सुपौल: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन की मुश्किलें बढ़ गई है. उनपर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में सदर थाना में केस दर्ज किया गया है. इस मामले में सेक्टर संख्या 32 के सेक्टर पदाधिकारी अनिल कुमार ने थाना में आवेदन देकर थाना कांड संख्या 202/24 दर्ज कराया है.
सुपौल में हुआ हादसा: वहीं, दिए गए आवेदन में सेक्टर पदाधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर सुपौल प्रखंड अंतर्गत सेक्टर संख्या 32 में उनकी प्रतिनियुक्ति सेक्टर पदाधिकारी के रूप में की गई है. ऐसे में सदर थाना अंतर्गत बकौर-भेजा कोशी पुल निर्माण के दौरान पाया संख्या 152, 153 पर पुल का स्लैब गिर गया था. जिसमें विधि-व्यवस्था संधारण हेतु दंडाधिकारी के रूप में उनकी प्रतिनियुक्ति अनुमंडल कार्यालय द्वारा की गयी.
जिले में आदर्श आचार संहित लागू: इस बीच शनिवार करीब 11 बजे सेक्टर पदाधिकारी अपने प्रतिनियुक्त स्थल पर पुलिस पदाधिकारी के साथ मौजूद रहे. तभी राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन अपने करीब 30-40 समर्थकों के साथ बकौर चचरी पुल से होते हुए घटना स्थल के समीप आ गयी और अपने समर्थकों के साथ पुल निर्माण कंपनी में लगे कर्मी की खोज खबर लेने लगी. जिससे वहां अफरा-तफरी मच गयी. बता दें कि विगत 16 मार्च से ही लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने तक संपूर्ण सुपौल में धारा 144 के साथ आदर्श आचार संहित भी लागू है.
"सांसद रंजन द्वारा यहां पर आने हेतु पूर्व से किसी प्रकार अनुमति नहीं ली गई थी. आवेदन में बताया गया कि कोशी नदी में एक बांस का चचरी पुल बना हुआ है. जिसपर से होते हुए एक साथ रंजीत रंजन के 30-40 समर्थकों पार करने लगे थे. जिससे एक बड़ी अनहोनी हो सकती थी." - अनिल कुमार, सेक्टर पदाधिकारी
हो सकती थी बड़ी अनहोनी: उन्होंने बताया कि कोशी नदी में जहां पर चचरी बना है, वहां पर पानी का बहाव तेज रहता है. ऐसे में नदी पर बने चचरी पुल पर एक साथ इतने आदमी के पार होने से किसी बड़ी अनहोनी की घटना से इंकार नहीं किया जा सकता था. सांसद करीब आधे घंटे तक घटना स्थल के समीप अपने समर्थकों के साथ रहने के बाद वापस चचरी पुल होते हुए लौट गयी. इस संबंध में सांसद से संपर्क करने पर की कोशिश की गई. लेकिन उनसे संपर्क स्थापित नहीं हो सका है.
इसे भी पढ़े- राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन के खिलाफ FIR दर्ज, न्यायालय के सरकारी होर्डिंग पर पोस्टर लगाने का आरोप