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अलर्ट मोड पर सरकार ; CM YOGI ने दिए निर्देश, 50 वर्ष से अधिक पुराने पुलों का कराएं निरीक्षण, सुरक्षित ना हों तो तत्काल बंद कराएं - Lucknow News

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक (old bridges in up) की और संबंधित अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि 50 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले प्रदेश के सभी सेतुओं का सूक्ष्मता से निरीक्षण कराया जाए.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की उच्च स्तरीय बैठक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की उच्च स्तरीय बैठक (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 10:45 PM IST

लखनऊ : बिहार प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में लगातार कई पुल क्षतिग्रस्त होकर गिर गए जिससे कई तरह की दुर्घटनाएं सामने आई हैं. ऐसी घटनाओं के बाद उत्तर प्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक की और संबंधित अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दिए.

बैठक में सीएम ने कहा कि जो पुराने पुल हैं, उनका निरीक्षण कराया जाए, अगर वह सुरक्षित ना हों तो तत्काल उन्हें बंद कर दिया जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा की और निर्माण कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विभिन्न आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले प्रदेश के सभी सेतुओं का सूक्ष्मता से निरीक्षण कराया जाए. उनके सुपर स्ट्रक्चर, पियर की स्थिति, सेतुओं के वाटर-वे में ब्लाकेज, पियर के साइड में स्कावर होल, सेतु के एबटमेंट ढाल एवं बोल्डर का परीक्षण कराया जाना चाहिए. निरीक्षण के समय कोई सेतु असुरक्षित नजर आता हो तो तत्काल उसे यातायात के लिए बंद किया जाए. स्थानीय जिला प्रशासन को इसकी सूचना दें.

उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत जनपदों में इनसे जुड़े मार्गों को शत प्रतिशत गड्ढामुक्त किया जाए. 15 जुलाई तक यह कार्य पूरा करा लिया जाए. ऐसे मार्ग, जहां जलभराव होता है, उन स्थानों पर जल निकासी की व्ययस्था सुनिश्चित की जाए. ब्लॉक मुख्यालयों को 02 लेन सड़क की कनेक्टिविटी देने का संकल्प समय से पूरा होना चाहिए. प्रदेश के अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पड़ने वाले मार्गों पर भव्य द्वार बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराएं. जहां भूमि की अनुपलब्धता हो, तत्काल स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें, द्वार सीमा पर ही बनाए जाएं. यह आकर्षक हों, यहां प्रकाश व्यवस्था भी अच्छी हो.

7 वर्षों में 270 नदी सेतु सहित इतनी परियोजना पूरी हुईं : मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क और सेतु हो अथवा आमजन से जुड़ी अन्य निर्माण परियोजनाएं, स्वीकृति देने से पहले उसकी लोक महत्ता का आंकलन जरूर किया जाए. विकास में संतुलन सबसे आवश्यक है. पहले आवश्यकता की परख करें, प्राथमिकता तय करें, फिर मेरिट के आधार पर किसी सड़क अथवा सेतु निर्माण की स्वीकृति दें. विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिले. सीएम ने कहा यह संतोषजनक है कि राज्य सेतु निगम द्वारा विगत 07 वर्षों में 270 नदी सेतु, 115 आरओबी, 10 फ्लाईओवर सहित जनहित से जुड़ी 395 परियोजनाओं को पूरा किया गया है. सेतु निगम, लोक निर्माण विभाग और राजकीय निर्माण निगम में विशेषज्ञों की तैनाती की जाए. कहीं भी मानव संसाधन की कमी न हो, कैपेसिटी बिल्डिंग करें. आईआईटी जैसे संस्थानों को भी जोड़ें. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक परियोजना के लिए समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है. DPR को अंतिम रूप देने के साथ ही कार्य प्रारंभ करने और समाप्त होने की तिथि सुनिश्चित कर ली जानी चाहिए और फिर इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाए.

यह भी पढ़ें : यूपी में मलिन बस्तियों का होगा कायाकल्प ; CM YOGI ने कहा- हर नगर निगम में एक-एक बस्ती चिन्हित करके बनाएं बहुमंजिला भवन - Chief Minister Yogi Adityanath

यह भी पढ़ें : CM Yogi का हाथरस में बड़ा ऐलान; बोले- हादसे का कोई भी दोषी बचेगा नहीं, जिम्मेदारों को दिलाएंगे कड़ी सजा - Hathras Satsang Stampede

लखनऊ : बिहार प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में लगातार कई पुल क्षतिग्रस्त होकर गिर गए जिससे कई तरह की दुर्घटनाएं सामने आई हैं. ऐसी घटनाओं के बाद उत्तर प्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक की और संबंधित अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दिए.

बैठक में सीएम ने कहा कि जो पुराने पुल हैं, उनका निरीक्षण कराया जाए, अगर वह सुरक्षित ना हों तो तत्काल उन्हें बंद कर दिया जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा की और निर्माण कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विभिन्न आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले प्रदेश के सभी सेतुओं का सूक्ष्मता से निरीक्षण कराया जाए. उनके सुपर स्ट्रक्चर, पियर की स्थिति, सेतुओं के वाटर-वे में ब्लाकेज, पियर के साइड में स्कावर होल, सेतु के एबटमेंट ढाल एवं बोल्डर का परीक्षण कराया जाना चाहिए. निरीक्षण के समय कोई सेतु असुरक्षित नजर आता हो तो तत्काल उसे यातायात के लिए बंद किया जाए. स्थानीय जिला प्रशासन को इसकी सूचना दें.

उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत जनपदों में इनसे जुड़े मार्गों को शत प्रतिशत गड्ढामुक्त किया जाए. 15 जुलाई तक यह कार्य पूरा करा लिया जाए. ऐसे मार्ग, जहां जलभराव होता है, उन स्थानों पर जल निकासी की व्ययस्था सुनिश्चित की जाए. ब्लॉक मुख्यालयों को 02 लेन सड़क की कनेक्टिविटी देने का संकल्प समय से पूरा होना चाहिए. प्रदेश के अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पड़ने वाले मार्गों पर भव्य द्वार बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराएं. जहां भूमि की अनुपलब्धता हो, तत्काल स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें, द्वार सीमा पर ही बनाए जाएं. यह आकर्षक हों, यहां प्रकाश व्यवस्था भी अच्छी हो.

7 वर्षों में 270 नदी सेतु सहित इतनी परियोजना पूरी हुईं : मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क और सेतु हो अथवा आमजन से जुड़ी अन्य निर्माण परियोजनाएं, स्वीकृति देने से पहले उसकी लोक महत्ता का आंकलन जरूर किया जाए. विकास में संतुलन सबसे आवश्यक है. पहले आवश्यकता की परख करें, प्राथमिकता तय करें, फिर मेरिट के आधार पर किसी सड़क अथवा सेतु निर्माण की स्वीकृति दें. विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिले. सीएम ने कहा यह संतोषजनक है कि राज्य सेतु निगम द्वारा विगत 07 वर्षों में 270 नदी सेतु, 115 आरओबी, 10 फ्लाईओवर सहित जनहित से जुड़ी 395 परियोजनाओं को पूरा किया गया है. सेतु निगम, लोक निर्माण विभाग और राजकीय निर्माण निगम में विशेषज्ञों की तैनाती की जाए. कहीं भी मानव संसाधन की कमी न हो, कैपेसिटी बिल्डिंग करें. आईआईटी जैसे संस्थानों को भी जोड़ें. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक परियोजना के लिए समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है. DPR को अंतिम रूप देने के साथ ही कार्य प्रारंभ करने और समाप्त होने की तिथि सुनिश्चित कर ली जानी चाहिए और फिर इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाए.

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