जयपुर. राजस्थान की सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा जैसे ही छह सीट पर अपने पत्ते खोले तो पार्टी को दूसरे दावेदारों से बगावत का सामना करना पड़ा. कांग्रेस ने फिलहाल प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है. लेकिन पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से लेकर आलाकमान तक को इस बात का अंदेशा है कि टिकट की घोषणा के साथ ही कई सीटों पर टिकट नहीं मिलने से निराश दावेदार पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं. इस बीच पीसीसी वॉर रूम के बाहर अलग-अलग सीटों से आए प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के शक्ति प्रदर्शन ने पार्टी नेताओं को चिंता में डाल दिया है. झुंझुनूं में जहां मुस्लिम न्याय मंच कांग्रेस से अल्पसंख्यक वर्ग के प्रत्याशी की मांग पर अड़ा है. वहीं, खींवसर से दुर्गसिंह चौहान और देवली उनियारा से नरेश मीना भी पैर जमाकर खड़े हैं. ऐसे में उपचुनाव में बगावत के सुरों को शांत करना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है. हालांकि, पार्टी ने डैमेज कंट्रोल करने की हरसंभव कोशिश करेगी. प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि किसी भी कार्यकर्ता को निराश नहीं किया जाएगा.
झुंझुनूं में टिकट नहीं तो वोट नहीं का नारा : मुस्लिम न्याय मंच के बैनर तले मुस्लिम समाज के लोग वॉर रूम के बाहर इकठ्ठा हुए और नारेबाजी की. उन्होंने मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट देने की मांग करते हुए टिकट नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाए. संयोजक इमरान का कहना है कि झुंझुनूं विधानसभा सीट पर 70 हजार मुस्लिम वोटर्स हैं. वहां से इस बार उपचुनाव में मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा जाता है तो समाज के लोगों ने टिकट नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद करने की ठान रखी है. बता दें झुंझुनूं सीट ओला परिवार की सीट मानी जाती है. जहां से इस बार मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष रहे एमडी चौपदार भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.
देवली-उनियारा से नरेश मीना का शक्ति प्रदर्शन : राजस्थान विश्वविद्यालय के महासचिव रहे नरेश मीना ने विधानसभा चुनाव में छबड़ा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोकी थी. अब वे देवली-उनियारा से टिकट की मांग कर रहे हैं. पीसीसी वॉर रूम के बाहर सोमवार को उनके समर्थकों ने भी जमकर नारेबाजी की और शक्ति प्रदर्शन कर टिकट पर दावेदारी पेश की. नरेश मीना का कहना है, उन्होंने प्रदेश के नेताओं को प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को अपनी जीत की रणनीति बताई है. उनका कहना है कि उन्हें प्रदेश नेतृत्व ने टिकट का भरोसा दिलाया है.
खींवसर से दुर्गसिंह ठोक रहे ताल : दुर्गसिंह चौहान बोले- पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो 2023 के विधानसभा चुनाव में खींवसर की जनता ने जवाब दे दिया. जब खींवसर विधानसभा का गठन हुआ तब से आज तक कांग्रेस का पंचायत समिति, जिला परिषद और विधानसभा सीट पर खाता नहीं खुला. अनीति और अहंकार के राजनीतिक वातावरण को खत्म करने के लिए जनता मेरे साथ रहती है. बसपा से दो बार चुनाव लड़कर हनुमान बेनीवाल को टक्कर दी है. वहां से 2023 में कांग्रेस नेताओं से भूल हुई और कांग्रेस की जमानत जब्त हुई. अब मैंने जनता की आवाज नेताओं तक पहुंचाई है. उन्होंने यह भी कहा कि खींवसर की जनता जो फैसला लेगी. उस पर उन्हें जाना होगा.
कांग्रेस किसी कार्यकर्ता को निराश नहीं करती : प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा बोले, नरेश मीना ने अपनी बात बताई है. मुझसे और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से वो मिले हैं. हर कार्यकर्ता, जो काम करता है. उसका मन होता है कि उसने जो काम किया है. पार्टी उसे रिवॉर्ड करे. उनकी बात सुनी है. समझाया भी है. जैसे जम्मू-कश्मीर में उदय भानु चिब को टिकट नहीं मिला. लेकिन एआईसीसी ने देखा कि उनमें काम करने की क्षमता है तो उन्हें यूथ कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है. कांग्रेस कभी भी किसी कार्यकर्ता को निराश नहीं करती है.