देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत 10 मई से हो गई है. शुक्रवार को केदारनाथ धाम गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान और वैदिक मंत्रोचार के बीच श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. इस मौके पर केदारनाथ धाम में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी भी पहुंचे और बाबा केदार के दर्शन किए. जिसको लेकर कांग्रेस ने धामी सरकार पर निशाना साधा है.
गौर हो कि चारधाम यात्रा में आम श्रद्धालुओं की सहूलियत को देखते हुए पहले 15 दिनों तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगाई गई थी. लेकिन कपाट खोलने के पहले दिन मुख्यमंत्री धामी केदारनाथ पहुंचे और बाबा केदार के दर्शन किए. वहीं कांग्रेस पार्टी ने इसे मुद्दा बना लिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सवाल उठाया कि जब मुख्य सचिव ने आदेश जारी करते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए पहले 15 दिनों तक केदारनाथ धाम में वीआईपी और वीवीआईपी दर्शनों पर पूरी तरह से रोक लगाई है तो फिर मुख्यमंत्री धामी अपनी सरकार के आदेश को दरकिनार करते हुए कपाट खुलने के पहले दिन केदारनाथ क्यों पहुंचे?
उन्होंने इस बाबत कहा कि मंदिर के नियम सबके लिए एक होने चाहिए. अन्य लोगों को तो वीआईपी दर्शनों के लिए रोका जा रहा है, जबकि खुद मुख्यमंत्री केदारनाथ पहुंचकर वीआईपी दर्शन कर रहे हैं तो ये परिपाटी उचित नहीं है. करन माहरा का कहना है कि यात्रा के पहले दिन शंकराचार्य या फिर किसी साधु संत महात्मा से भी उद्घाटन कराया जा सकता था. लेकिन बीजेपी नियमों तोड़ने में माहिर रही है, जब देश के प्रधानमंत्री केदारनाथ गर्भगृह के नियमों को तोड़ सकते हैं तो फिर इसमें कोई नई बात नहीं है कि अपनी बात से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी पलट सकते हैं.
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