नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी द्वारा 31 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करने के बाद अब कांग्रेस ने भी 21 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं. कांग्रेस ने पहली सूची में अनुभवी प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है तो कुछ सीटों पर नए चेहरे को भी उम्मीदवार घोषित किया है. कांग्रेस की तरफ से जारी पहली सूची में पूर्वी दिल्ली से सांसद रहे संदीप दीक्षित का नाम भी प्रमुख है. वहीं मौजूदा दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव भी बादली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.
नई दिल्ली सीट से संदीप दीक्षित प्रत्याशी: राजनीतिक विश्लेषक मनोज मिश्र का कहना है कि यह पहला मौका है जब शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित को इसी सीट से पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है. आम आदमी पार्टी ने अभी तक इस सीट पर प्रत्याशी का नाम का ऐलान नहीं किया है, मगर पिछले तीन चुनाव में अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं. ऐसे में नई दिल्ली हाई प्रोफाइल सीट बन गई है. बीजेपी ने अभी नई दिल्ली सीट से प्रत्याशियों का नाम ऐलान नहीं किया है. लेकिन चर्चा है कि पश्चिमी दिल्ली के पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा यहां से चुनाव लड़ सकते हैं. गुरुवार शाम को उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी फोटो भी एक पोस्ट की थी. जिससे प्रवेश वर्मा के नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है तेज हो गई है.
कांग्रेस ने पहली सूची में जो नाम शामिल किया है यह पार्टी के फैसले को सशक्त नेतृत्व को मैदान में उतरने के रूप में देखा जा रहा है. नई दिल्ली सीट विधानसभा चुनाव में हमेशा सुर्खियों में रहा है. इस सीट से कांग्रेस वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित लगातार तीन बार जीतती आई थी और वह मुख्यमंत्री बनी. वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल इस सीट से चुनाव लड़ें, तो शीला दीक्षित चुनाव हार गई. मनोज मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
कांग्रेस की रणनीति: परिवारवाद या विकास? कांग्रेस द्वारा जारी प्रत्याशियों के नाम की सूची को देखें तो इसमें परिवारवाद की भी झलक देखने को मिल रही है. संदीप दीक्षित के अलावे चांदनी चौक लोकसभा सीट से पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया है. दूसरी तरफ आदर्श नगर विधानसभा सीट से विधायक व कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे मंगतराम सिंघल के पोते शिवांग सिंघल को कांग्रेस ने इस सीट से टिकट दिया है. पार्टी द्वारा जारी सूची के माध्यम से कांग्रेस सामाजिक, राजनीतिक, समीकरण को साधने में जुट गई है. तो पार्टी ने अपने पुराने विधायकों को और वरिष्ठ नेताओं को भी टिकट देकर विधानसभा चुनाव को रोचक बना दिया है.
यह भी पढ़ें- दिल्ली में कांग्रेस की 21 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी, नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल को सीधी चुनौती
वहीं, उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सुल्तानपुर माजरा सीट से कई बार विधायक रह चुके जय किशन को एक बार फिर पार्टी ने टिकट दिया है. शीला सरकार में मंत्री रहे हारून यूसुफ को भी पार्टी ने पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान विधानसभा सीट से टिकट देकर उन पर भरोसा जताया है. कांग्रेस के पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज का विधानसभा क्षेत्र पार्टी ने बदल दिया. पहले वह त्रिनगर विधानसभा सीट से विधायक रहे थे. इस बार पार्टी ने उन्हें सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव चुनाव मैदान में उतारा है.
यह भी पढ़ें- दिल्ली में AAP को बड़ा झटका, सीलमपुर विधायक अब्दुल रहमान कांग्रेस में हुए शामिल
कांग्रेस द्वारा प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किए जाने से अब उन अटकलों पर भी विराम लग गया कि विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो सकता है. दो दिन पहले इंडिया गठबंधन की हुई बैठक के बाद चर्चा शुरू हुई थी दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप और कांग्रेस के बीच कुछ सीटों पर सहमति बन गई है. हालांकि इस चर्चा की जोर पकड़ने के बाद अरविंद केजरीवाल ने इसका खंडन किया और कहा कि आम आदमी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. अब कांग्रेस ने भी 21 प्रत्याशियों की सूची जारी की है उनमें आधे से अधिक वह सीटें हैं जिस पर आम आदमी पार्टी प्रत्याशी उतार चुकी है.
बता दें कि कांग्रेस के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव दिल्ली की राजनीति में साख बचाने का बड़ा अवसर है. बीते 10 सालों में दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई, जबकि आम आदमी पार्टी के बनने से पहले कांग्रेस दिल्ली सरकार में लगातार तीन बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाकर शासन कर चुकी है.
यह भी पढ़ें-