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3 नहीं डेढ़ दिन का रहा मॉनसून सत्र, सरकार ने नहीं करने दी सबसे अहम इस मुद्दे पर चर्चा- कांग्रेस - Congress MLA Lakhpat Butola

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 25, 2024, 7:07 PM IST

Updated : Aug 25, 2024, 7:18 PM IST

Congress MLA Lakhpat Butola मॉनसूत्र सत्र में आपदा का मुद्दा न उठाए जाने को लेकर धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने सत्ता पक्ष के साथ ही अपनी ही पार्टी के नेताओं पर निशाना साधा था. वहीं अब बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की है.

Congress MLA Lakhpat Butola
कांग्रेस ने लगाया धामी सरकार पर आरोप (PHOTO- ETV Bharat)
कांग्रेस ने लगाया धामी सरकार पर आरोप (VIDEO-ETV Bharat)

देहरादूनः उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 3 दिवसीय मॉनसून सत्र पत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गहमागहमी के साथ भले ही खत्म हो गया है. लेकिन उसकी तपिश अभी भी बनी हुई है. विपक्ष का कहना है कि मॉनसून सत्र तीन दिन नहीं बल्कि डेढ़ दिन चला है. बदरीनाथ सीट से कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने कहा कि इन डेढ़ दिनों में भी दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से विपक्ष को विधानसभा में अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया.

दरअसल, लखपत बुटोला के लिए यह पहला मौका था जब विधायक के रूप में उन्होंने विधानसभा सत्र में भाग लिया. विधायक बुटोला ने दुख जताते हुए कहा कि उन्हें आपदा पर चर्चा का मौका तक नहीं दिया गया. उनका कहना है कि पहाड़ी राज्य विशेष कर गैरसैंण के अंदर विधानसभा चल रही हो और पूरा पहाड़ आपदा से ग्रसित हो. ऐसी स्थिति में विपक्ष ने जब 310 में नियम 58 के तहत आपदा में चर्चा किए जाने की मांग उठाई तो सरकार ने मना कर दिया. क्योंकि सत्र में सरकार की मंशा आपदा पर चर्चा किए जाने को लेकर नहीं थी.

उन्होंने कहा कि जिस विधानसभा क्षेत्र से वह विधायक हैं. वह विधानसभा 250 किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल में है. भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से यह विकट विधानसभा है. इस विधानसभा में पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित सड़कों के ओपन टू कम्युनिकेशन के लिए किसी प्रकार की धनराशि की उचित व्यवस्था नहीं है. चारधाम यात्रा पूरी तरह से चौपट हो रखी है. आपदा ने तबाही मचा रखी है. इन सब बातों को वह सदन में रखना चाहते थे. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से कांग्रेस को सदन के अंदर अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया. उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है.

बुटोला का कहना है कि सरकार सिर्फ विधानसभा सत्र के नाम पर खानापूर्ति करती आ रही है. असल में सरकार लोगों के मुद्दों से बच रही है और नहीं चाहती है कि लोगों के मुद्दे उठें. उन्होंने आपदा जैसे गंभीर विषय पर चर्चा नहीं होने पर लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड विधानसभा में पेश हुआ 5013.05 करोड़ का अनुपूरक बजट, जानें किसके खाते में आई कितनी राशि

कांग्रेस ने लगाया धामी सरकार पर आरोप (VIDEO-ETV Bharat)

देहरादूनः उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 3 दिवसीय मॉनसून सत्र पत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गहमागहमी के साथ भले ही खत्म हो गया है. लेकिन उसकी तपिश अभी भी बनी हुई है. विपक्ष का कहना है कि मॉनसून सत्र तीन दिन नहीं बल्कि डेढ़ दिन चला है. बदरीनाथ सीट से कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने कहा कि इन डेढ़ दिनों में भी दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से विपक्ष को विधानसभा में अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया.

दरअसल, लखपत बुटोला के लिए यह पहला मौका था जब विधायक के रूप में उन्होंने विधानसभा सत्र में भाग लिया. विधायक बुटोला ने दुख जताते हुए कहा कि उन्हें आपदा पर चर्चा का मौका तक नहीं दिया गया. उनका कहना है कि पहाड़ी राज्य विशेष कर गैरसैंण के अंदर विधानसभा चल रही हो और पूरा पहाड़ आपदा से ग्रसित हो. ऐसी स्थिति में विपक्ष ने जब 310 में नियम 58 के तहत आपदा में चर्चा किए जाने की मांग उठाई तो सरकार ने मना कर दिया. क्योंकि सत्र में सरकार की मंशा आपदा पर चर्चा किए जाने को लेकर नहीं थी.

उन्होंने कहा कि जिस विधानसभा क्षेत्र से वह विधायक हैं. वह विधानसभा 250 किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल में है. भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से यह विकट विधानसभा है. इस विधानसभा में पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित सड़कों के ओपन टू कम्युनिकेशन के लिए किसी प्रकार की धनराशि की उचित व्यवस्था नहीं है. चारधाम यात्रा पूरी तरह से चौपट हो रखी है. आपदा ने तबाही मचा रखी है. इन सब बातों को वह सदन में रखना चाहते थे. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से कांग्रेस को सदन के अंदर अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया. उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है.

बुटोला का कहना है कि सरकार सिर्फ विधानसभा सत्र के नाम पर खानापूर्ति करती आ रही है. असल में सरकार लोगों के मुद्दों से बच रही है और नहीं चाहती है कि लोगों के मुद्दे उठें. उन्होंने आपदा जैसे गंभीर विषय पर चर्चा नहीं होने पर लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है.

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Last Updated : Aug 25, 2024, 7:18 PM IST
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