उत्तरकाशी: जनपद में सूखी ठंड के बीच ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान माइनस 10 डिग्री तक जाने के कारण गंगोत्री धाम में नदी जमने लगी है. वहीं, धाम और हर्षिल घाटी में पानी की आपूर्ति बंद हो गई है. साथ ही वहां लोहे के पाइप फटने के कारण स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
बीते कुछ दिनों से हालांकि गंगोत्री धाम में बारिश और बर्फबारी नहीं हुई है, लेकिन गंगोत्री धाम में इन दिनों बिना बारिश और बर्फबारी के भी न्यूनतम तापमान माइनस 1 से 10 डिग्री तक जा रहा है. हर्षिल घाटी में दिन में अधिकतम तापमान चार से पांच डिग्री तक रह रहा है. शाम चार बजे के बाद यह माइनस 1 से देर रात्री तक माइनस 8 डिग्री न्यूनतम जा रहा है. धराली निवासी संजय रावत, दुर्गेश पंवार, मंजुल पंवार ने बताया तामपान में भारी गिरावट आने के कारण पानी की आपूर्ति बंद हो गई है. कई स्थानों पर पानी की आपूर्ति के लिए लगाए गए लोहे के पाइप भी फट गए हैं. आपूर्ति पूरी करने के लिए रबर के पाइप लगाए जा रहे हैं, लेकिन वह भी रात्रि में तापमान गिरने के कारण फट रहे हैं. दूसरी ओर गंगोत्री धाम में भागीरथी नदी भी जमने लगी है.
यहां पर भी नदी में बर्फ और उसकी सिल्लियां दिख रही हैं. नदी में पानी बहुत ही कम मात्रा में है. शीतकाल में मंदिर समिति की ओर से तैनात लोगों का कहना है कि पानी के स्रोत सब जम गए हैं, इसलिए नदी से ही पानी लाकर और कई बार बर्फ के पिघलाकर ही आपूर्ति पूरी करनी पड़ रही है. जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एलसी रमोला ने बताया कि गंगोत्री धाम व हर्षिल में शीघ्र ही पेयजल अपूर्ति बहाल की जाएगी.
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