रायपुर: छत्तीसगढ़ में विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में धान खरीद अभियान को 1 मार्च तक बढ़ाने की मांग की है. कांग्रेस ने दावा किया कि प्रदेश के 5 लाख से ज्यादा किसान अब तक अपनी उपज बेच नहीं पाएं हैं.
छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर 2023 से शुरू हुई धान खरीदी अब अंतिम पड़ाव पर है. 31 जनवरी को धान खरीदी का आखिरी दिन है. छत्तीसगढ़ सरकार के मुताबिक अब तक 129 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है. किसानों के खाते में 27 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का ट्रांसफर किया जा चुका है.
1 मार्च तक हो धान खरीदी: छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि धान खरीद अभियान को 1 मार्च तक बढ़ाया जाना चाहिए ताकि खरीद का लक्ष्य हासिल किया जा सके और किसान अपनी उपज बेच सकें. बैज ने दावा किया कि प्रदेश के 5 लाख किसान अब तक अपना धान नहीं बेच पाएं हैं. ऐसे में अगर सिर्फ 31 जनवरी तक ही धान खरीदी होती है तो ऐसे किसान अपना धान बेचने से वंचित रह जाएंगे.
बैज ने कहा कि दिसंबर में नवनिर्वाचित भाजपा सरकार द्वारा प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने का आदेश देने से पहले, बड़ी संख्या में किसान पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा निर्धारित प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान पहले ही बेच चुके थे. उन्हें अभी भी अतिरिक्त एक क्विंटल धान बेचना बाकी है.
150 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का हो लक्ष्य: आगे उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने साल 2023-24 में 135 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा था.अब, प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीद के फैसले के बाद, खरीद लक्ष्य भी बढ़ जाएगा. बैज ने कहा कि किसानों से कम से कम 150 लाख मीट्रिक टन की खरीद की जानी चाहिए. इसलिए धान खरीद अभियान को एक महीने तक बढ़ाया जाना चाहिए.
धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था: बैज ने धान खरीद केंद्रों पर कुप्रबंधन का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि किसानों को टोकन जारी करने और उपज की तौल करने की प्रक्रिया धीमी हो गई है. किसानों को अभी तक प्रति क्विंटल धान का 3,100 रुपये नहीं मिला है और खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,183 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए धान के लिए 2,203 रुपये पर की जा रही है.