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कलेक्टर ने नर्सिंगकर्मी को किया निलंबित, जिला अस्पताल में मरीजों को इंजेक्शन देने वाले युवक के खिलाफ FIR दर्ज कराने का आदेश - Nursing staff suspends

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 24, 2024, 9:55 PM IST

Nursing staff suspends, बहरोड जिला अस्पताल के नर्सिंगकर्मी राकेश कुमार की जगह एक प्राइवेट शख्स मरीजों को इंजेक्शन देते पाया गया. इस पर जिला कलेक्टर ने तत्काल एक्शन लेते हुए नर्सिंगकर्मी को निलंबित कर दिया. वहीं, मरीजों को इंजेक्शन दे रहे युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया.

Nursing staff suspends
कलेक्टर ने नर्सिंगकर्मी को किया निलंबित (ETV BHARAT Behror)

बहरोड. जिला अस्पताल में कलेक्टर के औचक निरीक्षण के दौरान नर्सिंगकर्मी की जगह दूसरा युवक मरीज को इंजेक्शन देते पाया गया. इस पर नाराज कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने नर्सिंगकर्मी को निलंबित कर दिया. वहीं, मरीज को इंजेक्शन देने वाले युवक के खिलाफ अस्पताल इंचार्ज को मामला दर्ज करने का आदेश दिया. दरअसल, शुक्रवार को बहरोड दौरे पर रही जिला कलेक्टर जिला अस्पताल के इंजेक्शन वार्ड में पहुंची. मौके पर उन्होंने एक प्राइवेट व्यक्ति सुमित कुमार पुत्र घासीराम निवासी मुंडावर को मरीजों को इंजेक्शन देते पाया.

हालांकि, जब जिला कलेक्टर ने सुमित कुमार नाम के व्यक्ति से इस बारे में पूछताछ की तो वो कोई उत्तर नहीं दे सका. ऐसे में कलेक्टर को उस पर शक हुआ. वहीं, मामले को गंभीर से लेते हुए मौके पर पीएमओ डॉ. सत्यवीर यादव को निर्देशित किया गया कि इंजेक्शन देने वाले व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए. साथ ही इंजेक्शन वार्ड के प्रभारी राकेश कुमार को राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण व अपील) नियम 1958 के नियम 13 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.

इसे भी पढ़ें - बाड़मेर कलेक्टर ने किया जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण, सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश

जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि शुकवार को दोपहर के दौरान वो बहरोड जिला अस्पताल के निरीक्षण के लिए आई थीं. निरीक्षण के दौरान उन्होंने एक युवक को मरीज को इंजेक्शन लगाते पाया. इस पर जब उन्होंने युवक से सवाल किया तो वो जवाब नहीं दे पाया. वहीं, उन्हें शक हुआ, जिसके बाद जिला अस्पताल इंचार्ज से युवक के बारे में पूरी जानकारी ली. जांच में पाया गया कि नर्सिंगकर्मी राकेश कुमार की जगह वो काम कर रहा था. इसके बाद अस्पताल इंचार्ज को आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए. साथ ही नर्सिंगकर्मी को निलंबित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि इस प्रकार का कार्य मानव जीवन को खतरे में डालने वाला है और सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.

कलेक्टर की कार्यवाही के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया. जिला अस्पताल के निरीक्षण के बाद बहरोड पंचायत समिति में सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर कलेक्टर ने आवश्यक निर्देश दिए. इस दौरान बहरोड उपखंड अधिकारी रामकिशोर मीणा और तहसीलदार भी मौजूद रहे.

बहरोड. जिला अस्पताल में कलेक्टर के औचक निरीक्षण के दौरान नर्सिंगकर्मी की जगह दूसरा युवक मरीज को इंजेक्शन देते पाया गया. इस पर नाराज कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने नर्सिंगकर्मी को निलंबित कर दिया. वहीं, मरीज को इंजेक्शन देने वाले युवक के खिलाफ अस्पताल इंचार्ज को मामला दर्ज करने का आदेश दिया. दरअसल, शुक्रवार को बहरोड दौरे पर रही जिला कलेक्टर जिला अस्पताल के इंजेक्शन वार्ड में पहुंची. मौके पर उन्होंने एक प्राइवेट व्यक्ति सुमित कुमार पुत्र घासीराम निवासी मुंडावर को मरीजों को इंजेक्शन देते पाया.

हालांकि, जब जिला कलेक्टर ने सुमित कुमार नाम के व्यक्ति से इस बारे में पूछताछ की तो वो कोई उत्तर नहीं दे सका. ऐसे में कलेक्टर को उस पर शक हुआ. वहीं, मामले को गंभीर से लेते हुए मौके पर पीएमओ डॉ. सत्यवीर यादव को निर्देशित किया गया कि इंजेक्शन देने वाले व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए. साथ ही इंजेक्शन वार्ड के प्रभारी राकेश कुमार को राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण व अपील) नियम 1958 के नियम 13 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.

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जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि शुकवार को दोपहर के दौरान वो बहरोड जिला अस्पताल के निरीक्षण के लिए आई थीं. निरीक्षण के दौरान उन्होंने एक युवक को मरीज को इंजेक्शन लगाते पाया. इस पर जब उन्होंने युवक से सवाल किया तो वो जवाब नहीं दे पाया. वहीं, उन्हें शक हुआ, जिसके बाद जिला अस्पताल इंचार्ज से युवक के बारे में पूरी जानकारी ली. जांच में पाया गया कि नर्सिंगकर्मी राकेश कुमार की जगह वो काम कर रहा था. इसके बाद अस्पताल इंचार्ज को आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए. साथ ही नर्सिंगकर्मी को निलंबित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि इस प्रकार का कार्य मानव जीवन को खतरे में डालने वाला है और सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.

कलेक्टर की कार्यवाही के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया. जिला अस्पताल के निरीक्षण के बाद बहरोड पंचायत समिति में सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर कलेक्टर ने आवश्यक निर्देश दिए. इस दौरान बहरोड उपखंड अधिकारी रामकिशोर मीणा और तहसीलदार भी मौजूद रहे.

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