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ओसियां फैक्ट्री में एमडी बनने की हुई पुष्टि, आरोपी पहले एप के जरिए ऑनलाइन मंगवाते थे ड्रग - MD Factory In Jodhpur - MD FACTORY IN JODHPUR

Jodhpur Osian MD Factory, जोधपुर की ओसियां फैक्ट्री में मिली सामग्री की जांच में एमडी ड्रग बनाने की पुष्टि हुई है. एनसीबी गांधीनगर की एफएसएल टीम ने मौके से जार सहित अन्य उपकरण बरामद किए थे, जिससे इसकी पुष्टि हुई है.

Jodhpur Osian MD Factory
Jodhpur Osian MD Factory
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 29, 2024, 10:47 PM IST

जोधपुर एनसीबी जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी

जोधपुर. जिले की ओसियां स्थित फैक्ट्री में मिली सामग्री की पड़ताल में एमडी ड्रग बनाने की पुष्टि हुई है. सोमवार को एनसीबी गांधीनगर की एफएसएल टीम ने मौके से जार सहित अन्य उपकरण बरामद किए थे, जिससे अब एमडी ड्रग बनाने की पुष्टि हुई है. जोधपुर एनसीबी के जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी ने बताया कि टीम ने 500 मिली ग्राम एमडी बरामद की है. उन्होंने बताया कि इस मामले का मुख्य आरोपी जगदीश विश्नोई अभी फरार चल रहा है. ग्रामीण पुलिस की टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं. जोधपुर एनसीबी के जोनल डायरेक्टर ने बताया कि एनसीबी अहमदाबाद और गुजरात एटीएस की कार्रवाई में पकड़े गए सभी आरोपी एक-दूसरे से जुड़े हैं. ये सभी पहले एक साथ थे. जमानत के बाद इन लोगों ने फैक्ट्री डाली.

पहले ब्लू एंड मोबाइल एप से मंगवाते थे एमडी : सोनी ने बताया कि इन सब का कनेक्शन पुराने मामलों से जुड़ा है. इनका पहले एक शख्स से संपर्क हुआ. ऐसे में ये लोग उसी के जरिए ब्लू एंड मोबाइल एप से एमडी मंगवाते थे. इनके साथ गुजरात का मनोहर ऐनानी भी था, जो 2015 में 279 किलो ड्रग्स के साथ आबूरोड से पकड़ा गया था और फिर सात साल की सजा काटा. इसके बाद मनोहर 2022 में जेल से बाहर आया और फिर इन लोगों ने मिलकर प्लांट लगाने की शुरुआत की. इस दौरान ओसियां का जगदीश भी इनके संपर्क में आया. सिरोही और जोधपुर में फैक्ट्री के खुलासे के साथ दो दिन में 13 लोगों की गिरफ्तारी हुई. इस गिरफ्तारी के बाद कई बातें सामने आई, जिससे सभी के लिंक एक-दूसरे से जुड़ते दिख रहे हैं.

इसे भी पढ़ें - एनसीबी और गुजरात एटीएस की कार्रवाई, 300 करोड़ की ड्रग्स बरामद, 7 लोगों को किया डिटेन - Drugs Worth Rs 300 Seized

तीन महीने से चल रही थी पड़ताल : गुजरात के पिपलाज में 500 ग्राम एमडी के साथ 3 महीने पहले पकड़े तस्कर ने एनसीबी को बताया था कि राजस्थान में एमडी बनती है. पिपलाज में रेड के दौरान गिरफ्तार हुए पाली निवासी दीपक सोलंकी का चाय पत्ती का बिजनेस था. दीपक इससे पहले जोधपुर में ड्रग्स सप्लाई के मामले में पकड़ा गया था. वो एमडी सप्लायर कुलदीप सिंह के संपर्क में आने के बाद जोधपुर से एमडी लाकर पाली में बेचने लगा था. वहीं, ओसियां फैक्ट्री में जगदीश का सहयोगी राम प्रताप भी पकड़ा जा चुका है.

जोधपुर एनसीबी जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी

जोधपुर. जिले की ओसियां स्थित फैक्ट्री में मिली सामग्री की पड़ताल में एमडी ड्रग बनाने की पुष्टि हुई है. सोमवार को एनसीबी गांधीनगर की एफएसएल टीम ने मौके से जार सहित अन्य उपकरण बरामद किए थे, जिससे अब एमडी ड्रग बनाने की पुष्टि हुई है. जोधपुर एनसीबी के जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी ने बताया कि टीम ने 500 मिली ग्राम एमडी बरामद की है. उन्होंने बताया कि इस मामले का मुख्य आरोपी जगदीश विश्नोई अभी फरार चल रहा है. ग्रामीण पुलिस की टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं. जोधपुर एनसीबी के जोनल डायरेक्टर ने बताया कि एनसीबी अहमदाबाद और गुजरात एटीएस की कार्रवाई में पकड़े गए सभी आरोपी एक-दूसरे से जुड़े हैं. ये सभी पहले एक साथ थे. जमानत के बाद इन लोगों ने फैक्ट्री डाली.

पहले ब्लू एंड मोबाइल एप से मंगवाते थे एमडी : सोनी ने बताया कि इन सब का कनेक्शन पुराने मामलों से जुड़ा है. इनका पहले एक शख्स से संपर्क हुआ. ऐसे में ये लोग उसी के जरिए ब्लू एंड मोबाइल एप से एमडी मंगवाते थे. इनके साथ गुजरात का मनोहर ऐनानी भी था, जो 2015 में 279 किलो ड्रग्स के साथ आबूरोड से पकड़ा गया था और फिर सात साल की सजा काटा. इसके बाद मनोहर 2022 में जेल से बाहर आया और फिर इन लोगों ने मिलकर प्लांट लगाने की शुरुआत की. इस दौरान ओसियां का जगदीश भी इनके संपर्क में आया. सिरोही और जोधपुर में फैक्ट्री के खुलासे के साथ दो दिन में 13 लोगों की गिरफ्तारी हुई. इस गिरफ्तारी के बाद कई बातें सामने आई, जिससे सभी के लिंक एक-दूसरे से जुड़ते दिख रहे हैं.

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तीन महीने से चल रही थी पड़ताल : गुजरात के पिपलाज में 500 ग्राम एमडी के साथ 3 महीने पहले पकड़े तस्कर ने एनसीबी को बताया था कि राजस्थान में एमडी बनती है. पिपलाज में रेड के दौरान गिरफ्तार हुए पाली निवासी दीपक सोलंकी का चाय पत्ती का बिजनेस था. दीपक इससे पहले जोधपुर में ड्रग्स सप्लाई के मामले में पकड़ा गया था. वो एमडी सप्लायर कुलदीप सिंह के संपर्क में आने के बाद जोधपुर से एमडी लाकर पाली में बेचने लगा था. वहीं, ओसियां फैक्ट्री में जगदीश का सहयोगी राम प्रताप भी पकड़ा जा चुका है.

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