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पटना AIIMS डायरेक्टर के बेटे के OBC सर्टिफिकेट की जांच शुरू, जानिए पूरा मामला - patna aiims director

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

Patna AIIMS: पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण पाल के बेटे डॉक्टर ऑरो प्रकाश पाल को जारी ओबीसी प्रमाण पत्र सवालों के घेरे में आ गया है. जिसकी बिहार सरकार ने जांच के आदेश दिये हैं. पटना के डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम इस मामले की जांच शुरू कर दी है. इसकी जानकारी पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने दी है.

पटना एम्स में फर्जीवाड़ा
पटना एम्स में फर्जीवाड़ा (ETV Bharat)

पटना: पटना के फुलवारीशरीफ स्थित पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक सह सीईओ डॉ. गोपाल कृष्ण पाल के बेटे डॉक्टर ऑरो प्रकाश पाल के ओबीसी सर्टिफिकेट मामले में कथित गड़बड़ी की जांच शुरू हो गयी है. ओबीसी प्रमाण पत्र में खामियों की जांच के लिए पटना के डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. जिसमें कल्याण अधिकारी और जिला लेखा अधिकारी भी शामिल हैं. पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जांच समिति जल्दी अपनी रिपोर्ट सौंप देगी.

गोरखपुर एम्स में हुआ नामांकन: पटना से जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर डॉ. ऑरो प्रकाश को 30 अगस्त को गोरखपुर एम्स में माइक्रोबायोलॉजी में तीन वर्षीय स्नातकोत्तर एमडी पाठ्यक्रम में ओबीसी कैटेगरी के तहत नामांकन हुआ था. दरअसल, डॉ. ऑरोप्रकाश पाल को पटना से दो ओबीसी प्रमाणपत्र जारी किए गए. पहला 13 जनवरी को फुलवारीशरीफ ब्लॉक के राजस्व अधिकारी और दूसरा 27 अप्रैल को दानापुर के राजस्व अधिकारी ने जारी किया था.

पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर जीके पाल
पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर जीके पाल (ETV Bharat)

पटना से ओबीसी सर्टिफिकेट जारी: कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) मंत्रालय के नियम के मुताबिक केंद्रीय और राज्य सेवाओं के ग्रुप वन के अधिकारियों ने बेटे और बेटियां क्रीमी लेयर के अंतर्गत आते हैं. बिहार और यूपी में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण के लाभ के हकदार नहीं होते हैं. बावजूद इसके पटना एम्स के डायरेक्टर के बेटे का ओबीसी सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया.

"मामला सामने आने के बाद 10 सितंबर को डॉक्टर पाल ने सर्टिफिकेट रद्द करने का अनुरोध किया था. जिसके तुरंत बाद ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने में बरती गई अनियमितता की जांच शुरू की गई है." -चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी, पटना

डॉ ऑरो प्रकाश पाल ने दिया इस्तीफा: ओबीसी प्रमाण पत्र के आधार पर उनकी नियुक्ति की खबर आने के बाद डॉ ऑरो प्रकाश पाल ने 3 सितंबर को एचडी पाठ्यक्रम से इस्तीफा दे दिया है. डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल ने कहा कि उनके बेटे ने 3 लाख रु जुर्माना भरने के बाद इस्तीफा दे दिया और गोरखपुर एम्स भी छोड़ दिया है.

जाति प्रमाणपत्र भी संदेह के घेरे में: दरअसल, जाति प्रमाण पत्र आम तौर पर आवेदक के निवास स्थान से जारी किए जाते हैं. जबकि डॉक्टर पाल के बेटे का ओबीसी प्रमाण पत्र पटना से ही जारी कर दिया गया. जिसमें उनका पता पटना के दानापुर उपमंडल के खगौल ब्लॉक में एम्स आवासीय परिसर हैं. जबकि उनका स्थायी पता ओडिशा है.

एक सप्ताह के भीतर आएगी जांच रिपोर्ट: मामले की जांच को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक समिति का गठन किया है. जांच समिति में डॉ. मनीषी कुमार संयुक्त सचिव, प्रियदर्शिका श्रीवास्तव निदेशक (INI) और सचिन कुमार निदेशक सतर्कता और संपर्क अधिकारी शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच समिति को अपनी जांच पूरी कर एक सप्ताह के भीतर स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

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पटना: पटना के फुलवारीशरीफ स्थित पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक सह सीईओ डॉ. गोपाल कृष्ण पाल के बेटे डॉक्टर ऑरो प्रकाश पाल के ओबीसी सर्टिफिकेट मामले में कथित गड़बड़ी की जांच शुरू हो गयी है. ओबीसी प्रमाण पत्र में खामियों की जांच के लिए पटना के डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. जिसमें कल्याण अधिकारी और जिला लेखा अधिकारी भी शामिल हैं. पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जांच समिति जल्दी अपनी रिपोर्ट सौंप देगी.

गोरखपुर एम्स में हुआ नामांकन: पटना से जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर डॉ. ऑरो प्रकाश को 30 अगस्त को गोरखपुर एम्स में माइक्रोबायोलॉजी में तीन वर्षीय स्नातकोत्तर एमडी पाठ्यक्रम में ओबीसी कैटेगरी के तहत नामांकन हुआ था. दरअसल, डॉ. ऑरोप्रकाश पाल को पटना से दो ओबीसी प्रमाणपत्र जारी किए गए. पहला 13 जनवरी को फुलवारीशरीफ ब्लॉक के राजस्व अधिकारी और दूसरा 27 अप्रैल को दानापुर के राजस्व अधिकारी ने जारी किया था.

पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर जीके पाल
पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर जीके पाल (ETV Bharat)

पटना से ओबीसी सर्टिफिकेट जारी: कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) मंत्रालय के नियम के मुताबिक केंद्रीय और राज्य सेवाओं के ग्रुप वन के अधिकारियों ने बेटे और बेटियां क्रीमी लेयर के अंतर्गत आते हैं. बिहार और यूपी में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण के लाभ के हकदार नहीं होते हैं. बावजूद इसके पटना एम्स के डायरेक्टर के बेटे का ओबीसी सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया.

"मामला सामने आने के बाद 10 सितंबर को डॉक्टर पाल ने सर्टिफिकेट रद्द करने का अनुरोध किया था. जिसके तुरंत बाद ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने में बरती गई अनियमितता की जांच शुरू की गई है." -चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी, पटना

डॉ ऑरो प्रकाश पाल ने दिया इस्तीफा: ओबीसी प्रमाण पत्र के आधार पर उनकी नियुक्ति की खबर आने के बाद डॉ ऑरो प्रकाश पाल ने 3 सितंबर को एचडी पाठ्यक्रम से इस्तीफा दे दिया है. डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल ने कहा कि उनके बेटे ने 3 लाख रु जुर्माना भरने के बाद इस्तीफा दे दिया और गोरखपुर एम्स भी छोड़ दिया है.

जाति प्रमाणपत्र भी संदेह के घेरे में: दरअसल, जाति प्रमाण पत्र आम तौर पर आवेदक के निवास स्थान से जारी किए जाते हैं. जबकि डॉक्टर पाल के बेटे का ओबीसी प्रमाण पत्र पटना से ही जारी कर दिया गया. जिसमें उनका पता पटना के दानापुर उपमंडल के खगौल ब्लॉक में एम्स आवासीय परिसर हैं. जबकि उनका स्थायी पता ओडिशा है.

एक सप्ताह के भीतर आएगी जांच रिपोर्ट: मामले की जांच को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक समिति का गठन किया है. जांच समिति में डॉ. मनीषी कुमार संयुक्त सचिव, प्रियदर्शिका श्रीवास्तव निदेशक (INI) और सचिन कुमार निदेशक सतर्कता और संपर्क अधिकारी शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच समिति को अपनी जांच पूरी कर एक सप्ताह के भीतर स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

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