बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के कई जिले मलेरिया डायरिया के चपेट में हैं.बिलासपुर जिले के कोटा में मलेरिया के कारण दो बच्चों की मौत हुई.जिसके बाद अब प्रशासन हरकत में आया है. कलेक्टर अवनीश शरण ने कोटा विकासखण्ड के मलेरिया प्रभावित कुरदर,छुईहा,टेंगनमाड़ा सहित अलग-अलग गांवों का दौरा किया.इस दौरान बारिश के कारण गांव की सड़कों में कीचड़ और दलदल हो गया था.लिहाजा कलेक्टर ने बाइक से ही छुईहा और चिखलाडबरी सड़क होते हुए गांवों का दौरा किया.
सड़कें खराब होने के कारण नहीं पहुंच पा रहे वाहन : आपको बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र में मलेरिया सहित डायरिया के मामले आने पर बिलासपुर के कलेक्टर ने दौरा किया. कुछ गांवों में चार पहिया वाहन आ जा नहीं पाने के कारण मरीजों सहित आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ये देखकर उन्होंने सड़क को दो दिनों में सुधार कर आने-जाने योग्य बनाने के निर्देश दिए है.इस दौरान कलेक्टर ने कुरदर में मलेरिया चौपाल लगाकर हालात की समीक्षा की.इस दौरान कलेक्टर ने खुद मितानिन से मलेरिया जांच करवाई.साथ ही आम लोगों को मलेरिया की जांच कराने के लिए अपील की.
गांवों का दौरा करके दिए निर्देश : कलेक्टर अवनीश शरण ने कोटा ब्लॉक के दूरस्थ मलेरिया पीड़ित इलाके का सघन दौरा किया. ग्रामीणों और स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों से हालात की जानकारी ली. कुरदर के सरपंच राजकुमार पैंकरा से भी चर्चा की. उन्होंने रोज शाम को जनचौपाल लगाकर लोगों में जागरूकता फैलाने को कहा है. साथ ही इलाके में एक बाइक एम्बुलेंस चौबीस घंटे रखने के लिए निर्देश दिए हैं. सभी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने के लिए कहा गया है. केन्दा अस्पताल को एक 108 वाहन समेत कुरदर में पानी बिजली की समस्या के निदान करने के लिए अफसरों को निर्देशित किया गया है.
कलेक्टर अवनीश शरण ने गनमाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण किया. बीते दिन करवा गांव के एक ही परिवार के दो बच्चों की मलेरिया से मौत की पुष्टि हुई है. कलेक्टर ने कहा कि डायरिया और मलेरिया को हल्के में ना लें. प्रभावित गांवों का पूरा सर्वेक्षण करें.आरडी कीट से मलेरिया की जांच करें. यदि फेल्सिफेरम मलेरिया कन्फर्म होती है तो स्थानीय स्तर पर इलाज ना करके सीधे जिला अस्पताल या सिम्स में रेफर करवाएं. स्कूलों में प्रार्थना के बाद बच्चों को डायरिया और मलेरिया से बचने के उपाय बताएं. मरीजों के घर का नंबर लेकर उनकी मॉनिटरिंग करें.