हजारीबाग: झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों की तैयारियां जोरों पर है. हजारीबाग का मांडू विधानसभा इन दिनों सुर्खियों में है. मांडू, झारखंड मुक्ति मोर्चा की परंपरागत सीट रही है. जहां से जयप्रकाश भाई पटेल विजय हुए हैं. इसके पहले उनके पिता टेकलाल महतो, यहां से विधायक हुआ करते थे. पिछले विधानसभा चुनाव में जयप्रकाश भाई पटेल ने जेएमएम से नाता तोड़कर भाजपा से चुनाव लड़ा और वहां से उनकी जीत भी सुनिश्चित हुई.
बातचीत करते-करते हिंट दे गए जेपी पटेल
2024 लोकसभा चुनाव में जयप्रकाश भाई पटेल ने भाजपा से नाता तोड़कर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से हजारीबाग लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इस बार फिर से जयप्रकाश भाई पटेल की इच्छा है कि पार्टी उन्हें मांडू से उम्मीदवार बनाए. ऐसे में यहां चर्चा है कि क्या झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस के लिए अपनी परंपरागत सीट छोड़ेगी.
ईटीवी भारत से जयप्रकाश भाई पटेल ने खास बातचीत की है. उन्होंने कहा कि मांडू से वे सीटिंग विधायक हैं. ऐसे में उन्हें ही कांग्रेस को उम्मीदवार बनाना चाहिए. क्या झामुमो मांडू सीट कांग्रेस के लिए छोड़ेगा, इस पर उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है. पार्टी के बड़े नेता ही इस पर जवाब दे सकते हैं. हालांकि उन्होंने इतना जरूर कह दिया कि वो ही मांडू से कांग्रेस से उम्मीदवार होने जा रहे हैं. इसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई है.
जयप्रकाश भाई पटेल ने यह भी कहा कि परिवर्तन रैली के जरिए भारतीय जनता पार्टी यहां के लोगों को लुभाने की कोशिश कर रही है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी की नजर झारखंड की खनिज संपदा पर बनी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी तरह अपने मित्र अडानी, अंबानी को यहां की खनिज संपदा देना चाहते हैं. पूरे देश में उन्होंने अपना राज कायम किया है, लेकिन झारखंड में नहीं कर पाए. इस कारण परिवर्तन रैली निकालकर यहां के लोगों को भ्रमित कर रहे हैं.
चुनावी माहौल में कुर्मी पर खास फोकस
इन दिनों झारखंड में कुर्मी को लेकर भी राजनीति चल रही है. परिवर्तन रैली के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कुर्मी नेताओं पर बड़ा बयान दिया. इस पर जयप्रकाश भाई पटेल ने निशाना साधते हुए कहा कि जब समय आता है तो भाजपा कुर्मी के साथ सौतेला व्यवहार करती है. उन्होंने कहा कि जब भाजपा के साथ थे तो पार्टी कहा करती थी कि टेकलाल बाबू के पुत्र हैं और कुर्मी नेता हैं. जब समय आया तो वह कुर्मी नेता को भूल गए. भाजपा आजसू बोरो प्लेयर के जरिए झारखंड में कुर्मी की राजनीति करना चाहती है.
उन्होंने भाजपा पर बड़ा प्रहार करते हुए कहा कि राम टहल चौधरी पांच बार सांसद बने लेकिन कभी भी उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया, इससे बड़ी बात क्या हो सकती है. झारखंड में इन दिनों कई नई पार्टी का उदय भी हुआ है, जिसमें देश के वित्त एवं विदेश मंत्री ने अटल विचार मंच, जय राम महतो ने झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति, संजय मेहता ने झारखंड बचाओ क्रांति सेना समिति बनाया है. जब इन पार्टियों के बारे में जयप्रकाश भाई पटेल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इनमें से कई उम्मीदवार सिर्फ और सिर्फ 'वोट कटवा' की राजनीति करने जा रहे हैं.
जय प्रकाश भाई पटेल का राजनीतिक सफर
2011 में टेकलाल के निधन के बाद उनके पुत्र जयप्रकाश भाई पटेल सक्रिय चुनाव में आए. जिसके बाद उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उन्हें मांडू सीट से चुनाव लड़ाया और चुनाव जीते भी. साल 2013 में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री भी झारखंड सरकार में बनाए गए. 2014 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उन पर विश्वास जताया और मांडू विधानसभा से चुनाव लड़ाया और उन्हें फिर से सफलता मिली. वे विधायक बनकर सदन तक पहुंचे. इसके बाद 2019 में भाजपा से मांडू के पहले विधायक बने.
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