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ये खाद्य पदार्थ अधिक खाने से हो सकता है गठिया रोग, शोध में हुआ खुलासा - Arthritis

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 6:47 PM IST

राजकीय आयुर्वेद कॉलेज ने गठिया रोग पर रिसर्च किया गया है. इस रिसर्च में पता चला है कि अधिकतर क्या खाने से गठिया रोग होता है.

गठिया रोग को लेकर रिसर्च में बड़ा खुलासा.
गठिया रोग को लेकर रिसर्च में बड़ा खुलासा. (प्रतीकात्मक तस्वीर.)

लखनऊ: गठिया बुढ़ापे के कारण नहीं बल्कि खानपान की वजह से हो रही है. राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के गठिया शोध केंद्र में हुए अध्ययन के मुताबिक दही, ठंडा पानी और आइसक्रीम जैसे कई पदार्थों का सेवन इसकी बड़ी वजह है. प्रो. संजीव रस्तोगी के निर्देशन में हुए शोध को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ आयुर्वेद रिसर्च में प्रकाशित किया गया है.

डॉ. रस्तोगी ने बताया कि यह अध्ययन 2023 में अप्रैल से अगस्त के बीच किया गया. इस दौरान 885 रोगियों को पंजीकृत किया गया. सभी से खानपान और उससे उनकी बीमारी के बढ़ने अथवा घटने के विषय में सवाल पूछे गए. लगभग 7 प्रतिशत यानी 54 मरीजों ने सीधे तौर पर स्वीकारा कि कुछ खास चीजों को खाने के बाद उनके जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है. इस आधार पर 68 खाद्य पदार्थों को चिह्नित किया गया. इन्हें खाने के बाद मरीजों में दर्द बढ़ने की शिकायतें मिलीं. आयुर्वेद भी इन पदार्थों को लेकर सतर्क करता है.

डॉ. रस्तोगी ने बताया औसतन एक रोगी में 10 खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशीलता, कुछ में 25 खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशीलता या फिर समस्या देखने को मिली. औसत के आधार पर एक 59.2 फीसदी मरीजों में 10 खाद्य पदार्थों को लेकर संवेदनशीलता देखी गई. 35.1 फीसदी में 11 से 20 खाद्य पदार्थों और 5.5 फीसदी में 20 से ज्यादा खाद्य पदार्थों को लेकर संवेदनशीलता पाई गई. शोध में डॉ. किरन मौर्य का भी सहयोग रहा.

रोग प्रतिरोधक प्रणाली कमजोर होने से होती है समस्या
प्रो. संजीव रस्तोगी ने बताया कि कम उम्र में रोग प्रतिरोधक प्रणाली कमजोर होने से गठिया की समस्या होती है. खानपान से इसका सीधा जुड़ाव है. अभी तक इसको लेकर कोई डॉक्यूमेंट आधारित प्रमाण नहीं थे. इस अध्ययन के आधार पर इसे प्रमाणित किया जा सकता है.

लखनऊ: गठिया बुढ़ापे के कारण नहीं बल्कि खानपान की वजह से हो रही है. राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के गठिया शोध केंद्र में हुए अध्ययन के मुताबिक दही, ठंडा पानी और आइसक्रीम जैसे कई पदार्थों का सेवन इसकी बड़ी वजह है. प्रो. संजीव रस्तोगी के निर्देशन में हुए शोध को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ आयुर्वेद रिसर्च में प्रकाशित किया गया है.

डॉ. रस्तोगी ने बताया कि यह अध्ययन 2023 में अप्रैल से अगस्त के बीच किया गया. इस दौरान 885 रोगियों को पंजीकृत किया गया. सभी से खानपान और उससे उनकी बीमारी के बढ़ने अथवा घटने के विषय में सवाल पूछे गए. लगभग 7 प्रतिशत यानी 54 मरीजों ने सीधे तौर पर स्वीकारा कि कुछ खास चीजों को खाने के बाद उनके जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है. इस आधार पर 68 खाद्य पदार्थों को चिह्नित किया गया. इन्हें खाने के बाद मरीजों में दर्द बढ़ने की शिकायतें मिलीं. आयुर्वेद भी इन पदार्थों को लेकर सतर्क करता है.

डॉ. रस्तोगी ने बताया औसतन एक रोगी में 10 खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशीलता, कुछ में 25 खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशीलता या फिर समस्या देखने को मिली. औसत के आधार पर एक 59.2 फीसदी मरीजों में 10 खाद्य पदार्थों को लेकर संवेदनशीलता देखी गई. 35.1 फीसदी में 11 से 20 खाद्य पदार्थों और 5.5 फीसदी में 20 से ज्यादा खाद्य पदार्थों को लेकर संवेदनशीलता पाई गई. शोध में डॉ. किरन मौर्य का भी सहयोग रहा.

रोग प्रतिरोधक प्रणाली कमजोर होने से होती है समस्या
प्रो. संजीव रस्तोगी ने बताया कि कम उम्र में रोग प्रतिरोधक प्रणाली कमजोर होने से गठिया की समस्या होती है. खानपान से इसका सीधा जुड़ाव है. अभी तक इसको लेकर कोई डॉक्यूमेंट आधारित प्रमाण नहीं थे. इस अध्ययन के आधार पर इसे प्रमाणित किया जा सकता है.

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