रांची: झारखंड 2024 विधानसभा चुनाव के दहलीज पर खड़ा है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि वर्ष 2019 में कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र के रूप में जो संकल्प जनता से की थी क्या सत्ता में आने के बाद वह उन वादों को पूरा कर पायी? इन वादों को लेकर भाजपा ने कांग्रेस को "घोषणा वीर" बताया है. भाजपा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि चाहे किसानों को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2500 रुपये करने का संकल्प हो या फिर किसानों के 2,00,000 रुपये का कर्ज माफी करने की घोषणा. इनमें से अभी तक कुछ भी जमीनी स्तर पर पूरा नहीं हुआ.
भाजपा का कहना है कि साल 2019 में विधानसभा चुनाव के समय जनता से किए वादे पूरी करने में कांग्रेस पिछड़ गई. जब घोषणापत्र के वादों को लेकर कांग्रेस से सवाल पूछा जाता है तो पार्टी कोरोना का रोना रोती है. इतना ही नहीं कांग्रेस ने उल्टा भाजपा पर ही आरोप लगा दिया कि ऑपरेशन लोटस के चलते सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की गई, जिसकी वजह से भी संकल्प पूरा करने में दिक्कत हुई है.
बाकी बचे दिनों में वादे पूरी करने की होगी कोशिश
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि सरकार बनाने के बाद कोरोना और बाद में भाजपा के ऑपरेशन लोटस की वजह से हम जनता की सेवा करने में पिछड़े हैं. लेकिन पार्टी को सभी वादे याद हैं और बाकी बचे समय में वादों को पूरा करने की कोशिश होगी. हर परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने का संकल्प हो या फिर मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चों को निजी विद्यालयों में फीस आधी करने की, सभी को पूरी करने की कोशिश रहेगी. हालांकि कई ऐसे वादे हैं जिन पर अगर अमल किया गया होता तो महंगाई के इस दौर में जनता को कुछ राहत जरूर मिलती.
ये भी पढ़ें: चार शहरों में डेमोग्राफी चेंज वाले मुख्यमंत्री के बयान से सहयोगी राजद-कांग्रेस असहज, जानिए क्या है इसकी वजह
ये भी पढ़ें: झारखंड बीजेपी की चुनावी रणनीति, बांग्लादेशी घुसपैठ और डेमोग्राफी चेंज के मुद्दे को अपने मैनिफेस्टो में करेगी शामिल?