जमशेदपुर: पूर्व कांग्रेस सांसद डॉ अजय कुमार ने शुक्रवार को मीडिया से बात की और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने ये भी बताया लगाया कि आखिर क्यों आजयकल ट्रेन पटरी से उतर रहीं हैं. अजय कुमार ने वंदे भारत के उद्घाटन को एक राजनीतिक इवेंट बताया. उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन में पिछले 2 वर्षों में लगभग 235 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. औसतन हर कार्यक्रम पर करीब 19 लाख रुपये खर्च हुआ है.
अजय कुमार ने बताय दुर्घटनाओं की वजह
अजय कुमार ने कहा कि सरकार रेल की सुरक्षा पर कितना खर्च कर रही है जनता देख रही है. उन्होंने कहा की मोदी सरकार द्वारा पूर्व से चल रही पैसेंजर, एक्सप्रेस ट्रेनों में जनरल एवं स्लीपर बोगी की संख्या कम कर दी गई है. स्लीपर क्लास में वेटिंग टिकट पर सफर करने पर पाबंदी लगा दी गई है. इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है. वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन हो रहा है. वहीं, लोकल ट्रेन के अलावा सभी ट्रेन की रफ्तार धीमी हो गई है. ट्रेन लेट होने से काम पर जाने वालों के अलावा अन्य यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अजयय कुमार ने केंद्र पर आरोप लगाया कि सरकार लगातार हो रहे रेल हादसे रोकने में विफल रही है. अजय कुमार ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में रेलवे ट्रैक का मेंटेनेंस होता था, लेकिन मोदी सरकार में रेलवे ट्रैक का मेंटेनेंस नहीं होने से दुर्घटनाएं हो रही हैं.
'सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के लिए 10 करोड़ लोगों की जान खतरे में डाल रहे'
डॉक्टर अजय कुमार का कहना है कि मोदी सरकार ने स्लीपर क्लास और साधारण ट्रेनों पर होने वाले खर्चे को वंदे भारत एक्स्प्रेस में लगा दिया. इसके अलावा एक लाख करोड़ से अधिक इन्होंने बुलेट ट्रेन पर खर्च किया है. अजय कुमार ने बताया कि पूरे देश में रेल सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए सिर्फ 45 हजार करोड़ की जरूरत थी. लेकिन मोदी जी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सिर्फ 8 से 9 हजार करोड़ रुपए दिए. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी को देश के सभी पैसेंजर्स की किसी भी तरह की चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि देश में करीब 10 करोड़ की लोग हर साल ट्रेन में सफर करते हैं लेकिन मोदी जी ने उन सभी पैसेंजर्स की जिंदगी सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के लिए खतरे में डाल दी. उन्होंने कहा कि एक प्रतिशत से भी कम आबादी के लिए मोदी जी ने पूरा पैसा फूंक दिया है.
सरना धर्म कोड की मांग
डॉ अजय कुमार ने कहा कि भाजपा आज आदिवासियों का हमदर्द बनने का ढोंग कर रही है. सच्चाई यह है कि झारखंड में सबसे ज्यादा शासन करने वाली भाजपा ने हमेशा आदिवासियों को ठगने का काम किया है. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने दो वर्ष पूर्व आदिवासियों के धार्मिक एवं सांस्कृतिक आजादी का प्रतिक सरना धर्म कोड से संबंधित विधेयक मंत्रीमंडल से पास करा कर मोदी सरकार को भेजा था, लेकिन आदिवासियों की हितैषी बनने वाली भाजपा द्वारा सरना धर्म कोड को अब तक लागू नहीं करना उनके आदिवासी विरोधी होने का प्रमाण है.
जमशेदपुर के पूर्व कांग्रेस सासंद ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में आदिवासी एवं मूलवासियों ने भाजपा को नाकार दिया, जिसके कारण सभी आदिवासी सीट पर भाजपा की करारी हार हुई. यही कारण है कि बीजेपी अब आदिवासियों की हमदर्द बनने का नाटक कर रही है. अगर मोदी सरकार आदिवासियों का सम्मान करती है तो सरना धर्म कोड लागू करे.
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