समस्तीपुर: मसालों के बिना किसी का भी किचन अधूरा है. मसाला कारोबार खुद में एक बड़ा कारोबार है. वहीं अगर समस्तीपुर की बात करें तो, यहां का कृषि उत्पादन बाजार समिति मुक्तापुर उत्तर बिहार का सबसे बड़ा मसाला का केंद्र है. सरकार की ओर से 60 करोड़ की लागत से इस बाजार को राष्ट्रीय स्तर का बाजार बनाया जा रहा है, लेकिन इसका निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है.
![समस्तीपुर का मसाला बाजार](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16-05-2024/21473560_masaldaa.png)
राष्ट्रीय स्तर का बनेगा मसाला बाजार: दरअसल इस बड़े केंद्र को हाईटेक करने व किसानों को राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोड़ने के मकसद से बीते कई वर्षों से राष्ट्रीय स्तर का बाजार बनाने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है. नए निर्माण को लेकर यहां बड़ी संख्या में जर्जर पुरानी दुकानों को तोड़कर आगे का काम किया जा रहा है, जिसकी रफ्तार धीमी है.
![समस्तीपुर का मसाला बाजार](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16-05-2024/21473560_masala.png)
खुले आसमां के नीचे दुकान लगा रहे कारोबारी: एक बेहतर कल की आस में यहां के पुराने दुकानदार अपने दुकान को छोड़ खुले आसमान के नीचे अपनी दुकान लगा रहे हैं. यहां के कारोबारी उम्मीद लगाए हैं, कि जितनी जल्दी निर्माण कार्य पूरा होगा उतनी ही जल्दी उन्हें इसका लाभ मिलेगा. दुकानदारों का कहना है कि नए निर्माण से यहां बेहतर सुविधा मिलने के साथ ही बाजार का स्तर बढ़ेगा, लेकिन निर्माण की रफ्तार काफी सुस्त है.
![समस्तीपुर का मसाला बाजार](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16-05-2024/21473560_masalaa.png)
ग्लोबल बाजार बनने से कारोबारियों को फायदा: बताया जाता है कि यहां रोज बड़े स्तर पर मसाला का कारोबार होता है, लेकिन रविवारीय हाट सबसे खास होता है. समस्तीपुर के इस मसाला बाजार की स्थिति खस्ताहाल हो गई थी. बीते कई साल से यह पूरी तरह जर्जर था, वहीं इस बाजार की ओर आने-जाने वाली सड़कों की स्थिति भी बदहाल थी. जिससे व्यापारियों को भी काफी परेशानी होती थी. इन सभी परेशानियों को देखते हुए सरकार की ओर से व्यापारियों को सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निर्माण कार्य की योजना शुरू की गई ताकि इस मसाला बाजार का कारोबार और बढे और स्थानीय किसानों को अधिक से अधिक मुनाफा मिले.
"अभी के एसडीएम साहब के निर्देश पर हमें हर तरह की सुवीधा दी जा रही है. हालांकि बाजार समिति बनाने की प्रक्रिया थोड़ी धीमी है, लेकिन इसे आधुनिक तरीके से बनाया जा रहा है. अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि यहीं पर रहकर व्यापार करें, ताकि जब कुछ सालों में यह बनकर तैयार हो जाएगा, तो इसका लाभ जरूर मिलेगा."- रंजन कुमार गुप्ता, दुकानदार
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