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झामुमो राज्यसभा की दोनों सीटों पर महागठबंधन का उम्मीदवार उतारने के पक्ष में! कांग्रेस ने कहा- पहली प्राथमिकता वाला उम्मीदवार उनकी पार्टी का हो - राज्यसभा चुनाव 2024

Congress demanded candidate for Rajya Sabha seat. झारखंड में राज्यसभा सीट पर कांग्रेस ने प्राथमिकता वाला उम्मीदवार पार्टी का हो, ऐसा उन्होंने कहा है. क्योंकि झामुमो ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनकी रणनीति दोनों ही सीटों पर प्रत्याशी देने की है.

Congress stakes claim on Rajya Sabha seat in Jharkhand
झारखंड में राज्यसभा सीट पर कांग्रेस ने जताया दावा
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 4, 2024, 8:33 PM IST

राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर बोले कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर

रांची: झारखंड में राज्यसभा की दो खाली हो रही सीटों के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गयी है. इसके साथ ही प्रदेश में चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गयी है. फिलहाल भारतीय जनता पार्टी और महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार के नामों की घोषणा नहीं हुई है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनकी रणनीति दोनों राज्यसभा सीटों के लिए उम्मीदवार उतारने की है. ऐसे में अब झामुमो की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो पहली प्राथमिकता वाला उम्मीदवार कांग्रेस का होना चाहिए और उस पर उनका दावा सबसे पुख्ता है. शहजादा अनवर ने कहा कि वर्ष 2020 में विधायकों का अंकगणित पूरा नहीं रहने के बावजूद महागठबंधन की ओर से उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया था. उस समय शिबू सोरेन को राज्यसभा भेजना जरूरी थी. इसलिए उन्हें पहली प्राथमिकता का वोट देकर राज्यसभा भेजा गया था. शहजादा अनवर ने कहा कि 2020 में उन्हें इस आधार पर राज्यसभा के प्रत्याशी बनाया गया था क्योंकि लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. आज अगर वास्तव में महागठबंधन के दल अल्पसंख्यक समुदाय में पॉजिटिव संकेत देना चाहती है तो उन्हें उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए.

झारखंड से राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए चाहिए 27 वोटः

झारखंड में झामुमो विधायक सरफराज आलम के इस्तीफे के बाद निर्वचित विधायकों की कुल संख्या 80 रह जाती है. ऐसे में जब भाजपा के समीर उरांव और कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू के कार्यकाल पूरा होने से खाली हो रही दो सीटों पर अगर दो ही उम्मीदवार हुए तो चुनाव की नौबत नहीं आएगी. लेकिन तीन उम्मीदवार हो गए तब मतदान कराया जाएगा और ऐसे में जिन उम्मीदवारों को 27 वोट मिलेगा वही विजेता होगा.

अब महागठबंधन के दलों की बात करें झामुमो के पास 29 विधायक हैं, वहीं कांग्रेस के पास 16, झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक के 01 सदस्य, लालू यादव की पार्टी राजद के भी 01 विधायक हैं. सत्ता पक्ष को समर्थन देने की बात करें तो माले के भी एक विधायक हैं. इस तरह महागठबंधन के पास 47 विधायकों का समर्थन स्पष्ट है लेकिन दो उम्मीदवारों की जीत के लिए 54 विधायकों का समर्थन चाहिए. सवाल यह है कि जरूरत से 07 विधायक कम होते हुए भी झामुमो दोनों राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार देना क्यों चाहता है? इस सवाल के जवाब में झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य कहते हैं कि समय आने पर सभी रणनीति का खुलासा कर दिया जाएगा.

सरफराज आलम और अभिषेक मनु सिंघवी की उम्मीदवारी को लेकर दुविधा में दोनों पार्टियांः

राज्यसभा चुनाव को लेकर झामुमो और कांग्रेस दोनों दलों की अपनी अपनी दुविधा है. एक ओर जहां गांडेय विधानसभा से इस्तीफा दे चुके पूर्व झामुमो विधायक सरफराज आलम हैं तो दूसरी ओर प्रख्यात अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी हैं. कांग्रेस के अंदर इस बात को लेकर भी चर्चा है कि हिमाचल में क्रॉस वोटिंग की वजह से राज्यसभा जाने से चूक गए अभिषेक मनु सिंघवी को झारखंड से राज्यसभा भेजा जाए. सूत्र बताते हैं कि इसके लिए कांग्रेस के नेताओं का एक दौर की बात झामुमो के नेताओं के साथ हुई है लेकिन अभी कोई अंतिम सहमति नहीं बनी है. ऐसे में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने अपनी उम्मीदवारी वाला बयान देकर मामले को और उलझा दिया है.

इसे भी पढे़ं- राज्यसभा चुनाव 2024: दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में महागठबंधन, शीघ्र होगी सहयोगी दलों की बैठक

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राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर बोले कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर

रांची: झारखंड में राज्यसभा की दो खाली हो रही सीटों के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गयी है. इसके साथ ही प्रदेश में चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गयी है. फिलहाल भारतीय जनता पार्टी और महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार के नामों की घोषणा नहीं हुई है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनकी रणनीति दोनों राज्यसभा सीटों के लिए उम्मीदवार उतारने की है. ऐसे में अब झामुमो की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो पहली प्राथमिकता वाला उम्मीदवार कांग्रेस का होना चाहिए और उस पर उनका दावा सबसे पुख्ता है. शहजादा अनवर ने कहा कि वर्ष 2020 में विधायकों का अंकगणित पूरा नहीं रहने के बावजूद महागठबंधन की ओर से उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया था. उस समय शिबू सोरेन को राज्यसभा भेजना जरूरी थी. इसलिए उन्हें पहली प्राथमिकता का वोट देकर राज्यसभा भेजा गया था. शहजादा अनवर ने कहा कि 2020 में उन्हें इस आधार पर राज्यसभा के प्रत्याशी बनाया गया था क्योंकि लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. आज अगर वास्तव में महागठबंधन के दल अल्पसंख्यक समुदाय में पॉजिटिव संकेत देना चाहती है तो उन्हें उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए.

झारखंड से राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए चाहिए 27 वोटः

झारखंड में झामुमो विधायक सरफराज आलम के इस्तीफे के बाद निर्वचित विधायकों की कुल संख्या 80 रह जाती है. ऐसे में जब भाजपा के समीर उरांव और कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू के कार्यकाल पूरा होने से खाली हो रही दो सीटों पर अगर दो ही उम्मीदवार हुए तो चुनाव की नौबत नहीं आएगी. लेकिन तीन उम्मीदवार हो गए तब मतदान कराया जाएगा और ऐसे में जिन उम्मीदवारों को 27 वोट मिलेगा वही विजेता होगा.

अब महागठबंधन के दलों की बात करें झामुमो के पास 29 विधायक हैं, वहीं कांग्रेस के पास 16, झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक के 01 सदस्य, लालू यादव की पार्टी राजद के भी 01 विधायक हैं. सत्ता पक्ष को समर्थन देने की बात करें तो माले के भी एक विधायक हैं. इस तरह महागठबंधन के पास 47 विधायकों का समर्थन स्पष्ट है लेकिन दो उम्मीदवारों की जीत के लिए 54 विधायकों का समर्थन चाहिए. सवाल यह है कि जरूरत से 07 विधायक कम होते हुए भी झामुमो दोनों राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार देना क्यों चाहता है? इस सवाल के जवाब में झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य कहते हैं कि समय आने पर सभी रणनीति का खुलासा कर दिया जाएगा.

सरफराज आलम और अभिषेक मनु सिंघवी की उम्मीदवारी को लेकर दुविधा में दोनों पार्टियांः

राज्यसभा चुनाव को लेकर झामुमो और कांग्रेस दोनों दलों की अपनी अपनी दुविधा है. एक ओर जहां गांडेय विधानसभा से इस्तीफा दे चुके पूर्व झामुमो विधायक सरफराज आलम हैं तो दूसरी ओर प्रख्यात अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी हैं. कांग्रेस के अंदर इस बात को लेकर भी चर्चा है कि हिमाचल में क्रॉस वोटिंग की वजह से राज्यसभा जाने से चूक गए अभिषेक मनु सिंघवी को झारखंड से राज्यसभा भेजा जाए. सूत्र बताते हैं कि इसके लिए कांग्रेस के नेताओं का एक दौर की बात झामुमो के नेताओं के साथ हुई है लेकिन अभी कोई अंतिम सहमति नहीं बनी है. ऐसे में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने अपनी उम्मीदवारी वाला बयान देकर मामले को और उलझा दिया है.

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