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लखनऊ से प्रयागराज, कानपुर, हरदोई और मेरठ का सफर जल्द होगा आसान, दो एक्सप्रेस वे और एक हाईवे देगा राहत - Ganga Expressway - GANGA EXPRESSWAY

प्रयागराज से मेरठ तक गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण (Ganga Expressway) बहुत जल्द पूरा हो जाएगा. इसका निर्माण लगभग 65% पूरा हो चुका है. इस वर्ष नवंबर तक यह एक्सप्रेस वे शुरू हो जाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 28, 2024, 8:47 AM IST

Updated : May 28, 2024, 11:36 AM IST

लखनऊ : लखनऊ से प्रयागराज, कानपुर और मेरठ पहुंचना आसान होगा. गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 65% पूरा हो चुका है. इस वर्ष नवंबर तक यह एक्सप्रेस वे शुरू हो जाएगा. लखनऊ से लोग पांच घंटे में मेरठ और तीन घंटे में प्रयागराज पहुंच सकेंगे. इसके अलावा लखनऊ-हरदोई हाईवे सितंबर तक पूरा हो जाएगा. जिससे दिल्ली की राह दो घंटे कम हो जाएगी. लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे भी सितंबर, अक्टूबर में शुरू हो सकता है. जिसकी वजह से लखनऊ से कई शहरों का रास्ता आसान इसी साल होगा.

दो एक्सप्रेस वे और एक हाईवे देगा रहता
दो एक्सप्रेस वे और एक हाईवे देगा रहता (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)


देश के टॉप 10 लंबे एक्सप्रेस-वे में यूपी के चार एक्सप्रेस वे शामिल हैं. गंगा एक्सप्रेसवे बनने के बाद इनकी संख्या पांच हो जाएगी. इससे 12 जिले हाई स्पीड ट्रैफिक से जुड़ेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगामी महाकुंभ 2025 से पहले उत्तर प्रदेश को एक और बड़ी सौगात देने की तैयारी में हैं. देश के दूसरे सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे को साल के अंत तक संचालित करने के लिए बड़े स्तर पर कार्य करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने यूपीडा के अधिकारियों को दिये हैं. उत्तर प्रदेश फिलहाल देश में सर्वाधिक एक्सप्रेस-वे वाला राज्य है. यहां 6 एक्सप्रेस-वे संचालित हैं, जबकि 7 निर्माणाधीन हैं. इनमें गंगा एक्सप्रेस-वे सीएम योगी की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना है. गंगा एक्सप्रेस-वे की प्रस्तावित लंबाई 594 किमी है, जो मुम्बई-नागपुर एक्सप्रेस-वे के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनने जा रहा है. वहीं, भारत के टॉप 10 लंबे एक्सप्रेस-वे में भी प्रदेश के चार एक्सप्रेस-वे पहले से ही अपना स्थान बनाए हुए हैं. गंगा एक्सप्रेस-वे के संचालन के साथ ही शीर्ष 10 में यूपी के 5 एक्सप्रेस-वे शामिल हो जाएंगे.




मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यदायी एजेंसी यूपीडा के अधिकारियों के साथ गंगा एक्सप्रेस वे को शुरू करने के संबंध में गहन बैठक करते हुए हर हाल में साल के अंत तक गंगा एक्सप्रेस-वे को संचालित करने के निर्देश दिए हैं. 2025 में महाकुंभ से पहले ही इस बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेस-वे को शुरू कर दिया जाएगा. प्रदेश को पूरब से पश्चिम तक जोड़ते हुए ये एक्सप्रेस-वे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा. इसके बाद मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज को जोड़ेगा.

2025 में महाकुंभ से पहले ही इस बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेस-वे को शुरू कर दिया जाएगा. प्रदेश को पूरब से पश्चिम तक जोड़ते हुए ये एक्सप्रेस-वे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा. इसके बाद मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक की दूरी को महज कुछ घंटों में ही तय किया जा सकेगा. यूपीडा के एमडी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि महाकुम्भ 2025 से पहले गंगा एक्सप्रेस वे पर वाहन दौड़ने लगेंगे. जिससे यूपी के लोगों को आवागमन में राहत होगी.


कानपुर से लखनऊ की दूरी 45 मिनट में तय हो जाएगी : लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद की जा रही है. लगभग 65 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के जरिए कानपुर से लखनऊ की दूरी मात्र 45 मिनट में पूरी हो जाएगी. लखनऊ के गांव की पिपरसंड से लेकर उन्नाव में ट्रांस गंगा सिटी तक इस एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग अंतिम दौर में है.


जल्द पूरा हो जाएगा लखनऊ हरदोई रोड : नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया लखनऊ की अंधे की चौकी से लेकर हरदोई, शाहजहांपुर बॉर्डर तक हाईवे का निर्माण कर रही है. लगभग 65% निर्माण पूरा हो चुका है. इस हाईवे का निर्माण हो जाने से लखनऊ और दिल्ली के बीच सफर में 2 घंटे की कमी आएगी. मात्र 1 घंटे में लखनऊ से लोग हरदोई पहुंच जाएंगे.


दो एक्सप्रेसवे और एक हाईवे देगा रहता : लखनऊ से प्रयागराज, कानपुर और मेरठ पहुंचना आसान होगा. गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 65% पूरा हो चुका है. इस वर्ष नवंबर तक यह एक्सप्रेसवे शुरू हो जाएगा. जिससे लोग 5 घंटे में मेरठ और 3 घंटे में प्रयागराज पहुंच सकेंगे. इसके अलावा लखनऊ, हरदोई हाईवे सितंबर तक पूरा हो जाएगा. जिससे दिल्ली की राह 2 घंटे कम हो जाएगी.


गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में (एनएच 19) पर जूडापुर दादू गांव के समीप पर समाप्त होगा. 7467 हेक्टेयर भूमि पर तैयार होने वाले इस एक्सप्रेस-वे परियोजना की लागत 36,230 करोड़ रुपए है. गंगा एक्सप्रेस-वे को शुरुआत में छह लेन, जबकि आगे चलकर आठ लेन में विस्तार किये जाने का प्रस्ताव है. इसकी डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा होगी. एक्सप्रेस-वे पर विभिन्न स्थानों पर 9 जनसुविधा परिसरों को विकसित किया जाएगा. दो स्थानों पर मुख्य टोल प्लाजा (मेरठ और प्रयागराज) जबकि, रैम्प टोल प्लाजा 15 स्थानों पर प्रस्तावित है.



गंगा नदी पर (960 मीटर) और रामगंगा नदी पर (720 मीटर) जैसे बड़े सेतु का निर्माण भी होना है. यही नहीं शाहजहांपुर के जलालाबाद तहसील के पास 3.50 किमी लंबे हवाई पट्टी का भी निर्माण होगा. गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के दौरान चार प्रमुख विभागों से मिलने वाली 153 अनापत्तियों में से 141 को प्राप्त कर लिया गया है. इनमें एनएचएआई/पीडब्लूयडी से 48 में से 44, रेलवे से 7 में से 7, सिंचाई विभाग से 88 में से 82 और फ्यूल पाइपलाइन से 10 में से 8 अनापत्तियां प्राप्त कर ली गई हैं.

यह भी पढ़ें : इलेक्ट्रिक वाहन चालकों के लिए राहत, यूपी के सभी एक्सप्रेस वे पर अगस्त से शुरू होंगे ई चार्जिंग स्टेशन

यह भी पढ़ें : अब तेजी पकड़ेगा देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे को बनाने का काम, मिल गई पर्यावरण विभाग की एनओसी

लखनऊ : लखनऊ से प्रयागराज, कानपुर और मेरठ पहुंचना आसान होगा. गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 65% पूरा हो चुका है. इस वर्ष नवंबर तक यह एक्सप्रेस वे शुरू हो जाएगा. लखनऊ से लोग पांच घंटे में मेरठ और तीन घंटे में प्रयागराज पहुंच सकेंगे. इसके अलावा लखनऊ-हरदोई हाईवे सितंबर तक पूरा हो जाएगा. जिससे दिल्ली की राह दो घंटे कम हो जाएगी. लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे भी सितंबर, अक्टूबर में शुरू हो सकता है. जिसकी वजह से लखनऊ से कई शहरों का रास्ता आसान इसी साल होगा.

दो एक्सप्रेस वे और एक हाईवे देगा रहता
दो एक्सप्रेस वे और एक हाईवे देगा रहता (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)


देश के टॉप 10 लंबे एक्सप्रेस-वे में यूपी के चार एक्सप्रेस वे शामिल हैं. गंगा एक्सप्रेसवे बनने के बाद इनकी संख्या पांच हो जाएगी. इससे 12 जिले हाई स्पीड ट्रैफिक से जुड़ेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगामी महाकुंभ 2025 से पहले उत्तर प्रदेश को एक और बड़ी सौगात देने की तैयारी में हैं. देश के दूसरे सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे को साल के अंत तक संचालित करने के लिए बड़े स्तर पर कार्य करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने यूपीडा के अधिकारियों को दिये हैं. उत्तर प्रदेश फिलहाल देश में सर्वाधिक एक्सप्रेस-वे वाला राज्य है. यहां 6 एक्सप्रेस-वे संचालित हैं, जबकि 7 निर्माणाधीन हैं. इनमें गंगा एक्सप्रेस-वे सीएम योगी की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना है. गंगा एक्सप्रेस-वे की प्रस्तावित लंबाई 594 किमी है, जो मुम्बई-नागपुर एक्सप्रेस-वे के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनने जा रहा है. वहीं, भारत के टॉप 10 लंबे एक्सप्रेस-वे में भी प्रदेश के चार एक्सप्रेस-वे पहले से ही अपना स्थान बनाए हुए हैं. गंगा एक्सप्रेस-वे के संचालन के साथ ही शीर्ष 10 में यूपी के 5 एक्सप्रेस-वे शामिल हो जाएंगे.




मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यदायी एजेंसी यूपीडा के अधिकारियों के साथ गंगा एक्सप्रेस वे को शुरू करने के संबंध में गहन बैठक करते हुए हर हाल में साल के अंत तक गंगा एक्सप्रेस-वे को संचालित करने के निर्देश दिए हैं. 2025 में महाकुंभ से पहले ही इस बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेस-वे को शुरू कर दिया जाएगा. प्रदेश को पूरब से पश्चिम तक जोड़ते हुए ये एक्सप्रेस-वे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा. इसके बाद मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज को जोड़ेगा.

2025 में महाकुंभ से पहले ही इस बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेस-वे को शुरू कर दिया जाएगा. प्रदेश को पूरब से पश्चिम तक जोड़ते हुए ये एक्सप्रेस-वे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा. इसके बाद मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक की दूरी को महज कुछ घंटों में ही तय किया जा सकेगा. यूपीडा के एमडी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि महाकुम्भ 2025 से पहले गंगा एक्सप्रेस वे पर वाहन दौड़ने लगेंगे. जिससे यूपी के लोगों को आवागमन में राहत होगी.


कानपुर से लखनऊ की दूरी 45 मिनट में तय हो जाएगी : लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद की जा रही है. लगभग 65 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के जरिए कानपुर से लखनऊ की दूरी मात्र 45 मिनट में पूरी हो जाएगी. लखनऊ के गांव की पिपरसंड से लेकर उन्नाव में ट्रांस गंगा सिटी तक इस एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग अंतिम दौर में है.


जल्द पूरा हो जाएगा लखनऊ हरदोई रोड : नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया लखनऊ की अंधे की चौकी से लेकर हरदोई, शाहजहांपुर बॉर्डर तक हाईवे का निर्माण कर रही है. लगभग 65% निर्माण पूरा हो चुका है. इस हाईवे का निर्माण हो जाने से लखनऊ और दिल्ली के बीच सफर में 2 घंटे की कमी आएगी. मात्र 1 घंटे में लखनऊ से लोग हरदोई पहुंच जाएंगे.


दो एक्सप्रेसवे और एक हाईवे देगा रहता : लखनऊ से प्रयागराज, कानपुर और मेरठ पहुंचना आसान होगा. गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 65% पूरा हो चुका है. इस वर्ष नवंबर तक यह एक्सप्रेसवे शुरू हो जाएगा. जिससे लोग 5 घंटे में मेरठ और 3 घंटे में प्रयागराज पहुंच सकेंगे. इसके अलावा लखनऊ, हरदोई हाईवे सितंबर तक पूरा हो जाएगा. जिससे दिल्ली की राह 2 घंटे कम हो जाएगी.


गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में (एनएच 19) पर जूडापुर दादू गांव के समीप पर समाप्त होगा. 7467 हेक्टेयर भूमि पर तैयार होने वाले इस एक्सप्रेस-वे परियोजना की लागत 36,230 करोड़ रुपए है. गंगा एक्सप्रेस-वे को शुरुआत में छह लेन, जबकि आगे चलकर आठ लेन में विस्तार किये जाने का प्रस्ताव है. इसकी डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा होगी. एक्सप्रेस-वे पर विभिन्न स्थानों पर 9 जनसुविधा परिसरों को विकसित किया जाएगा. दो स्थानों पर मुख्य टोल प्लाजा (मेरठ और प्रयागराज) जबकि, रैम्प टोल प्लाजा 15 स्थानों पर प्रस्तावित है.



गंगा नदी पर (960 मीटर) और रामगंगा नदी पर (720 मीटर) जैसे बड़े सेतु का निर्माण भी होना है. यही नहीं शाहजहांपुर के जलालाबाद तहसील के पास 3.50 किमी लंबे हवाई पट्टी का भी निर्माण होगा. गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के दौरान चार प्रमुख विभागों से मिलने वाली 153 अनापत्तियों में से 141 को प्राप्त कर लिया गया है. इनमें एनएचएआई/पीडब्लूयडी से 48 में से 44, रेलवे से 7 में से 7, सिंचाई विभाग से 88 में से 82 और फ्यूल पाइपलाइन से 10 में से 8 अनापत्तियां प्राप्त कर ली गई हैं.

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यह भी पढ़ें : अब तेजी पकड़ेगा देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे को बनाने का काम, मिल गई पर्यावरण विभाग की एनओसी

Last Updated : May 28, 2024, 11:36 AM IST
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