जयपुर. देशभर में हुई NEET परीक्षा के पेपर लीक और धांधली के आरोपों के चलते नई बनी एनडीए सरकार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. विपक्ष इस मुद्दे पर सड़क से सदन तक केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी में है. कांग्रेस जयपुर से दिल्ली तक इस मुद्दे को लेकर मुखर है. पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस मामले में केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
राजधानी जयपुर में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया और NEET परीक्षा को रद्द कर इसकी सीबीआई जांच करवाने की मांग की है. कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि पेपर लीक के आरोपों के चलते जब एनटीए ने NET परीक्षा को रद्द कर दिया तो NEET में धांधली और पेपर लीक के खुलासों के बावजूद इसे रद्द क्यों नहीं किया जा रहा है. केंद्र सरकार लाखों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों कर रही है.
NET परीक्षा का दिया उदाहरण : प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार का उदाहरण दिया और कहा कि जब REET में पेपर लीक के आरोप लगे तो हमारी सरकार ने दुबारा परीक्षा करवाई. पेपर लीक के चलते NET परीक्षा रद्द की गई, लेकिन क्या वजह है कि NEET को लेकर इस तरह का कदम उठाने से केंद्र सरकार बच रही है. उन्होंने प्रदेश के भाजपा नेताओं की इस मुद्दे पर चुप्पी पर भी निशाना साधा. पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी इस मुद्दे को लेकर यही तर्क दिया था.
अशोक गहलोत ने एनटीए की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि 'NEET पेपर लीक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है. एनटीए के मौन धारण करने के कारण भयंकर बदनामी हो रही है. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय को जनभावना का सम्मान करते हुए अविलंब NEET का पेपर रद्द करना चाहिए एवं पारदर्शिता के साथ पुन: परीक्षा आयोजित करवानी चाहिए", जबकि राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए दिल्ली में कहा था कि मोदी सरकार यूक्रेन-रूस के बीच वॉर रुकवा सकती है, लेकिन पेपर लीक नहीं रुकवा पा रही है.