अलवर. जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर के खिलाफ अविश्श्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस व भाजपा जिला पार्षद आमने-सामने हैं. कांग्रेस को अब अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की तिथि जारी होने का इंतजार है. शुक्रवार को भी दिन भर राजनीतिक उठा पटक का दौर जारी रहा. दोपहर में पहले कांग्रेस के 19 जिला पार्षदों ने हस्ताक्षरयुक्त अविश्वास प्रस्ताव जिला परिषद की सीईओ को सौंपा. फिर शाम होते-होते भाजपा के 20 जिला पार्षद जिला प्रमुख छिल्लर के नेतृत्व में जिला परिषद पहुंचे और अपने समर्थक जिला पार्षदों का पत्र जिला परिषद सीईओ को सौंपा. दोनों पक्षों की ओर से अपने-अपने समर्थक जिला पार्षदों के हस्ताक्षरयुक्त पत्र सौंपने के बावजूद अभी तक जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रतिभा वर्मा अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की तिथि निर्धारित नहीं की है.
जिला प्रमुख ने वादे पूरे नहीं किए : उप जिला प्रमुख ललिता मीणा ने आरोप लगाया कि जिला प्रमुख छिल्लर ने जिला पार्षदों के निर्वाचन क्षेत्रों में पानी, सड़क, बिजली आदि के लोगों से वादे किए, लेकिन अब वे उन्हें पूरा नहीं कर रहे. वे जिला पार्षदों की बिना सहमति के राशि सीधे सरपंचों को दे रहे हैं. इससे जिला पार्षदों में रोष है. इस कारण कांग्रेस, निर्दलीय व भाजपा के ज्यादातर जिला पार्षद उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं.
भाजपा परिवार एक, कांग्रेस के आरोप झूठे : जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर ने कहा कि भाजपा परिवार एक है. अब जिला परिषद में भाजपा का बोर्ड है और रहेगा. उनके साथ अभी कार्यालय में 20 जिला पार्षद हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जिला पार्षदों की ओर से लगाए जा रहे आरोप गलत हैं. उनके कार्यकाल में पंचायती राजविभाग में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं.
कांग्रेस व भाजपा के अपने-अपने दावे : अलवर जिला परिषद बोर्ड में कुल 49 जिला पार्षद हैं, लेकिन जिला पार्षद संजना जाटव के भरतपुर सांसद चुने जाने और एक जिला पार्षद का निधन होने के कारण अभी जिला परिषद में 47 जिला पार्षद हैं. कांग्रेस ने अपने 23 और दो निर्दलीय और 14 भाजपा पार्षदों के समर्थन का दावा किया है. वहीं, भाजपा ने अपने 21 जिला पार्षद और 2 निर्दलीय सहित कांग्रेस के 5-6 जिला पार्षदों के समर्थन का दावा किया है, जिला प्रमुख को अविश्वास प्रस्ताव बचाने के लिए कुल जिला पार्षदों के एक चौथाई 12 जिला पार्षदों के समर्थन की जरूरत होगी. वहीं, कांग्रेस को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए कुल जिला पार्षदों के तीन चौथाई, 16 जिला पार्षदों की जरूरत थी. कांग्रेस ने 19 जिला पार्षदों के हस्ताक्षरयुक्त अविश्वास प्रस्ताव सीईओ को सौंप दिया.
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पिछले 10 दिनों से घूम रहे कांग्रेस जिला पार्षद : कांग्रेस जिला पार्षदों का आरोप है कि जिला प्रमुख छिल्लर के खिलाफ अविश्वास पेश करने के लिए पिछले 10 दिनों से घूम रहे हैं. वे जिला कलेक्टर से लेकर आयुक्त पंचायती राज विभाग तक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद से मिल चुके हैं, लेकिन उनको अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की तिथि अब तक नहीं मिल सकी है.
यूं चला अविश्वास प्रस्ताव का घटनाक्रम : कांग्रेस जिला पार्षदों के अनुसार वो पिछले दिनों अविश्वास प्रस्ताव लेकर जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी से मिले, लेकिन उन्होंने जिला कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव देने की बात कही. इस पर जिला पार्षद जिला कलेक्टर से मिले तो उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव विभागीय उच्चाधिकारियों को देने की बात कही. बाद में कांग्रेस जिला पार्षद जयपुर में आयुक्त पंचायती राज विभाग से मिले तो उन्होंने वापस जिला कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव देने की बात कही. पिछले दिनों कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा एवं विधायक ललित यादव के नेतृत्व में कांग्रेस जिला पार्षद जिला कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव सौंपने पहुंचे तो उन्होंने जिला परिषद की सीईओ को अविश्वास प्रस्ताव देने की बात कही. कांग्रेस जिला पार्षद शुक्रवार को पुन: जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास पहुंचे और अविश्वास प्रस्ताव सौंपा.