सुकमा : सुकमा के इतकल गांव में जादू टोने के शक में आरक्षक समेत उसके पूरे परिवार की हत्या कर दी गई थी.इस घटना की जांच के लिए कांग्रेस ने 6 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है. जांच की जिम्मेदारी बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल को दी गई है.लखेश्वर बघेल को जांच दल का संयोजक बनाया गया है.इसके अलावा कोंटा विधायक कवासी लखमा, बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी, पूर्व विधायक रेखचंद जैन, पीसीसी सचिव दुर्गेश राव और सुकमा जिला अध्यक्ष माहेश्वरी बघेल भी जांच दल का हिस्सा होंगे.
कैसे करेगी टीम जांच : आपको बता दें कि जांच दल को ये निर्देशित किया गया है कि वो घटनास्थल पर जाकर पूरे मामले की पड़ताल करें.ग्रामीणों से बात करने के बाद पीड़ित परिवार का हालचाल जाने.इसके उनके घटना से जुड़ी हर छोटी से छोटी चीजों की जानकारी इकट्ठा करें.इसके अलावा पीड़ित परिवार के जो रिश्तेदार मौके पर आए हैं उनसे भी जानकारी लेकर रिपोर्ट तैयार करके दें.
1 हफ्ते में पीसीसी ने मांगा रिपोर्ट : पीसीसी चीफ दीपक बैज ने जांच दल का गठन किया है.जांच दल को निर्देशित किया गया है कि पूरी घटना की जानकारी और उसकी विस्तृत रिपोर्ट सात दिनों के अंदर पूरी होनी चाहिए.सारे घटनाक्रम और जांच दल के निष्कर्ष की रिपोर्ट 7 दिनों में पीसीसी तक पहुंचनी है.
क्या था मामला ?: आपको बता दें कि रविवार 15 सितंबर को सुकमा जिले के इतकल गांव में जादू टोने के शक में हेड कॉन्सटेबल समेत उसके परिवार की ग्रामीणों ने हत्या कर दी थी. सोमवार को पांचों शवों का अंतिम संस्कार मृतक प्रधान आरक्षक मौसम बुच्चा के ससुराल चिखलगुड़ा गांव में किया गया. इस घटना के बाद इतकल गांव में सन्नाटा पसरा है.
कैसे हुई थी वारदात ?: कोंटा ASP आकाश राव के मुताबिक रविवार को सुबह 7 बजे गांव के लोगों ने हेड कॉन्सटेबल मौसम बुच्चा की पत्नी के साथ बैठक की.इसके बाद मौसम बुच्चा को बुलाने को कहा.मौसम बुच्चा जब 11 बजे मीटिंग वाली जगह पर पहुंचा तो ग्रामीण मौसम बुच्चा के साथ उसके घर गए.यहां आने के बाद ग्रामीणों ने विवाद शुरु किया.
''विवाद के दौरान ग्रामीणों ने मौसम बुच्चा की बहन को सबसे पहले मारा.जब परिजनों ने इसका विरोध किया तो ग्रामीण एक साथ पूरे परिवार पर टूट पड़े. जिसमें हेड कॉन्सटेबल समेत उसकी पत्नी और माता पिता की मौत हो गई.''- आकाश राव, ASP कोंटा
ग्रामीण क्यों हुए उग्र : गांव की युवती ने बताया कि गांव में पिछले दो साल से किसी ना किसी की मौत हो रही थी.ग्रामीणों को शक था कि मौसम बुच्चा का परिवार जादू टोना करता है,इसी की वजह से मौतें हो रही है. बीते मंगलवार और बुधवार के दिन में गांव में शोक का माहौल था. पहले मंगलवार को सलवम मुत्ता की शरीर दर्द के कारण मौत हुई. इसके बाद मंगलवार को पांडरूम नरैया की मौत पैर और घुटना दर्द के कारण हुई. मंगलवार शाम को ही कुंजाम मुकेश की 3 महीने की बेटी की मौत अज्ञात कारणों से हुईं. इन तीन मौतों के कारण ही ग्रामीणों ने मौसम बुच्चा के पूरे परिवार की हत्या कर दी.गांव के सरपंच ने बताया कि साल 2006 में परिवार के लोगों के साथ जादू टोने को लेकर मारपीट की गई थी.
''2006 में भी मौसम बुच्चा के परिवार के साथ जादू टोना के शक में मारपीट की गई थी. लेकिन उसके बाद आपसी समझौता करके मामले को सुलझा लिया गया था. गांव में पिछले कुछ साल कई लोगों की मौत हुई थी. ग्रामीणों का मानना था कि जादू टोना किया गया इसलिए मौत हुई.''- पांडरूम बदरिया, सरपंच मुरलीगुड़ा
वहीं इस पूरे मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने कहा कि सालों पहले ऐसी घटनाएं होती थी. लेकिन अब भी ऐसी घटनाएं हो रही है. इसका मतलब जागरूकता और शिक्षा की कमी है. जिसके कारण ऐसी घटनाएं हो रही है. ऐसी दुःख की घड़ी में ऊपरवाला पीड़ितों को शक्ति प्रदान करें.
''ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. जागरूक करने और सभी समाज के लोगों को सामने आने की जरूरत है. इसके अलावा पीड़ितो की मांग है कि इस मामले में सभी आरोपियों को सजा मिले. निश्चित ही जिले की पुलिस सभी पहलुओं पर जांच करके आवश्यक कार्रवाई कर रही है.''- हरीश कवासी, जिला पंचायत अध्यक्ष
आपको बता दें कि बस्तर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है.आज भी यहां कई गांव ऐसे हैं जहां शिक्षा और जागरुकता की कमी है.इसी वजह से इस तरह की हृदय विदारक घटनाएं सामने आती हैं.अब तक जो चीजें सामने आईं है उसे देखने के बाद यही पता चलता है कि गांव में जितनी भी मौतें हुईं वो किसी ना किसी बीमार व्यक्ति की हुई है.बीमार व्यक्ति ने अस्पताल ना जाकर झाड़फूंक का सहारा लिया और उसकी मौत हुई.शायद इलाज से ज्यादा ग्रामीणों को ओझा बाबा की बातों पर ज्यादा भरोसा था.जिसका परिणाम ये हुआ कि आज एक हंसता खेलता परिवार मौत की आगोश में सो चुका है.