देहरादून: कांग्रेस हाईकमान ने हरक सिंह रावत को बड़ी जिम्मेदारी दी है. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने हरक सिंह रावत को ओडिशा में आगामी विधानसभा चुनाव और आम चुनावों के ऑब्जर्वर के लिए तैनात किया है. हरक सिंह रावत को ओडिशा के लिए एआईसीसी पर्यवेक्षकों के रूप में नियुक्त किया गया है. उनके साथ इस लिस्ट में मीनाक्षी नटराजन और प्रगट सिंह का नाम भी शामिल है.
उत्तराखंड कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं हरक सिंह: बता दें हरक सिंह रावत कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं. इन दिनों हरक सिंह रावत ईडी की जांच में फंसे हैं. वहीं, लोकसभा चुनाव को लेकर भी हरक सिंह रावत की चर्चा है. उनका नाम हरिद्वार लोकसभा सीट के आगे किया जा रहा था.हरक सिंह रावत उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में कई बार विधायक रह चुके हैं. हरक सिंह रावत के पास मंत्री रहने का एक लंबा चौड़ा अनुभव है. ऋषिकेश देहरादून के साथ-साथ हरिद्वार में भी उनकी अच्छी खासी पकड़ है. मौजूदा समय में हरक सिंह रावत ED की पूछताछ के पचड़े में फंसे हुए हैं.
श्रीनगर गढ़वाल के रहने वाले हैं हरक: हरक सिंह रावत का जन्म 15 दिसंबर 1960 को हुआ. वे श्रीनगर गढ़वाल के रहने वाले हैं. उन्होंने गढवाल केंद्रीय विवि से सियासत की शुरुआत की. साथ ही यहां वे प्रवक्ता भी रहे. 1984 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े. पहली बार चुनाव हारे. 1991 में फिर भाजपा के टिकट पर पौड़ी से लड़े. जिसमें उन्हें जीत मिली. तब यूपी में कल्याण सिंह सरकार थी. जिसमें वे पर्यटन मंत्री बने.
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नहीं हारे हरक:
1993 में वे दोबारा विधायक बने. तीसरी बार उन्हें टिकट नहीं मिला. जिसके बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ दी. तब बसपा ज्वाइन की. 1998 में बसपा से लोकसभा चुनाव लड़ा. तब वे चुनाव हार गये. इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हुए.इसके बाद साल 2000 यूपी से अलग होकर उत्तराखंड बना.2002 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ. जिसमें उन्होंने लैंसडौन से चुनाव लड़ा. यहां से वे चुनाव जीते. 2007 में भी वे विधायक बने. 2012 में हरक सिंह रावत रुद्रप्रयाग से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे. 2016 में हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड की काग्रेस सरकार को अल्मत में लाने में अहम निभाई. तब हरक सिंह रावत, हरीश रावत की सरकार में मंत्री थे. तब वे 9 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गये. इसके बाद 2017 विधानसभा चुनाव हरक सिंह ने बीजेपी के सिंबल पर लड़ा. साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले हरक सिंह रावत कांग्रेस में वापस आ गये.साल 2022 में हरक सिंह ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा. हरक सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा.
लोकसभा चुनाव की उम्मीदवारी पर संशय! हरक सिंह रावत हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस कैंडिडेट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. इस सीट पर हरीश रावत का नाम भी चल रहा है. अब हरक सिंह रावत को ओडिशा चुनाव की जिम्मेदारी सौंप दी गई है. ऐसे में माना जा रहा है कांग्रेस हरिद्वार सीट पर हरक सिंह के अलावा किसी अन्य पर दांव खेल सकती है.
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