बलौदाबाजार : बलौदाबाजार आगजनी और तोड़फोड़ केस में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है. शनिवार देवेंद्र यादव को भिलाई स्थित उनके आवास से पुलिस की टीम ने गिरफ्तार किया और विधायक देवेंद्र यादव को लेकर पुलिस ने बलौदाबाजार के सीजीएम कोर्ट में पेश किया. इस दौरान न्यायालय के सामने पुलिसकर्मी और विधायक के समर्थकों में जुमझपटी भी हुई. CJM कोर्ट ने देवेंद्र यादव को सेंट्रल जेल रायपुर में 20 अगस्त तक रखने का आदेश किया.
महंत बोले - "ये समाज को लड़ाने की साजिश है" : विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी पर नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा, "बलौदाबाजार में हुई घटनाएं न सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए बल्कि देश के लिए ऐसी घटना है, जिसने समाज को झकझोर दिया है. खासकर सतनामी समाज को. ऐसा लगता है यह घटना समाज को बांटने के लिए किया गया है. ऐसी घटना में राजनीति करके भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की ओर इशारा करना चाहती है कि यह घटना कांग्रेस द्वारा प्रेरित थी. जो अत्यंत दुखद है, गलत है. इससे सरकार को बचना चाहिए.
"आज जिस ढंग से देवेंद्र यादव को गिरफ्तार करने का षडयंत्र भारतीय जनता पार्टी ने रखा है, यह अत्यंत दुखद है. बीजेपी सरकार ऐसी घटनाओं को राजनीति से अलग रखें. हमारी समाजिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए समरसता से, भाईचारे से काम करें. लेकिन अगर हम इस घटना को बीजेपी और कांग्रेस के नाम से देखने लगें, जबरदस्ती किसी को गिरफ्तार कर आप उस घटना को कांग्रेसी द्वारा प्रेरित बताएं, यह बहुत गलत बात है. कांग्रेसजन देवेंद्र के पीछे खड़ा है. हम सब साथ हैं." - डॉ चरणदास महंत, नेता प्रतिपक्ष
गिरफ्तारी के देवेंद्र के साथ रहे पीसीसी चीफ : गिरफ्तारी से पहले घंटों तक पुलिस और देवेंद्र यादव के बीच बातचीत चली. पुलिस की टीम सुबह से ही कांग्रेस विधायक के घर के बाहर डेरा डेला खड़ी रही. विधायक देवेंद्र यादव के घर के बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थक जमा रहे. विधायक के घर के भीतर पीसीसी चीफ दीपक बैज और कांग्रेस महापौर भी डटे थे.
"अगर प्रदेश के मुखिया को ये लगता है कि एक युवा विधायक को गिरफ़्तार करके अपने 8 महीने के “कलंकित कार्यकाल” को ढंक लेंगे, तो यह उनकी गलतफहमी है. सतनामी समाज के साथ हुए अन्याय को एक और अन्याय करके आप समाज को धोखा दे रहे हैं. पूरा प्रदेश, हम सब देवेंद्र यादव और सतनामी समाज के साथ खड़े हैं. करारा जवाब मिलेगा… मुख्यमंत्री जी! छत्तीसगढ़, नागपुर और गुजरात से नहीं, यहीं से चलेगा." - भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
20 अगस्त तक ज्यूडिशिल कस्टडी में देवेंद्र : सीजेएम कोर्ट में सुनवाई के बाद विधायक देवेंद्र यादव के वकील ने मीडिया को बताया, "पुलिस के द्वारा अरेस्ट कर सीजेएम साहब की कोर्ट में लाया गया था. हमारे मुवक्कील को न कोई एफआईआर की कॉपी दी गई, न ही उन्हें ग्राउंड सफरेंस दिए गए. आज उन्होंने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि उनकी ओर से ऐसा कोई स्टेटमेंट नहीं दिया गया है. यह एक राजनीतिक अरेस्ट है."
"उन्होंने कोर्ट को बताया कि उन्हें किस तरह बिना एफआईआर की कॉपी दिए, बिना कारण बताए पुलिस अरेस्ट कर लाई है. न्यायालय ने उनके बयानों को रिकॉर्ड कर पुलिस की मांग पर उन्हें ज्यूडिशियल रिमांड पर सुपुर्द किया गया है. कोर्ट में हमारी दलील थी कि ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है,आगे न्याय संगत जो भी करना है हम देखेंगे. इसमें चार्टशीट पाइल करने के लिए भी निवेदन किया गया है. ताकी वे आगे कानून के तरह अपना स्टेप्स ले सकें." - हर्षवर्धन परगनिहा, देवेंद्र के वकील
इस पूरे केस को ऐसे समझिए : इस साल 15 और 16 मई की रात को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के गिरौदपुरी धाम की यह घटना है. अमर गुफा के पास अज्ञात लोगों ने समुदाय विशेष के पूज्य पवित्र प्रतीक 'जैतखाम' या 'विजय स्तंभ' को तोड़ दिया था. इस घटना के विरोध में समाज विशेष के प्रदर्शन शुरू हो गए. 10 जून को इस घटना के खिलाफ सतनामियों ने बलौदाबाजार में विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान भीड़ ने बलौदाबाजार कलेक्टर-एसपी संयुक कलेक्टर कार्यालय के साथ तहसील कार्यालय में तोड़ के घटना को अंजाम दिया. साथ ही 150 से अधिक वाहनों में आग लगा दी. स्थित को देखते हुए पुलिस ने धारा 144 लागू कर दी.
देवेंद्र यादव पर नोटिस को अनदेखा करने के आरोप : पुलिस का दावा है कि भीड़ को सभा स्थल पर उत्तेजक भाषणों के जारिए हिंसा के लिए भड़काया गया. जिस सभा स्थल पर उत्तेजक भाषण दी जा रही थी, वहां कथित तौर पर भिलाई विधायक देवेंद्र यादव अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे. विधायक देवेंद्र यादव को बलौदा बाजार पुलिस ने इस मामले में नोटिस देकर पूछताछ करने बुलाया था. विधायक देवेंद्र यादव 22 जुलाई को बलौदा बाजार कोतवाली पुलिस थाने पहुंचे और बयान दर्ज कराया. इसके बाद सीसीटीवी और अन्य वीडियो फुटेज से मिली जानकारियों के बाद पुलिस ने फिर पूछताछ के लिए विधायक देवेंद्र यादव को नोटिस जारी कर बुलाया.
पुलिस ने 3 बार नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए देवेंद यादव को बुलाया, लेकिन देवेंद्र यादव कथित तौर पर नोटिस को अनदेखा करते रहे. 11 अगस्त को धारा 160 के तहत फिर चौथी नोटिस दिया और 16 अगस्त को तलब किया. इस नोटिस के बाद देवेंद्र यादव ने 16 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. पीसी में विधायक ने पुलिस और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे.
विधायक दिया नोटिस का जवाब : मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बलौदा बाजार पुलिस की नोटिस पर विधायक देवेंद्र यादव ने अपना जवाब पुलिस को भेजा है. विधायक यादव ने पत्र में लिखा- “मैंने पूर्व में उपस्थित होकर कथन दर्ज कराया था तथा भविष्य में भी आपके अनुसंधान में हर संभव सहयोग करना चाहता हूं, किंतु आज दिनांक 16 अगस्त से एक सप्ताह तक मैं पार्टी के एवं पूर्व निर्धारित अतिआवश्यक कार्यक्रमों में अत्यंत व्यस्त रहूंगा तथा कार्यक्रम भिन्न-भिन्न स्थानों पर होने के कारण आपके समक्ष उपस्थित हो पाने में असमर्थ हूं. अंतः आगामी सूचना पश्चात अनिवार्य हो तो आप मेरा कथन वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से या मेरे कार्यालय में उपस्थित होकर के प्राप्त कर सकते हैं."
10 जून की आगजनी के सिलसिले में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और भीम "रेजिमेंट" के सदस्यों सहित लगभग 150 लोगों को पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किया है. भिलाई नगर से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव का नाम भी इस लिस्ट में शामिल था. देवेंद्र यादव पर बलौदाबाजार में भीड़ को उकसाने का आरोप है. इसी कड़ी में शनिवार को पुलिस ने विधायक देवेंद्र यादव को गिरफ्तार किया है. विधायक देवेंद्र यादव के गिरफ्तार होते ही भिलाई, बलौदाबाजार और रायपुर में कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा किया. बलौदाबाजार सीजेएम कोर्ट के सामने तो कांग्रेसियों और पुलिस में झूमाझटकी भी देखने को मिली.