शिमला: तीन निर्दलीय केएल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस विधायक संजय रत्न और हरीश जनारथा ने कहा निर्दलीय को अपने चुनाव क्षेत्र की जनता को बताना होगा कि विधायकी छोड़ने के पीछे आखिर उनकी क्या मजबूरी रही है? हिमाचल में पल-पल बदल रहे सियासी समीकरणों के बीच तीन निर्दलीय विधायकों का विधानसभा सदस्यता से इस्तीफे से राजनीतिक भूचाल आ गया है.
तीन निर्दलीय केएल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा के विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस विधायक जनारथा और संजय रत्न ने कहा निर्दलीय को अपने चुनाव क्षेत्र की जनता को बताना होगा कि विधायकी छोड़ने के पीछे आखिर उनकी क्या मजबूरी रही है? उन्होंने कहा कि जब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों को हराकर मतदाताओं ने उन्हें पूरे पांच वर्ष के लिए विधायक बनाकर विधानसभा में भेजा था तो अब ऐसी कौन सी वजह थी कि उनको जनता की भावना से खिलवाड़ करना पड़ा.
उन्होंने कहा कि तीनों निर्दलीय विधायकों को अपने अपने क्षेत्रों की जनता को इन सवालों का जवाब देना होगा। निर्दलीय विधायकों ने वर्तमान राज्य सरकार से अपने चुनाव क्षेत्र के लिए कई कार्य करवाए हैं। ऐसे में अब विकास कार्य न होने की बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। जो सही नहीं है जनता इस बात को अच्छी तरह से जानती है.
भाजपा का असली चेहरा आया सामने: विधायक हरीश जनारथा और संजय रत्न ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में भाजपा का असली चेहरा भी जनता के सामने आ गया है. भाजपा किस प्रकार से धन बल के माध्यम से जनादेश का अपमान करने में लगी है. ये सच्चाई अब प्रदेश की जनता के सामने आ गई है. दोनों नेताओं ने कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र का मजाक बना दिया है. सत्ता के लालच में भाजपा ने देवभूमि हिमाचल के इतिहास में एक काला अध्याय जोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि ये तमाशा प्रदेश की जनता देख रही है. ऐसे में आने वाले चुनाव में जनता इस तरह के कृत्यों को लेकर निर्दलीयों और भाजपा दोनों को ही सबक सिखाएगी.
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