उत्तरकाशी: यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल अब साल 2025 तक ही बनकर तैयार होगी. हादसे के बाद सुरंग के निर्माण के लिए एक सप्ताह पूर्व केंद्र की अनुमति मिल चुकी है, लेकिन सुरंग के निर्माण की ओर कदम बेहद सावधानी से बढ़ाए जा रहे हैं. ताकि निर्माण के दौरान कोई खतरा न रहे.
कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि अब सुरंग निर्माण को लेकर पूरी सावधानी बरती जा रही है, जिसके चलते सुरंग निर्माण में डेढ़ साल का समय लगना तय है. दरअसल, चारधाम सड़क परियोजना के तहत करीब 853.79 करोड़ लागत से निर्माणाधीन 4.5 किमी लंबी सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग का निर्माण इस साल मार्च तक पूरा होना था, लेकिन बीते साल 12 नवंबर को सुरंग के सिलक्यारा मुहाने के पास हुए भूस्खलन हादसे के बाद इसका निर्माण दो माह तक बंद रहा. इस दौरान 41 मजदूर भी अंदर फंसे गए थे, जिन्हें 17 दिन के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाला गया.
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इस हादसे के बाद सिलक्यारा टनल का काम बंद हो गया था, लेकिन एक हफ्ते पहले यानी बीती 23 जनवरी को ही केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कार्यदायी संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) को सुरंग निर्माण शुरू करने की अनुमति दी, जिसके बाद कार्यदायी संस्था ने बड़कोट छोर से सुरंग निर्माण संबंधी कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने के करीब भूस्खलन के मलबे के कारण ये काम नहीं हो पा रहे हैं. जिनमें सुरंग के सुदृढ़ीकरण के साथ पानी निकालने और मलबा हटाने का काम शामिल है.
अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में कार्यदायी संस्था के साथ निर्माण कंपनी के लोग जोखिम के बीच भी सुरंग निर्माण कार्य को रात-दिन पूरा करने में लगे हुए थे. यही वजह है कि दीपावली के त्यौहार से एक दिन पहले भी यहां निर्माण कार्य जोरों पर था, लेकिन अब हादसे के बाद कार्यदायी संस्था और निर्माण कंपनी के लोग किसी भी तरह का जोखिम लेने से पहले सुरक्षा पुख्ता करना चाहते हैं. ऐसे में सुरंग निर्माण पूरा होने में यहां अभी एक से डेढ़ साल का समय लग सकता है. बता दें कि अभी करीब 480 मीटर सुरंग की खुदाई शेष है.
अधिकारी का बयान: दरअसल, सिलक्यारा छोर से टनल की स्ट्रेंग्थनिंग, पानी निकालने और फिर मलबा हटाने के बाद ही निर्माण शुरू होगा. ऐसे में सुरंग के ब्रेक थ्रू यानी आर-पार होने में एक साल का समय लगेगा. ब्रेक थ्रू मिलने के बाद शेष काम पूरा करने में छह माह का समय और लगेगा. ऐसे में सुरंग निर्माण वर्ष 2025 तक ही पूरा होगा.