से अधिक विभाग और अनुभाग को पिछले पांच सालों में उपयोग किये गये सभी तरह के सामान का लेखा-जोखा देना होगा. इसके लिए कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कंजप्शन ऑडिट कराने के लिए अस्पताल के प्रत्येक विभाग को पत्र भेजकर सूचना तैयार करने के निर्देश दिये हैं. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मेडिकल कॉलेजों के ऑडिट के निर्देश के बाद यह कार्रवाई मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य द्वारा अमल में लाई गई है.

बेस चिकित्सालय में सर्जरी, आर्थो, गायनोकॉलोजिस्ट, पीडियाट्रिक, मेडिसिन, ईएनटी, रेस्पिरेटरी, रेडियोथेरेपी, डेंटल, स्कीन, रेडियोलॉजी और मनोरोग सहित अन्य विभाग और अनुभाग चल रहे हैं, जिसमें मरीजों के साथ-साथ कार्यालय, ओपीडी और आईपीडी के लिए उपयोग हेतु विभागों के क्लर्क और स्टोर कीपर द्वारा पेंसिल, पेन रजिस्टर से लेकर छोटी-बड़ी मशीनें, फर्नीचर, कंप्यूटर सामाग्री, दवाईयां और अन्य consumable और NON consumable वस्तुएं विभागाध्यक्षों की डिमांड पर मेडिकल और अस्पताल प्रशासन से ली जाती हैं.

उक्त सामान का समूचित रिकॉर्ड विभागीय स्टॉक रजिस्टर में अंकित किया जाता है. स्टॉक रजिस्टर में अंकित सामान का पांच सालों में सभी रिकॉर्ड की जानकारी के लिए कॉलेज प्रशासन ने कंजप्शन ऑडिट करने का निर्णय लिया है, ताकि विभागों द्वारा अभी तक नियमानुसार उपभोग किये गये सामान की सही जानकारी मिल सके. यहीं नहीं उपभोग्य वस्तुएं और नोन उपभोग्य वस्तुएं दोनों प्रकार के सामानों का लेखा-जोखा स्टॉक रजिस्टर में अंकित करना होता है , जो कि प्रतिवर्ष विभागाध्यक्ष / प्रभारी द्वारा सत्यापित किया जाता है.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि विभागों द्वारा ली गई सामाग्री का लेखा-जोखा अपने विभागीय स्टॉक रजिस्टर में अंकित किया जाता है. प्रतिवर्ष के अंतिम माह में पूरा लेखा-जोखा विभागाध्यक्ष / इंचार्ज द्वारा सत्यापित व हस्ताक्षरित किया जाता है, जिसमें विभाग के क्लर्क एवं स्टोर कीपर पर संपूर्ण लेखा-जोखा रखने की जिम्मेदारी होती है. उन्होंने कहा कि विभागों को अभी तक लिए गए सभी प्रकार के सामानों का हिसाब-किताब बताना होगा.

डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि संस्थान द्वारा गठित कंजप्शन ऑडिट टीम द्वारा पिछले 5 वर्षों का प्रत्येक विभागीय ऑडिट 1 नवंबर, 2024 से शुरू किया जाना है. सभी विभागों को पांच सालों की स्टॉक रजिस्टर रिपोर्ट को नियमानुसार पूर्णत तैयार कर कंजप्शन ऑडिट टीम के समक्ष प्रस्तुत कना होगा. उन्होंने कहा कि प्राचार्य ने उक्त कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतने के निर्देश दिए हैं. वहीं, अगर लापरवाही बरती गई, तो नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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बेस चिकित्सालय में सर्जरी, आर्थो, गायनोकॉलोजिस्ट, पीडियाट्रिक, मेडिसिन, ईएनटी, रेस्पिरेटरी, रेडियोथेरेपी, डेंटल, स्कीन, रेडियोलॉजी और मनोरोग सहित अन्य विभाग और अनुभाग चल रहे हैं, जिसमें मरीजों के साथ-साथ कार्यालय, ओपीडी और आईपीडी के लिए उपयोग हेतु विभागों के क्लर्क और स्टोर कीपर द्वारा पेंसिल, पेन रजिस्टर से लेकर छोटी-बड़ी मशीनें, फर्नीचर, कंप्यूटर सामाग्री, दवाईयां और अन्य consumable और NON consumable वस्तुएं विभागाध्यक्षों की डिमांड पर मेडिकल और अस्पताल प्रशासन से ली जाती हैं.

उक्त सामान का समूचित रिकॉर्ड विभागीय स्टॉक रजिस्टर में अंकित किया जाता है. स्टॉक रजिस्टर में अंकित सामान का पांच सालों में सभी रिकॉर्ड की जानकारी के लिए कॉलेज प्रशासन ने कंजप्शन ऑडिट करने का निर्णय लिया है, ताकि विभागों द्वारा अभी तक नियमानुसार उपभोग किये गये सामान की सही जानकारी मिल सके. यहीं नहीं उपभोग्य वस्तुएं और नोन उपभोग्य वस्तुएं दोनों प्रकार के सामानों का लेखा-जोखा स्टॉक रजिस्टर में अंकित करना होता है , जो कि प्रतिवर्ष विभागाध्यक्ष / प्रभारी द्वारा सत्यापित किया जाता है.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि विभागों द्वारा ली गई सामाग्री का लेखा-जोखा अपने विभागीय स्टॉक रजिस्टर में अंकित किया जाता है. प्रतिवर्ष के अंतिम माह में पूरा लेखा-जोखा विभागाध्यक्ष / इंचार्ज द्वारा सत्यापित व हस्ताक्षरित किया जाता है, जिसमें विभाग के क्लर्क एवं स्टोर कीपर पर संपूर्ण लेखा-जोखा रखने की जिम्मेदारी होती है. उन्होंने कहा कि विभागों को अभी तक लिए गए सभी प्रकार के सामानों का हिसाब-किताब बताना होगा.

डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि संस्थान द्वारा गठित कंजप्शन ऑडिट टीम द्वारा पिछले 5 वर्षों का प्रत्येक विभागीय ऑडिट 1 नवंबर, 2024 से शुरू किया जाना है. सभी विभागों को पांच सालों की स्टॉक रजिस्टर रिपोर्ट को नियमानुसार पूर्णत तैयार कर कंजप्शन ऑडिट टीम के समक्ष प्रस्तुत कना होगा. उन्होंने कहा कि प्राचार्य ने उक्त कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतने के निर्देश दिए हैं. वहीं, अगर लापरवाही बरती गई, तो नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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Last Updated : Oct 8, 2024, 3:56 PM IST
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