जयपुर. राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सदन में गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, "इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब राज्यपाल के अभिभाषण में नई सरकार का विजन नहीं बताया गया, बल्कि पिछली सरकार पर छींटाकशी की गई है. हर योजना को भ्रष्टाचारी बताना, हर योजना के बारे में राज्यपाल के मुंह से इस तरह कहलवाना, यह आज तक नहीं हुआ है और आशा है आगे कभी नहीं होगा. इससे राज्यपाल के पद की गरिमा भी तार-तार हुई है". डोटासरा ने कहा, "यह आपका विजन नहीं हो सकता. यह दिल्ली में बैठे हुए लोगों ने भेजा है, जिसे मुख्यमंत्री और कैबिनेट ने देखा नहीं और आनन-फानन में लाकर दे दिया गया".
डोटासरा ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद नहीं करने की बात कही गई है. एक तरफ कहा गया कि अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है, लेकिन दूसरी तरफ 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने और किसानों की कर्जमाफी की बात भी कही जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक की जांच के लिए एसआईटी के गठन की बात कर रही है, लेकिन एक मामले को छोड़कर कोई मामला पेंडिंग ही नहीं बताया जा रहा है. ऐसे में आप पिछली सरकारों में हुए सभी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक की जांच सीबीआई से क्यों नहीं करवा लेते हैं.
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डोटासरा ने कहा, "भाजपा के लोग डबल इंजन की सरकार और पीएम मोदी की गारंटी की बात करते हैं. अब डबल इंजन की सरकार आ गई. 100 दिन की कार्ययोजना बनाने में 50 दिन निकल गए. योजना बनेगी कब और लागू कब होगी". डोटासरा ने स्पीकर को संबोधित करते हुए कहा, "आपके माध्यम से सत्ता पक्ष को पूछना चाहता हूं, आप डीजल-पेट्रोल के दाम को लेकर आए दिन हमें कहते थे और गालियां देते थे. पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर धरने देते थे. अब आपकी सरकार है. क्या आपने दाम कम कर दिया".
कृषि मंत्री के बयान को लेकर जताई आपत्ति : कृषि मंत्री के किसानों की कर्जमाफी को लेकर दिए गए एक बयान को लेकर भी डोटासरा ने उन्हें आड़े हाथ लिया. डोटासरा बोले, "आपके कृषि मंत्री कहते हैं कि किसान को लोन नहीं लेना चाहिए. किसान की लोन नहीं चुकाने की आदत गलत है. थोड़ा बहुत भी आपके कृषि मंत्री ने नहीं सोचा कि आप किस पर टीका-टिप्पणी कर रहे हैं".
डोटासरा और जोगाराम में नोंक-झोंक : गोविंद सिंह डोटासरा ने सदन में राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी के बयान का हवाला देकर पर्ची सरकार की बात कही. इस पर संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि राजस्थान की जानता के आशीर्वाद की सरकार है. जवाब में डोटासरा ने जोगाराम पटेल को अच्छा मंत्रालय नहीं मिलने की बात कहकर चुटकी ली. इस पर पटेल ने कहा, हमने भी सुना था कि आप नेता प्रतिपक्ष बन रहे हो, लेकिन आपकी पार्टी ने टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बना दिया.
'मौरिया बोल गया' के जवाब में 'नाथी का बाड़ा' : गोविंद डोटासरा ने कहा कि आपकी सरकार ने तो मंत्री ही अग्निवीर बना दिया. इधर शपथ ली और उधर मौरिया बोल गया. जोगाराम पटेल ने कहा, उन्हें संवैधानिक व्यवस्था के तहत मंत्री बनाया गया. इस बीच एक विधायक ने मौरिया बोलने का मतलब पूछा तो जोगाराम पटेल बोले, नाथी के बाड़े में मोर (मौरिया) को बंद कर देते हैं. उसके बाद जब वह बोलता है तो कहते हैं मौरिया बोलना.
वसुंधरा राजे को लेकर दिया यह बयान : डोटासरा ने कहा, "यह हमारी पार्टी में अंतरकलह की बात करते हैं, लेकिन आज पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कहां बैठी हैं. वे न पक्ष की तरफ प्रतिपक्ष की कतार में बैठी हैं. इनको शर्म नहीं आती. जो विपक्ष के लोग बैठे हैं. निर्दलीय विधायक बैठे हैं. उनके बराबर आप दो बार की मुख्यमंत्री को बैठाया है. वे आपकी बैठकों में नहीं जा रही हैं, क्या यह अंतरकलह नहीं है". इस पर मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि आपकी पार्टी में पूर्व उप मुख्यमंत्री को किन शब्दों में पुकारा गया था,आप बताइए.
50 दिन हो गए, आरपीएससी को भंग कर दिया क्या ? : गोविंद सिंह डोटासरा ने पूछा कि "आपकी सरकार बने 50 दिन हो गए, क्या आपने आरपीएससी को भंग कर दिया ?. आपके नेता सभाओं में दावा करते थे कि सत्ता में आते ही आरपीएससी को भंग कर देंगे, क्या केंद्र की नौकरियों में और दूसरे प्रदेशों की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक नहीं हुए. नौटंकी करके कितने दिन काम चलाओगे".
रद्दी की टोकरी में जा रही है विधायकों की डिजायर : गोविंद डोटासरा मंत्रियों को स्टाफ नहीं मिलने की बात कहते हुए बोले, "विधायकों और मंत्रियों की डिजायर रद्दी की टोकरी में जा रही है. उन्हें अभी तक स्टाफ तक नहीं मिला है, किस बात की कार्य योजना बनाओगे. मंत्रियों में समन्वय नहीं है. मुख्यमंत्री जहां भी जाते हैं, उनकी जुबान फिसल जाती है".
रामजी क्या आपके अकेले के है : डोटासरा ने कहा कि "इनको मणिपुर की और महिला पहलवानों की चिंता नहीं है. बस रामजी आ गए की रट लगाए हैं. रामजी क्या आपके अकेले के हैं, आप क्या उन्हें गोद में उठाकर लाए हो, रामजी सबके हैं. आप में से कितने अयोध्या गए थे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में. मुख्यमंत्री तक को अयोध्या जाने की इजाजत नहीं दी गई".
मुख्यमंत्री क्या केवल भ्रमण करने के लिए हैं : डोटासरा ने कहा कि "मुख्यमंत्री न तो वित्त पर बोलेंगे और न ही किसी विभाग पर बोलेंगे, तो मुख्यमंत्री को क्या केवल भ्रमण करने के लिए मुख्यमंत्री बनाया है, जहां जाओ वहां जुबान फिसल जाए, क्या इसीलिए मुख्यमंत्री बनाया गया है". उन्होंने कहा कि सांगानेर का एसडीओ तक नहीं बदला जा सका है.