रायपुर: कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत गुरुवार को छत्तीसगढ़ दौरे पर थीं. इस दौरान सुप्रिया ने पीएम मोदी पर जम कर प्रहार किया. सुप्रिया ने कहा कि, "56 इंच की छाती वाले मोदी का चूहे बराबर दिल है. सुप्रिया श्रीनेत ने रायपुर कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत की. बातचीत के दौरान सुप्रिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं पर भी तीखी प्रतिक्रिया की है. उन्होंने कहा कि, "जिसे आपने सुबह से शाम तक कई मुद्दों को लेकर जिम्मेदार ठहराया, उसी पार्टी का दामन थाम लिया है, इस पर सवाल तो उठेंगे ही."
सुप्रिया का पीएम मोदी पर प्रहार:अमित शाह के चुनावी सभा के दौरान 3 वर्षो में नक्सलियों के खात्मे के बयान पर सुप्रिया ने कहा कि, "जिसकी सरकार है, वे नक्सलियों का सफाया करेंगे. जैसे नक्सलियों को सफाया होना चाहिए, इस आधार पर आतंकवादियों का भी सफाया होना चाहिए. जो सीना ठोककर अपने आप को 56 इंच के साथ छाती की बात कहते हैं, उनका दिल चूहे बराबर है, क्योंकि 20 जवानों की शहादत होती है. प्रधानमंत्री के मुंह से चीन का नाम नहीं निकलता है, उसे क्लीन चिट दे देते हैं. प्रधानमंत्री चुप बैठे हैं. पिछले 10 सालों में 3950 लोगों की कश्मीर घाटी में हत्या हुई है. 10 सालों में कई सैनिक शहीद हो गए हैं. साल 2019 के बाद उन्होंने कश्मीर में हुए आतंकी मुद्दे को लेकर एक भी संवेदना का शब्द नहीं बोला. एक चिंता नहीं जताए. केंद्र सरकार की स्थिति है कि मेजर सूद आतंकियों के मुठभेड़ में लोग बचाते हुए शहीद हो जाते हैं और उनकी पत्नी डेढ़ साल से अपनी आर्थिक सहायता के लिए मुंबई हाई कोर्ट में अर्जी लगा रही है. भाजपा की और शिंदे की सरकार मिलकर उसे पैसे नहीं दे रही है."
दल बदलने वाले नेताओं पर बोला हमला: वहीं, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा रहे नेताओं को लेकर भी सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि, "सबकी आगे बढ़ने की महत्वाकांक्षा होती है, उसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन यदि आप में मतभेद हुआ, तो आप समान विचारधारा की पार्टी में जाएंगे, लेकिन आप उस पार्टी का दामन थाम रहे हैं, जिसको आप सुबह से लेकर शाम तक हर गलती के लिए, देश की बदहाली के लिए, बेरोजगारी के लिए जिम्मेदार ठहराते थे. अब आप पर और आपकी नीयत पर सवाल उठेगा." वर्तमान में भाजपा सांसद भाजपा छोड़ दिए. कम से कम 8 से 10 ऐसे सांसद हैं, जिन्होंने कहा कि हम चुनाव नहीं लड़ेंगे. गौतम गंभीर सहित अन्य लोग शामिल हैं. भारत सरकार के मंत्री भी चुनाव लड़ने से मना कर दिए. ऐसा क्यों किया, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए."
बता दें कि 16 अप्रैल को कांकेर के छोटेबेठिया में सुरक्षाबल के जवानों ने 29 नक्सलियों को ढ़ेर कर दिया था. इस पर लगातार कांग्रेस छत्तीसगढ़ सरकार पर हमला बोल रही है.