देहरादून/टिहरी: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बेटे का एक आवेदन सोशल मीडिया पर दो दिनों से वायरल होने के बाद अब विपक्ष ने भी इसे मुद्दा बना लिया है. दरअसल यह आवेदन टिहरी बांध झील के ऊपर क्रूज वोट संचालन के लिए सरकार द्वारा मांगे गए आवेदन के बाद भरा गया है. इस आवेदन में सतपाल महाराज के बेटे के अलावा टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष के पति का भी नाम है. अब विपक्ष कह रहा है कि उत्तराखंड में अपनों को फायदा पहुंचाया जा रहा है, जबकि बेरोजगार युवा सड़कों पर घूम रहा है. इस पूरे मामले पर जहां सतपाल महाराज मीडिया के सवालों से बचते नजर आ रहे हैं वहीं, पार्टी इस बात पर जोर दे रही है कि टेंडर की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो सरकार यह सुनिश्चित करेगी.
सतपाल महाराज के बेटे ने टिहरी झील में क्रूज चलाने के लिए दिया आवेदन: आध्यात्मिक गुरू और उत्तराखंड सरकार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बेटे सुयश रावत को कई बार अपने पिता के साथ धार्मिक मंचों पर भी देखा जाता है. सरकार का पर्यटन विभाग लंबे समय से उत्तराखंड की टिहरी झील पर साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहा है. इसमें मौजूदा समय में हाउसबोट के साथ-साथ वाटर स्पोर्ट्स भी हो रहे हैं. एशिया की सबसे बड़ी झीलों में से एक टिहरी झील पर पर्यटन की तमाम संभावनाओं को देखते हुए विभाग नई-नई योजनाएं यहां पर लेकर आ रहा है. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की यह भी योजना है कि इस झील पर सी प्लेन उतर जाए. इसी तरह से एक योजना इन्वेस्टर्स समिट के बाद बनाई गई कि टिहरी झील पर क्रूज बोट चलाई जाए.
क्रूज बोट के लिए 6 आवेदन में से दो पर विपक्ष को आपत्ति: इस क्रूज वोट के लिए टिहरी पर्यटन विकास प्राधिकरण ने इन्वेस्टर्स से आवेदन मांगे थे. इस आवेदन के बाद टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण ने 21 अगस्त को एक पत्र जारी किया था. इस पत्र में निवेशकों को तमाम आवेदन पत्र के साथ 28 अगस्त को दोबारा बुलाया गया है, ताकि जिलाधिकारी की एक बैठक में यह निर्णय लिया जा सके कि आखिरकार कौन-कौन सी कंपनी इस काम में प्रतिभाग कर सकेगी. 6 लोगों में जिला पंचायत अध्यक्ष के पति रघुवीर सिंह सजवाण और सतपाल महाराज के बेटे सुयश रावत के साथ-साथ होलीडेज कंपनी का भी नाम है. बाकी तीन अन्य लोग भी इस आवेदन में शामिल हैं.
कांग्रेस और आंदोलनकारी ने उठाए सवाल: अल्मोड़ा से कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि जब से बीजेपी की सरकार राज्य में आई है, तब से अपनों को ही फायदा पहुंचाया जा रहा है. अब इस तरह के आवेदन या टेंडर मंत्री के बेटे को मिलेंगे या वह आवेदन करेंगे तो आम जनता कहां पर जाएगी. इतना ही नहीं, कांग्रेस के साथ-साथ स्थानीय लोग भी इस मुद्दे को उठा रहे हैं. राज्य आंदोलनकारी देवेंद्र नौड़ियाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य यहां के युवाओं और यहां के लोगों के लिए बनाया गया था, लेकिन स्थानीय लोगों को ही अगर इसका फायदा नहीं मिलेगा, तो फिर स्थानीय लोग कहां पर जाएंगे. उन्होंने कहा कि टिहरी के लोगों को रोजगार मिले, इसलिए टिहरी के व्यक्ति ही इसमें आवेदन करते. अच्छा होगा की मंत्री के बेटे और जिला पंचायत अध्यक्ष के पति अपना आवेदन वापस लें ले.
पर्यटन मंत्री के मीडिया सलाहकार बोले कुछ गलत नहीं किया: विधानसभा सत्र के दौरान सतपाल महाराज से इस मामले पर जब बात करने की कोशिश की गई, तो वो मीडिया के कैमरे से बचते नजर आए. हालांकि, पर्यटन मंत्री के मीडिया सलाहकार निशीथ सकलानी की तरफ से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यह कोई टेंडर नहीं बल्कि एक निवेश है. उत्तराखंड का हर व्यक्ति इसके लिए आवेदन कर सकता है. निशीथ सकलानी का कहना है कि जब हम अपने यहां इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर दूर-दूर से इन्वेस्टरों को बुलाते हैं तो अपने यहां का व्यक्ति अपने प्रदेश में इन्वेस्ट क्यों नहीं कर सकता और इस पर हाय तौबा मचाना बिल्कुल भी सही नहीं है.
बीजेपी अध्यक्ष बोले पूरी पारदर्शिता के साथ होगा टेंडर: वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि भारत के किसी भी नागरिक को कहीं भी टेंडर आवेदन करने का अधिकार है. हां, हम इस बात पर जोर दे सकते हैं कि जो प्रक्रिया है उस पर किसी भी तरह की ढिलाई न बरती जाए. हम यह सुनिश्चित करते हैं कि सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ इस टेंडर प्रक्रिया को संपन्न करवाएगी.
ये भी पढ़ें-