धौलपुर : जिले की राजनीति में बुधवार को पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा के निधन से शोक की लहर दौड़ गई. शर्मा विगत लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे. 84 साल की उम्र में बनवारी लाल शर्मा का देहांत हुआ. लंबे राजनीतिक करियर में बनवारी लाल शर्मा की बेदाग राजनेता के रूप में छवि रही. विधानसभा चुनाव में शर्मा ने कई दिग्गजों से मुकाबला किया था. बनवारी लाल शर्मा वर्ष 1967 में पहली बार धौलपुर से विधायक चुने गए थे. 1967 से 2008 तक बनवारी लाल शर्मा पांच बार विधायक बनकर राजस्थान की विधानसभा पहुंचे.
कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे बनवारी लाल शर्मा इससे पूर्व राजस्थान विधानसभा में संसदीय परामर्शदात्री सदस्य, सरकारी आश्वासन संबंधी समिति सदस्य, विशेषाधिकार समिति सदस्य, राजकीय उपक्रम समिति सदस्य, अधीनस्थ विधान संबंधी समिति सदस्य जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके थे. इनके अलावा बनवारी लाल शर्मा राजस्थान सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के तौर पर भी राजस्थान सरकार के मंत्रालय में अपनी सेवाएं दे चुके थे. राजस्थान विधानसभा के अलावा बनवारी लाल शर्मा कांग्रेस जिला अध्यक्ष के साथ राजस्थान कबड्डी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके थे. धौलपुर जिले के कद्दावर नेता के निधन के बाद जिलेभर में शोक की लहर है. बनवारी लाल का गुरुवार सुबह चंबल स्थित मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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वसुंधरा राजे को हराया था चुनाव : बनवारी लाल शर्मा का राजनीति के क्षेत्र में दिग्गज नेताओं से मुकाबला हुआ था. 1980 के चुनाव में वसुंधरा राजे को चुनाव हराकर बनवारी लाल शर्मा ने राजनीति में बड़ा नाम स्थापित किया था. इसके बाद वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव में भैरो सिंह शेखावत को भी कांटे की टक्कर दी थी. बनवारी लाल शर्मा को राजस्थान ब्राह्मण समाज का कद्दावर नेता भी माना जाता था. पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा की राजनीति के क्षेत्र में विधायक छवि रही थी. उनके विरोधी भी सम्मान और इज्जत दिया करते थे. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भैरो सिंह शेखावत से चुनाव होने के बावजूद भी उनके रिश्ते पारिवारिक तौर पर रहे थे.
राजनीति विरासत में मिली थी : बनवारी लाल शर्मा को राजनीति विरासत में मिली थी. उनके पिता जगन्नाथ प्रसाद शर्मा को जिले की राजनीति का चाणक्य माना जाता था. पिता जगन्नाथ प्रसाद शर्मा के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से काफी नजदीकी संबंध रहे थे. दो मर्तबा पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी उनके आवास पर आ चुकी हैं.