भोपाल. मंत्री जी की गलती में भूल सुधार करते हुए उन्हें 15 मिनट बाद कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई. राजनीतिक जानकार कह रहे हैं कि अब रामनिवास रावत तीन बार के मंत्री कहे जाएंगे. दिग्विजय सरकार में गृह राज्य मंत्री रामनिवास मोहन सरकार में पहले राज्य मंत्री के रूप में शपथ लेते हैं और फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में. खास बात ये भी है कि कांग्रेस विधायक रहते हुए उन्होंने बीजेपी सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है. एमपी के मंत्री के इस गजब कंफ्यूजन के चर्चे जोरों पर हैं.
मंत्री जी को क्यों हुआ कंफ्यूजन?
इसमें दो राय नहीं कि कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं की फौज में रामनिवास रावत कद्दावर नेता कहे जाएंगे. अब ये रामनिवास रावत पर पिछले कार्यकाल का असर था या उत्साह कि कैबिनेट मंत्री बनाए गए राम निवास जब शपथ ले रहे थे तो उन्होंने शपथ में राज्यमंत्री के रुप में शपथ ले ली. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं, ''मुमकिन है कि कांग्रेस लंबे समय से सत्ता में नहीं है, इसकी वजह से ऐसा हुआ हो.'' दूसरी ओर दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में जब रामनिवास रावत पहली बार मंत्री बने थे तब भी वे गृह राज्य मंत्री ही थी. लेकिन खास बात ये है कि जब रामनिवास रावत ने कैबिनेट मंत्री की जगह जब राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली तो तुरंत ही भूल सुधार की गई और पंद्रह मिनिट बाद ही उन्हें दुबारा शपथ दिलाई गई. जिसमें उन्होने खुद को कैबिनेट मंत्री कहा.
बीजेपी के कई दिग्गज कतार में
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक रामनिवास रावत इस शर्त के साथ ही बीजेपी में आए थे कि वे मंत्री पद की शपथ लेंगे और उनके आगे शर्त थी मुरैना में जीत की. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, '' राम निवास रावत का अकेले कैबिनेट मंत्री की शपथ लेना केवल बीजेपी का किया हुआ वादा पूरा करना नहीं है. ये शपथ ग्रहण बता रही है कि राम निवास रावत बाकी कांग्रेस से बीजेपी में आए मंत्रियों के मुकाबले ताकतवर मंत्री रहेंगे. इस समय भी बीजेपी में ही कई वरिष्ठ विधायक मंत्री पद की कतार में है लेकिन उन्हें मौका नही मिला.