झांसी : कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात हुए गोलीकांड को शायद ही कोई भूला हो. गैंगस्टर विकास दुबे को अरेस्ट करने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार में 6 से अधिक पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. इसी प्रकार की घटना झांसी में हो जाती, अगर पुलिस सतर्क न होती. झांसी पुलिस ने हमला करने वाले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इसमें एक आरोपी उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही है और दूसरा उसका भाई है.
पुलिस के मुताबिक झांसी के नवाबाद थाना क्षेत्र के बजरंग कॉलोनी निवासी योगेंद्र और सुरेंद्र 2 भाई रहते हैं. सुरेंद्र महोबा में करवई थाने में सिपाही है. उसके पिता यशवंत सिंह यूपी पुलिस में दरोगा थे. उनकी पोस्टिंग लंबे अर्से तक झांसी में रही. अब रिटायर हो चुके हैं. देर रात डायल 112 को सूचना मिली कि बजरंग कॉलोनी में योगेंद्र और सुरेंद्र में संपत्ति को लेकर विवाद हो रहा है. इस सूचना पर पीआरवी 0364 मौके पर पहुंची. पुलिस को देख दोनों भाई भड़क गए और पुलिस टीम पर लाइसेंसी रायफल से फायरिंग कर दी. किसी प्रकार पीआरवी टीम ने जान बचाई और अधिकारियों को सूचना दी. पुलिस अधिकारियों के पहुंचने से पहले आरोपियों ने पुलिस की गाड़ी में आग लगा दी.
घटना की सूचना पर एसएसपी राजेश एस. सहित कई थानों की फोर्स और स्वाट टीम मौके पर पहुंची. एक आरोपी सिपाही सुरेंद्र को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया. इस दौरान उसका भाई योगेंद्र भाग निकला. बाद में पुलिस टीम ने पीछा करके उसे मेडिकल कॉलेज के पीछे जंगल से गिरफ्तार कर लिया. बताया जा रहा है कि योगेंद्र ने पीछा कर रही पुलिस टीम पर फायरिंग भी की. मुठभेड़ के दौरान योगेंद्र के पैर में गोली लगी है. उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
एसएसपी राजेश एस. ने बताया कि दोनों भाइयों के विवाद की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी. इस दौरान दोनों भाइयों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी और सरकारी गाड़ी जला दी. एक आरोपी सुरेंद्र पुलिस का सिपाही है, उसकी पोस्टिंग से संबंधित जिले के पुलिस कप्तान को अवगत करा दिया गया है. केस पंजीकृत कर विधिक कार्रवाई की जा रही है.
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