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कोलियरी प्रबंधन की मनमानी, बिना किसी नोटिस के ध्वस्त कर दिया गया ग्रामीणों का घर - Villagers houses demolished - VILLAGERS HOUSES DEMOLISHED

Villagers houses demolished in Latehar. लातेहार में कोलियरी प्रबंधन मनमानी कर रहा है. प्रबंधन ने बिना किसी नोटिस के कई ग्रामीणों के घर तोड़ दिये. इससे ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है.

Villagers houses demolished
Villagers houses demolished
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 1, 2024, 10:47 AM IST

ग्रामीणों के घरों को किया गया ध्वस्त

लातेहार: एक तरफ सरकार गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है.वहीं दूसरी ओर, निजी कंपनियां अपने लाभ के लिए गरीबों को बेघर कर रही हैं. ऐसा ही नजारा लातेहार जिले के अम्बाझारन गांव में देखने को मिला. यहां कार्यरत तुबेद कोलियरी प्रबंधन द्वारा बिना किसी सूचना के तीन ग्रामीणों का घर तोड़ दिया गया. इससे ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है. घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश भी देखा जा रहा है.

प्रबंधन द्वारा किया जा रहा जमीन अधिग्रहण

दरअसल, सदर प्रखंड के अम्बाझारन गांव का एक बड़ा भूभाग तुबेद कोलियरी प्रबंधन द्वारा अधिग्रहित किया जा रहा है. अधिग्रहण के लिए चिह्नित जमीन पर कई ग्रामीणों के घर भी बने हैं. सरकारी प्रावधान है कि किसी भी ग्रामीण का घर अधिग्रहण करने से पहले उसका पुनर्वास करना अनिवार्य है. लेकिन तुबेद कोलियरी प्रबंधन सरकार के इस प्रावधान का उल्लंघन कर रहा है और किसी भी ग्रामीण का पुनर्वास किये बिना ही उनका घर तोड़ रहा है.

इस संबंध में ग्रामीण राजेश भुइयां ने बताया कि कोलियरी प्रबंधन द्वारा आज उनका घर तोड़ दिया गया. घर में कई सामान थे, जो पूरी तरह बर्बाद हो गये. उन्होंने बताया कि आज तक उन्हें न तो मुआवजा दिया गया है और न ही घर हटाने का कोई नोटिस दिया गया है. आज अचानक उन्हें सूचना मिली कि उनका मकान तोड़ा जा रहा है. जब तक वह अपने घर पहुंचे, पूरा घर मलबे में तब्दील हो चुका था. इधर, घटना के बाद से राजेश भुइयां और उनकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है. पति-पत्नी दोनों का कहना है कि गरीबों के साथ इतना अन्याय हो रहा है, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है.

घर तोड़ने के बाद प्रबंधन के लोग फरार

इधर, इस संबंध में ग्रामीण चहर यादव ने बताया कि उनका घर पहले ही ध्वस्त हो चुका है. जिसके चलते वह मौलवी साहब के मकान में किराये पर रहते थे. आज मौलवी साहब का घर भी बिना किसी सूचना के तोड़ दिया गया. जिससे घर में रखे सारे कपड़े, अनाज व अन्य सामान बर्बाद हो गये. उन्होंने कहा कि अगर प्रबंधन ने उन्हें 2 घंटे पहले भी सूचना दी होती तो वे कम से कम जरूरी सामान घर से बाहर निकाल लेते.

मो मुफ्ती साहब ने बताया कि उन्हें किसी तरह का कोई नोटिस नहीं दिया गया और न ही कोई मुआवजा दिया गया. आज अचानक बुलडोजर लाया गया. घर तोड़ने के बाद कोलियरी प्रबंधन के लोग वहां से फरार हो गये.

जीएम को घटना की जानकारी नहीं

इधर, पीड़ित ग्रामीणों ने जब इसकी शिकायत तुबेद कोलियरी प्रोजेक्ट जीएम जेके मांड्या से की तो उन्होंने घटना की जानकारी से अनभिज्ञता जतायी. उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वह मामले की जानकारी ले रहे हैं. घटना से स्थानीय ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीण मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाने की भी योजना बना रहे हैं.

यह भी पढ़ें: कोलियरी प्रबंधन की मनमानी से ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी, बिना मुआवजा दिए ही जमीन पर किया जा रहा कब्जा

यह भी पढ़ें: तुबेद के अवैध कोलियरी पर चला प्रशासन का बुलडोजर, ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होने के बाद एक्शन

यह भी पढ़ें: सड़क निर्माण के नाम पर दर्जन भर ग्रामीणों के तोड़े घर, मुआवजा के नाम पर दिए मात्र 10 हजार रुपए, बेबस ग्रामीण भटक रहे दर-दर

ग्रामीणों के घरों को किया गया ध्वस्त

लातेहार: एक तरफ सरकार गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है.वहीं दूसरी ओर, निजी कंपनियां अपने लाभ के लिए गरीबों को बेघर कर रही हैं. ऐसा ही नजारा लातेहार जिले के अम्बाझारन गांव में देखने को मिला. यहां कार्यरत तुबेद कोलियरी प्रबंधन द्वारा बिना किसी सूचना के तीन ग्रामीणों का घर तोड़ दिया गया. इससे ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है. घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश भी देखा जा रहा है.

प्रबंधन द्वारा किया जा रहा जमीन अधिग्रहण

दरअसल, सदर प्रखंड के अम्बाझारन गांव का एक बड़ा भूभाग तुबेद कोलियरी प्रबंधन द्वारा अधिग्रहित किया जा रहा है. अधिग्रहण के लिए चिह्नित जमीन पर कई ग्रामीणों के घर भी बने हैं. सरकारी प्रावधान है कि किसी भी ग्रामीण का घर अधिग्रहण करने से पहले उसका पुनर्वास करना अनिवार्य है. लेकिन तुबेद कोलियरी प्रबंधन सरकार के इस प्रावधान का उल्लंघन कर रहा है और किसी भी ग्रामीण का पुनर्वास किये बिना ही उनका घर तोड़ रहा है.

इस संबंध में ग्रामीण राजेश भुइयां ने बताया कि कोलियरी प्रबंधन द्वारा आज उनका घर तोड़ दिया गया. घर में कई सामान थे, जो पूरी तरह बर्बाद हो गये. उन्होंने बताया कि आज तक उन्हें न तो मुआवजा दिया गया है और न ही घर हटाने का कोई नोटिस दिया गया है. आज अचानक उन्हें सूचना मिली कि उनका मकान तोड़ा जा रहा है. जब तक वह अपने घर पहुंचे, पूरा घर मलबे में तब्दील हो चुका था. इधर, घटना के बाद से राजेश भुइयां और उनकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है. पति-पत्नी दोनों का कहना है कि गरीबों के साथ इतना अन्याय हो रहा है, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है.

घर तोड़ने के बाद प्रबंधन के लोग फरार

इधर, इस संबंध में ग्रामीण चहर यादव ने बताया कि उनका घर पहले ही ध्वस्त हो चुका है. जिसके चलते वह मौलवी साहब के मकान में किराये पर रहते थे. आज मौलवी साहब का घर भी बिना किसी सूचना के तोड़ दिया गया. जिससे घर में रखे सारे कपड़े, अनाज व अन्य सामान बर्बाद हो गये. उन्होंने कहा कि अगर प्रबंधन ने उन्हें 2 घंटे पहले भी सूचना दी होती तो वे कम से कम जरूरी सामान घर से बाहर निकाल लेते.

मो मुफ्ती साहब ने बताया कि उन्हें किसी तरह का कोई नोटिस नहीं दिया गया और न ही कोई मुआवजा दिया गया. आज अचानक बुलडोजर लाया गया. घर तोड़ने के बाद कोलियरी प्रबंधन के लोग वहां से फरार हो गये.

जीएम को घटना की जानकारी नहीं

इधर, पीड़ित ग्रामीणों ने जब इसकी शिकायत तुबेद कोलियरी प्रोजेक्ट जीएम जेके मांड्या से की तो उन्होंने घटना की जानकारी से अनभिज्ञता जतायी. उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वह मामले की जानकारी ले रहे हैं. घटना से स्थानीय ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीण मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाने की भी योजना बना रहे हैं.

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