रांची: राजनीतिक दल चुनाव से पहले अपनी ताकत, कमजोरियों और जनता की राय जानने के लिए पॉलिटिकल पार्टियां सर्वे कराती हैं. इस तरह के इंटरनल सर्वे के आधार पर पार्टियां न सिर्फ अपने रणनीतियों में बदलाव करती है. बल्कि वैसे विधायक, सांसद का टिकट भी काट देती है. जिनको लेकर जनता में परसेप्शन बेहद खराब आता है.
अब बेहद विश्वसनीय सूत्रों से यह जानकारी ईटीवी भारत को मिली है कि झारखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी महागठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस एक प्रख्यात एजेंसी के माध्यम से सर्वे करा रही है. इसकी हकीकत जानने की कोशिश ईटीवी भारत ने की. अपनी तहकीकात में यह बात तो बिल्कुल सही साबित हुई कि झारखंड कांग्रेस बेहद गुप्त तरीके से राज्य की 81 विधानसभा सीटों पर सर्वे करा रही है. इसकी पुष्टि झारखंड कांग्रेस के एक नहीं दो-दो प्रवक्ताओं ने भी की है.
अलग-अलग प्रश्नों के माध्यम से कई बातें जानना चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में 2019 के विधानसभा चुनाव में 31 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस पार्टी इस बार चुनाव तो लड़ना कम से कम 33 सीट पर चाहती है. लेकिन चुनावी सर्वे सभी 81 विधानसभा सीट पर करवा रही है. सर्वे में तरह तरह के सवाल के माध्यम से पार्टी महागठबंधन सरकार को लेकर जनता के बीच की सोच को जानना चाहती है. वहीं अपनी जीती हुई 16 सीट और भाजपा-जेवीएम से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक जेपी पटेल और प्रदीप यादव को लेकर जनता की सोच क्या है. इस पर भी सर्वे किया जा रहा है.
वहीं पिछले साढ़े चार वर्षों के महागठबंधन सरकार को लेकर आम जनता में क्या सोच है इसका भी आकलन किया जा रहा है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद हमारे आलाकमान यह तय करेंगे कि सर्वे रिपोर्ट में जिन विधायकों या संभावित उम्मीदवार की जनता में खराब छवि बनी है. उन्हें दोबारा मैदान में उतारा जाए या संगठन का कार्य उन्हें सौंपा जाए.
वहीं प्रदेश कांग्रेस के एक अन्य प्रवक्ता सोनाल शांति कहते हैं कि जनता की समस्याओं की जड़ तक जाने की कोशिश है. साथ ही साथ हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि जनता कांग्रेस और हमारे महागठबंधन की सरकार के कार्यकाल को किस रूप में देख रही है.
राज्य में 33 सीट पर चुनाव लड़ने की प्रदेश प्रभारी पहले ही कर चुके हैं घोषणा
वर्ष 2019 में झारखंड विधानसभा का चुनाव महागठबंधन के तहत झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर कांग्रेस 31 विधानसभा सीट पर उम्मीदवार खड़े किए थे. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा को 43 और राष्ट्रीय जनता दल को 07 विधानसभा सीटें मिली थी. इस बार झारखंड कांग्रेस राज्य में 33 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की पूरी कोशिश कर रही है. इसके पीछे का तर्क यह है कि मांडू से भाजपा विधायक जेपी पटेल और पोड़ैयाहाट से जेवीएम विधायक प्रदीप यादव के कांग्रेस में आ जाने से इन दो सीटों पर स्वभाविक दावा कांग्रेस का हो जाता है.
अब देखना होगा कि सर्वे रिपोर्ट में कौन-कौन विधायक नेता पास होते हैं और कौन फेल? क्योंकि यह तो बिल्कुल सही है कि जब कांग्रेस के नेता टिकट बांटने के लिए टेबल पर बैठेंगे तो उनके सामने कई पेपर होंगे. जिसमें से एक पेपर थर्ड पार्टी से कराई गई सर्वे की रिपोर्ट वाला भी होगा.
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