लोहरदगा : राज्य सरकार की ओर से जातीय जनगणना करने को लेकर कदम बढ़ाया गया है. इस कदम के बाद राजनीतिक दलों के अंदर टकराव की स्थिति दिख रही है. हालांकि जातीय जनगणना को लेकर राजनीतिक दलों का बयान फिलहाल सामने नहीं आया है. इसके पीछे भी राजनीतिक कारण है. फिर भी राज्य सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी इस बारे में क्या सोचती है. जनगणना क्यों जरूरी है. इन तमाम बातों पर कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं ने अपनी राय दी है.
कांग्रेस नेताओं ने आरक्षण के लिए सर्वेक्षण को बताया जरूरी
जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस पार्टी के दो दिग्गज नेताओं ने अपनी बातों को खुल कर रखा. राज्य सरकार द्वारा जातीय जनगणना को लेकर कदम उठाने के बाद आम लोगों के बीच भी यह चर्चा चल रही है कि जातीय जनगणना सही है या गलत इस बीच कांग्रेस पार्टी के दो दिग्गज नेताओं क्रमशः झारखंड सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और लोहरदगा के सांसद सुखदेव भगत ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी है. दोनों का बयान बेहद महत्वपूर्ण हैं.
जातीय जनगणना से ओबीसी की स्थिति का चलेगा पताःडॉ रामेश्वर उरांव
जहां एक ओर मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि झारखंड में ओबीसी की आबादी लगभग 50 प्रतिशत है. जबकि उन्हें आरक्षण मात्र 14 प्रतिशत दिया जाता है. राज्य सरकार ने इस आरक्षण को बढ़ाया था, जिसे वापस कर दिया गया. हम जातीय जनगणना के माध्यम से राज्यपाल और केंद्र सरकार को बताना चाहते हैं कि यहां ओबीसी की स्थिति क्या है. जिससे ओबीसी को आरक्षण का लाभ दिया जा सके.
सांसद सुखदेव भगत ने जातीय जनगणना को बताया बेहद जरूरी
वहीं दूसरी और सांसद सुखदेव भगत ने कहा है कि जातीय जनगणना बेहद जरूरी है. इससे पता चलता है कि कौन सी जाति की किस प्रकार की स्थिति है. उनकी आर्थिक, सामाजिक स्थिति कैसी है. साथ ही सरकार उनके अनुसार योजनाएं बना पाती हैं. झारखंड में जातीय जनगणना एक प्रकार से एक्स-रे रिपोर्ट है. जिसके माध्यम से सरकार को जातियों की वर्तमान स्थिति के बारे में पता चल पाएगा.
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