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हरियाणा कांग्रेस में कौन होगा विधायक दल का नेता? भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा समेत रेस में इन नेताओं का नाम

Congress meeting in Chandigarh: 18 अक्टूबर को चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी. जिसमें विधायक दल के नेता का चुनाव होगा.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 6 hours ago

Congress meeting in Chandigarh
Congress meeting in Chandigarh (Etv Bharat)

हिसार: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की है. लगातार तीसरी बार हार के बाद पार्टी के अंदर गुटबाजी और तेज हो गई है. कांग्रेस पार्टी के नेता ही हार का ठीकरा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पर फोड़ रहे हैं. इस बीच चंडीगढ़ में 18 अक्टूबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के नेता का चुनाव होगा. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक भी मौजूद रहेंगे. जिसमें राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, प्रताप सिंह और अजय माकन शामिल हैं. इन तीनों की मौजूदगी में हरियाणा कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना जाएगा.

कौन होगा कांग्रेस विधायक दल का नेता: कांग्रेस विधायक दल के नेता को लेकर हरियाणा में हुड्डा और सैलजा गुटों में खींचतान शुरू हो गई है. भूपेंद्र हुड्डा पक्ष के नेता उनको दोबारा विधायक दल का नेता चुनना चाहते हैं. दूसरा गुट सैलजा और रणदीप सुरजेवाला का है. जो विधायक दल के नेता को लेकर अपना दावा कर रहे हैं. विधायक दल नेताओं में हुड्डा गुट की ओर से गीता भुक्कल, अशोक अरोड़ा का नाम सामने आ रहा है. वहीं सैलजा गुट की तरफ से पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन के नाम भी सामने आ रहा है.

इन नेताओं का नाम भी शामिल: कांग्रेस अगर गैर जाट चेहरा सामने लाती है, तो अशोक अरोड़ा या चंद्रमोहन बिश्नोई पर दांव लगा सकती है. अशोक अरोड़ा के पास राजनीतिक अनुभव है और चंद्र मोहन भी राजनीतिक तौर से अब लगातार कांग्रेस में जुड़े हुए थे. हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान खुद अपनी सीट से हार चुके हैं. हरियाणा प्रभारी दीपक बावरिया भी अपने इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं. हाईकमान पर प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को बदलने का दबाव बढ़ रहा है.

हो सकता है बड़ा फेरबदल: नए अध्यक्ष के लिए फिर से अध्यक्ष पद के लिए सैलजा का नाम चर्चाओं में है. पूर्व सांसद अशोक तंवर भी बीजेपी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. हाई कमा तमाम पहलुओं को देखते हुए ऐसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को कमेटी में शामिल करना चाहता है, जो निष्पक्षता से अपनी रिपोर्ट को प्रस्तुत करें और किसी खेमे को प्रभावित ना करें. इस कारण कमेटी बनाने की देरी हो रही है. इसलिए फैक्ट फंडिंग कमेटी नहीं बन पाई है.

ये भी पढ़ें- आज चुना जाएगा बीजेपी विधायक दल का नेता, पंंचकूला में अहम बैठक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह केंद्रीय पर्यवेक्षक

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हिसार: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की है. लगातार तीसरी बार हार के बाद पार्टी के अंदर गुटबाजी और तेज हो गई है. कांग्रेस पार्टी के नेता ही हार का ठीकरा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पर फोड़ रहे हैं. इस बीच चंडीगढ़ में 18 अक्टूबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के नेता का चुनाव होगा. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक भी मौजूद रहेंगे. जिसमें राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, प्रताप सिंह और अजय माकन शामिल हैं. इन तीनों की मौजूदगी में हरियाणा कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना जाएगा.

कौन होगा कांग्रेस विधायक दल का नेता: कांग्रेस विधायक दल के नेता को लेकर हरियाणा में हुड्डा और सैलजा गुटों में खींचतान शुरू हो गई है. भूपेंद्र हुड्डा पक्ष के नेता उनको दोबारा विधायक दल का नेता चुनना चाहते हैं. दूसरा गुट सैलजा और रणदीप सुरजेवाला का है. जो विधायक दल के नेता को लेकर अपना दावा कर रहे हैं. विधायक दल नेताओं में हुड्डा गुट की ओर से गीता भुक्कल, अशोक अरोड़ा का नाम सामने आ रहा है. वहीं सैलजा गुट की तरफ से पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन के नाम भी सामने आ रहा है.

इन नेताओं का नाम भी शामिल: कांग्रेस अगर गैर जाट चेहरा सामने लाती है, तो अशोक अरोड़ा या चंद्रमोहन बिश्नोई पर दांव लगा सकती है. अशोक अरोड़ा के पास राजनीतिक अनुभव है और चंद्र मोहन भी राजनीतिक तौर से अब लगातार कांग्रेस में जुड़े हुए थे. हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान खुद अपनी सीट से हार चुके हैं. हरियाणा प्रभारी दीपक बावरिया भी अपने इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं. हाईकमान पर प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को बदलने का दबाव बढ़ रहा है.

हो सकता है बड़ा फेरबदल: नए अध्यक्ष के लिए फिर से अध्यक्ष पद के लिए सैलजा का नाम चर्चाओं में है. पूर्व सांसद अशोक तंवर भी बीजेपी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. हाई कमा तमाम पहलुओं को देखते हुए ऐसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को कमेटी में शामिल करना चाहता है, जो निष्पक्षता से अपनी रिपोर्ट को प्रस्तुत करें और किसी खेमे को प्रभावित ना करें. इस कारण कमेटी बनाने की देरी हो रही है. इसलिए फैक्ट फंडिंग कमेटी नहीं बन पाई है.

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