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इलाहाबाद लोकसभा सीट पर 40 साल बाद खत्म हुआ कांग्रेस का सूखा, 1984 में मिली थी आखिरी जीत - Allahabad Lok Sabha seat

प्रयागराज की इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस बीते 40 सालों से वनवास झेल रही थी, जो इस चुनाव में दूर हो गया है. 1984 के बाद इलाहाबाद सीट पर मिली जीत से जहां कांग्रेस नेताओं में उत्साह है.

कांग्रेस प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह
कांग्रेस प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह (फोटो क्रेडिट- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 6:19 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद लोकसभा सीट पर चार दशक के बाद कांग्रेस प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह को जीत मिली है. 1984 के बाद 2024 में अब कांग्रेस का परचम लहराया है. इस जीत का श्रेय उज्जवल रमण सिंह के पिता पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह ने सपा-कांग्रेस के पीडीए गठबंधन और उनके मुद्दों को दिया है.

इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस का सूखा खत्म (फोटो क्रेडिट- Etv Bharat)

वहीं, उज्ज्वल रमण सिंह का कहना है कि जनता बेरोजगारी, मंहगाई जैसे वजहों से परेशान थी और जनता बदलाव चाहती थी, जिस कारण भाजपा से लोगों का मोहभंग हुआ. उन्होंने इंडी गठबंधन के नेताओं पर भरोसा करके चार दशकों के बाद इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस को चुना है.

प्रयागराज की इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस बीते 40 सालों से वनवास झेल रही थी, जो इस चुनाव में दूर हो गया है. 1984 के बाद इलाहाबाद सीट पर मिली जीत से जहां कांग्रेस नेताओं में उत्साह है. वहीं राजनीति के जानकार कांग्रेस के इस जीत को लेकर अलग-अलग कारण बता रहे हैं. राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार अनंत राम कुशवाहा कहते हैं कि इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस को विजय मिलने के पीछे भाजपा की नीतियां कारण हैं.

इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि बीजेपी ने इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस उमम्मीद्वार उज्ज्वल रमण सिंह के सामने मजबूत प्रत्याशी नहीं उतारा था. इसके साथ ही प्रयागराज के वरिष्ठ पत्रकार अशोक चतुर्वेदी ने बताया कि बीजेपी के हार के पीछे की सबसे मुख्य वजह पार्टी के अंदर की गुटबाजी थी.

उनका कहना है कि भाजपा ने जिस कैंडिडेट का टिकट काटकर, दूसरे को टिकट दिया है. वो और उसके साथ टिकट के दूसरे दावेदार और उनके समर्थक भी हार के पीछे के कारण में शामिल हैं. इसके अलावा उन्होंने इलाहाबाद लोकसभा समेत पूरे यूपी में भाजपा के हार के पीछे की मुख्य वजह मोदी फैक्टर का फेल होना भी बताया है.

40 साल के वनवास के बाद कांग्रेस को मिली जीत: प्रयागराज की इलाहाबाद लोकसभा सीट पर 40 सालों के लंबे वनवास के बाद आखिर कांग्रेस पार्टी को जीत मिल गई है. इलाहाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह ने भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी को 58 हजार 20 वोटों से हराया है.

उज्जवल रमण ने कहा कि प्रयागराज के इलाहाबाद लोकसभा सीट की जनता ने जिस तरह से उनके ऊपर विश्वास करके उनको इतने भारी बहुमत से जीत दिलाई है. उसके लिए वह सदा जनता के आभारी रहेंगे. प्रयागराज का विकास और जनता की हर प्रकार की समस्याओं का समाधान करवाना ही उनकी प्राथमिकता रहेगी.

उज्जवल रमण सिंह के पिता कुंवर रेवती रमण सिंह ने कहा कि इस जीत ने यह साबित कर दिया है कि यूपी में पीडीए एनडीए को हराने में पूरी तरह से सक्षम है. उनका कहना है कि भाजपा ने यह चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा, लेकिन बीजेपी को बहुमत नहीं मिला और यूपी की जनता ने उन्हें नकार दिया है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी का 400 पार का नारा पूरी तरह से फेल हो गया. इलाहाबाद लोकसभा सीट जब-जब बदलाव करती है. तब-तक देश में भी बदलाव होता है. भले ही अभी देश में इंडिया की सरकार बनने जा रही हो, लेकिन यह सरकार ज्यादा दिन तक नहीं टिकेगी.

उन्होंने कहा कि यूपी की जनता ने अखिलेश यादव के पीडीए और कांग्रेस के पांच न्याय के सिद्धांत पर इंडिया गठबंधन को वोट दिया है. कुंवर रेवती रमण सिंह ने दावा किया है कि देश में पीएम मोदी की अगुवाई में बनने जा रही एनडीए की सरकार एक साल से ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगी.

यह भी पढ़ें: I.N.D.I.A से उज्ज्वल रमण सिंह ने मंदिर में दर्शन-पूजन कर किया नामांकन, भाजपा पर जमकर बोला हमला

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद सीट से कांगेस के उज्जवल रमण जीते, अमिताभ बच्चन के बाद 40 साल बाद खत्म हुआ सूखा


प्रयागराज: इलाहाबाद लोकसभा सीट पर चार दशक के बाद कांग्रेस प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह को जीत मिली है. 1984 के बाद 2024 में अब कांग्रेस का परचम लहराया है. इस जीत का श्रेय उज्जवल रमण सिंह के पिता पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह ने सपा-कांग्रेस के पीडीए गठबंधन और उनके मुद्दों को दिया है.

इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस का सूखा खत्म (फोटो क्रेडिट- Etv Bharat)

वहीं, उज्ज्वल रमण सिंह का कहना है कि जनता बेरोजगारी, मंहगाई जैसे वजहों से परेशान थी और जनता बदलाव चाहती थी, जिस कारण भाजपा से लोगों का मोहभंग हुआ. उन्होंने इंडी गठबंधन के नेताओं पर भरोसा करके चार दशकों के बाद इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस को चुना है.

प्रयागराज की इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस बीते 40 सालों से वनवास झेल रही थी, जो इस चुनाव में दूर हो गया है. 1984 के बाद इलाहाबाद सीट पर मिली जीत से जहां कांग्रेस नेताओं में उत्साह है. वहीं राजनीति के जानकार कांग्रेस के इस जीत को लेकर अलग-अलग कारण बता रहे हैं. राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार अनंत राम कुशवाहा कहते हैं कि इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस को विजय मिलने के पीछे भाजपा की नीतियां कारण हैं.

इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि बीजेपी ने इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस उमम्मीद्वार उज्ज्वल रमण सिंह के सामने मजबूत प्रत्याशी नहीं उतारा था. इसके साथ ही प्रयागराज के वरिष्ठ पत्रकार अशोक चतुर्वेदी ने बताया कि बीजेपी के हार के पीछे की सबसे मुख्य वजह पार्टी के अंदर की गुटबाजी थी.

उनका कहना है कि भाजपा ने जिस कैंडिडेट का टिकट काटकर, दूसरे को टिकट दिया है. वो और उसके साथ टिकट के दूसरे दावेदार और उनके समर्थक भी हार के पीछे के कारण में शामिल हैं. इसके अलावा उन्होंने इलाहाबाद लोकसभा समेत पूरे यूपी में भाजपा के हार के पीछे की मुख्य वजह मोदी फैक्टर का फेल होना भी बताया है.

40 साल के वनवास के बाद कांग्रेस को मिली जीत: प्रयागराज की इलाहाबाद लोकसभा सीट पर 40 सालों के लंबे वनवास के बाद आखिर कांग्रेस पार्टी को जीत मिल गई है. इलाहाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह ने भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी को 58 हजार 20 वोटों से हराया है.

उज्जवल रमण ने कहा कि प्रयागराज के इलाहाबाद लोकसभा सीट की जनता ने जिस तरह से उनके ऊपर विश्वास करके उनको इतने भारी बहुमत से जीत दिलाई है. उसके लिए वह सदा जनता के आभारी रहेंगे. प्रयागराज का विकास और जनता की हर प्रकार की समस्याओं का समाधान करवाना ही उनकी प्राथमिकता रहेगी.

उज्जवल रमण सिंह के पिता कुंवर रेवती रमण सिंह ने कहा कि इस जीत ने यह साबित कर दिया है कि यूपी में पीडीए एनडीए को हराने में पूरी तरह से सक्षम है. उनका कहना है कि भाजपा ने यह चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा, लेकिन बीजेपी को बहुमत नहीं मिला और यूपी की जनता ने उन्हें नकार दिया है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी का 400 पार का नारा पूरी तरह से फेल हो गया. इलाहाबाद लोकसभा सीट जब-जब बदलाव करती है. तब-तक देश में भी बदलाव होता है. भले ही अभी देश में इंडिया की सरकार बनने जा रही हो, लेकिन यह सरकार ज्यादा दिन तक नहीं टिकेगी.

उन्होंने कहा कि यूपी की जनता ने अखिलेश यादव के पीडीए और कांग्रेस के पांच न्याय के सिद्धांत पर इंडिया गठबंधन को वोट दिया है. कुंवर रेवती रमण सिंह ने दावा किया है कि देश में पीएम मोदी की अगुवाई में बनने जा रही एनडीए की सरकार एक साल से ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगी.

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