रायबरेली : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को सरेनी में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आपके यहां जो भाजपा के प्रत्याशी आए हैं उनका काम सिर्फ जनता को प्रताड़ित करना, जमीनें हड़पना, कोटेदारों और प्रधानों को डराना धमकाना है, आतंक फैला रखा है.
महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरे पिताजी पंचायती राज लाए थे. सोच ये थी कि विकास को लेकर गांवों के लोग खुद निर्णय लें. पैसा सीधा ग्राम प्रधान के पास जाना चाहिये. गांव के लोग प्रधानों के साथ मिलकर फैसला लेंगे कि क्या विकास कार्य होना चाहिए. आज ये चाहते हैं कि सारे निर्णय ये खुद करें. मैं उस समय बच्ची थी. पिता जी को कई लोगों ने कहा यह गलत है. अगर पैसा सीधा भेज देंगे तो केंद्र निगरानी कैसे रखेगा? पैसा गांव में चला गया तो वहां भ्रष्टाचार होगा.
तब पिता जी ने कहा था कि यदि गांव में भ्रष्टाचार होगा तो गांव के लोग खुद उस प्रधान को निपटा देंगे. उनकी सोच की थी अगर गांव मजबूत होंगे तो लोकतंत्र भी मजबूत होगा. मनरेगा आया तो कांग्रेस की सरकार थी. हमारी सरकार में मनरेगा में पैसा मिलता था. आज पीएम मोदी की सरकार में मनरेगा में आपको पैसा नहीं मिल पा रहा. पीएम मोदी इस योजना को बंद करना चाह रहे थे. इसके बारे में उन्होंने भाषण भी दिया था और तब उन्हें मालूम चला कि अगर मनरेगा बंद करेंगे तो बहुत विरोध होगा. जनता नाराज हो जाएगी.
धीरे-धीरे उन्होंने इसे कमजोर करने का काम किया है, क्योंकि यहां के जो प्रत्याशी हैं वह कोटेदार व प्रधानों को प्रताड़ित क्यों करते हैं, क्योंकि यह चाहते हैं कि यह सारे निर्णय खुद करें. इन्हीं की तरह पीएम मोदी केंद्र में खुद निर्णय वह स्वयं करना चाहते हैं. उनकी और हमारी विचार धारा में यही अंतर है. प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि नौकरियों और परीक्षाओं के लिए आप जो फॉर्म भरते हैं, उसकी फीस हम माफ करेंगे और अगर आपने शिक्षा के लिए कर्ज लिया है तो उसे भी माफ करेंगे.
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