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NCERT BOOK से बाबरी मस्जिद का जिक्र हटाने पर अयोध्या में सहमति, इकबाल अंसारी और संतों ने कहा- बच्चों को नहीं चाहिए बांटने वाली शिक्षा - Ncert

एनसीईआरटी ने अपनी किताबों में कई बदलाव किए (NCERT) हैं, जिसको लेकर कई तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर अयोध्या में एक सामन सहमित दिख रही है. बाबरी पक्षकार रहे इकबाल अंसारी और साधु संतों ने एक राय से कहा कि बच्चों को बांटने वाली शिक्षा से दूर रखना चाहिए.

इकबाल अंसारी और संतों ने कहा कि बच्चों को बांटने वाली शिक्षा नहीं पढ़ाई जानी चाहिए
इकबाल अंसारी और संतों ने कहा कि बच्चों को बांटने वाली शिक्षा नहीं पढ़ाई जानी चाहिए (PHOTO CREDIT ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 17, 2024, 10:58 PM IST

NCERT को लेकर अयोध्या में आम सहमति (video credit ETV BHARAT)

अयोध्या: NCERT की 12वीं की पॉलिटिकल साइंस की किताब में कई बदलाव किए हैं जिसको लेकर देशभर में बवाल मचा है. वहीं किताब से बाबरी मस्जिद, भगवान राम, श्रीराम, रथ यात्रा, कारसेवा और विध्वंस के बाद की हिंसा की जानकारी हटा जाने को लेकर अयोध्या के साधु संतों और बाबरी पक्षकार रहे इकबाल अंसारी में सहमति जताई है. संतों की माने तो बाबर आक्रांता था. जिसने हजारों मंदिरों को तोड़ा, अब एनसीईआरटी की ओर से जो शिक्षा नीति लागू की गई है. उसमें बाबरनामा को हटाकर तीन गुंबद के नाम से जाना जाएगा और कोई हिंसक चीज नहीं पढ़ाई जाएगी. समाज की ताने बाने को बनाए रखने के लिए भारतीय शिक्षा नीति के साथ बच्चे आगे बढ़े.

वहीं इकबाल अंसारी ने कहा कि, जब मंदिर मस्जिद का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया. जिसे मुस्लिम समाज के लोगों ने सम्मान किया. जिन लोगों की यह सोच है कि, इन बातों को दोहराया ना जाए उसे बेहतर मानते हैं. हम चाहते हैं कि, हमारे देश में ऐसी कोई चीज ना पढ़ाई जाए, ना बताई जाए जिससे खबर माहौल पैदा हो यह बहुत ही स्वागत योग्य कार्य है.

युवा संत दिवाकर आचार्य ने कहा कि, बाबर क्रूर आक्रांता था. हजारों मंदिरों को तोड़ने और लाखों राम भक्तों का संहार किया. लेकिन जो शिक्षा नीति एनसीईआरटी की ओर से लागू की गई है. बाबरनामा को हटाकर तीन गुंबद के नाम से जाना जाएगा. और कोई हिंसक चीज नहीं पढ़ाई जाएगी. यह एक अच्छी पहल है. हमारे बच्चों को वीर महाराणा प्रताप शिवाजी जैसे महापुरुषों के इतिहास को पढ़ाई जाना चाहिए. ना कि बाबर, अकबर और औरंगजेब जैसे आक्रांताओं के बारे में पढ़ाए जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: किताबों से बाबरी मस्जिद का जिक्र हटाने पर भड़के मौलान शहाबुद्दीन रजवी, बोले- इतिहास के साथ की जा रही छेड़छाड़ - NCERT

NCERT को लेकर अयोध्या में आम सहमति (video credit ETV BHARAT)

अयोध्या: NCERT की 12वीं की पॉलिटिकल साइंस की किताब में कई बदलाव किए हैं जिसको लेकर देशभर में बवाल मचा है. वहीं किताब से बाबरी मस्जिद, भगवान राम, श्रीराम, रथ यात्रा, कारसेवा और विध्वंस के बाद की हिंसा की जानकारी हटा जाने को लेकर अयोध्या के साधु संतों और बाबरी पक्षकार रहे इकबाल अंसारी में सहमति जताई है. संतों की माने तो बाबर आक्रांता था. जिसने हजारों मंदिरों को तोड़ा, अब एनसीईआरटी की ओर से जो शिक्षा नीति लागू की गई है. उसमें बाबरनामा को हटाकर तीन गुंबद के नाम से जाना जाएगा और कोई हिंसक चीज नहीं पढ़ाई जाएगी. समाज की ताने बाने को बनाए रखने के लिए भारतीय शिक्षा नीति के साथ बच्चे आगे बढ़े.

वहीं इकबाल अंसारी ने कहा कि, जब मंदिर मस्जिद का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया. जिसे मुस्लिम समाज के लोगों ने सम्मान किया. जिन लोगों की यह सोच है कि, इन बातों को दोहराया ना जाए उसे बेहतर मानते हैं. हम चाहते हैं कि, हमारे देश में ऐसी कोई चीज ना पढ़ाई जाए, ना बताई जाए जिससे खबर माहौल पैदा हो यह बहुत ही स्वागत योग्य कार्य है.

युवा संत दिवाकर आचार्य ने कहा कि, बाबर क्रूर आक्रांता था. हजारों मंदिरों को तोड़ने और लाखों राम भक्तों का संहार किया. लेकिन जो शिक्षा नीति एनसीईआरटी की ओर से लागू की गई है. बाबरनामा को हटाकर तीन गुंबद के नाम से जाना जाएगा. और कोई हिंसक चीज नहीं पढ़ाई जाएगी. यह एक अच्छी पहल है. हमारे बच्चों को वीर महाराणा प्रताप शिवाजी जैसे महापुरुषों के इतिहास को पढ़ाई जाना चाहिए. ना कि बाबर, अकबर और औरंगजेब जैसे आक्रांताओं के बारे में पढ़ाए जाना चाहिए.

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