रांचीः राजधानी के मोरहाबादी मैदान में 4 फरवरी को होने वाली रैली को लेकर राज्य के पूर्व मंत्री सह प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने प्रेस वार्ता की. उन्होंने यह जानकारी देते हुए कहा कि आदिवासी एकता महारैली ऐतिहासिक होगी.
इस रैली में राष्ट्रीय कांग्रेस आदिवासी मंच के अध्यक्ष शिवाजी भी शामिल होंगे. इसके अलावा गुजरात के पूर्व केंद्र मंत्री व आदिवासी के वरिष्ठ नेता नारायण नकवा सहित कई वरिष्ठ आदिवासी नेता मौजूद रहेंगे. इस कार्यक्रम में आरएसएस और भाजपा के लोगों को छोड़कर सभी को आमंत्रण दिया गया है. इस रैली का मुख्य उद्देश्य सरना धर्म कोड को लागू करवाना होगा. हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई समुदाय के लोग के लिए धर्म कोड लागू है तो फिर आदिवासियों के लिए धर्म कोड को केंद्र सरकार लाने में क्यों देरी कर रही है.
कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने बताया कि राजधानी सहित देश के विभिन्न जिलों और कस्बों में रहने वाले आदिवासी अपने हक और अधिकार को पाने के लिए शैली में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि जब तक देश में ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी का संपूर्ण विकास नहीं होता तब तक राज्य और समाज का विकास नहीं हो सकता. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद लाखों आदिवासियों को बेदखल किया जा रहा है. आदिवासी प्रदेशों में बाहरी ताकत प्रवेश कर रही है, सिर्फ नौकरियों में ही नहीं बल्कि राजनीति में भी बाहर के लोग आदिवासियों को बेदखल कर रहे हैं. बाहरी लोगों को भारतीय जनता पार्टी मजबूत कर रही है ताकि आदिवासियों का अस्तित्व समाप्त हो सके.
4 फरवरी को मोरहाबादी में होने वाली आदिवासी एकता महारैली को लेकर पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने बताया कि उस दिन भव्य आयोजन किया जाएगा. भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, बोनिफस लकड़ा जैसे शहीदों को नमन कर इस कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. इस कार्यक्रम में अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ साथ प्रदेश के आला नेता भी शामिल होंगे.
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