जयपुर: बिजली-पानी, कानून-व्यवस्था और प्रदेश के तीन नगर निगम के एकीकरण के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरने के लिए बुधवार को राजधानी में जयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी और देहात जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से धरना-प्रदर्शन किया गया. इस मौके पर संगठन से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ता तो पहुंचे. लेकिन विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले नेता नहीं आए. इस पर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी ने कहा कि हो सकता है, वे बारिश में फंस गए हों. पार्टियां कार्यकर्ताओं के भरोसे ही लड़ाइयां लड़ती हैं, नेताओं के भरोसे नहीं. इस धरने में जयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी, जयपुर देहात जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोपाल मीणा, वंशावली संरक्षण प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष रामसिंह राव, पूर्व मंत्री बृजकिशोर शर्मा आदि मौजूद रहे.
न विधायक आए और न ही सांसद प्रत्याशी: जयपुर शहर से सांसद प्रत्याशी और सिविल लाइंस से विधायक प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास, जयपुर ग्रामीण सांसद प्रत्याशी अनिल चोपड़ा, आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान, आमेर विधायक प्रशांत शर्मा और किशनपोल विधायक अमीन कागजी धरने में नहीं पहुंचे. मालवीय नगर से विधायक प्रत्याशी डॉ अर्चना शर्मा, सांगानेर से प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज, बगरू से कांग्रेस प्रत्याशी गंगादेवी और झोटवाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक चौधरी भी धरने पर नहीं पहुंचे. अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी ने हवामहल से विधायक का चुनाव लड़ा था. इसके अलावा जयपुर ग्रामीण से विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी भी धरने में नहीं पहुंचे.
दो नगर निगम का एकीकरण हुआ तो करेंगे अनशन: जयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी ने कहा, जिस दिन से भाजपा सत्ता में आई है. राजस्थान की आवाम परेशान है. बिजली आ नहीं रही, लेकिन सरकार दरें लगातार बढ़ा रही है. सरकार अपनी विफलता का दोष पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर मढ़ रही है. सरकार पानी की दरें बढ़ाने की भी बात कर रही है. कानून-व्यवस्था के मामले में भी प्रदेश की हालत खराब है. उन्होंने कहा कि अगर जयपुर के दो नगर निगम को एक किया गया तो वह आमरण अनशन पर बैठेंगे.
अघोषित बिजली कटौती से गांवों में हालत खराब-मीणा: जयपुर देहात कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोपाल मीणा ने कहा, आज प्रदेश की जनता परेशान है. गांवों में अघोषित बिजली कटौती की जा रही है. आठ महीने में सरकार ने कोई काम नहीं किया. हमारी पूर्ववर्ती सरकार ने जो काम किए हैं. उन्हें भी यह सरकार पूरे नहीं कर पा रही है. चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना बंद होने से गांवों में लोग परेशान हैं. यह सरकार दोनों नगर निगम को एक करने की बात कह रही है. जबकि विकेंद्रीकरण का सीधा फायदा जनता को मिलता है और नई लीडरशिप पैदा होती है.