लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल वर्तमान भारत के शिल्पी थे. उनका पूरा जीवन राष्ट्र व भारत मां के चरणों में समर्पित था. 1946 में देश के संविधान सभा का गठन हुआ. उसके प्रमुख सदस्य और स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री के रूप में उन्होंने न केवल देश के एकीकरण के अभियान को नई ऊंचाइयां प्रदान कीं, बल्कि 563 से अधिक रियासतों को भारत गणराज्य का हिस्सा बनाया. यह जो भारत आप देख रहे हैं, यह सरदार पटेल की सूझबूझ का परिणाम है. एक भारत, श्रेष्ठ भारत, सुरक्षित भारत की पृष्ठभूमि उन्हीं की सोच, प्रयास व परिश्रम है.
मुख्यमंत्री ने रविवार को भारत रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शिरकत की. उन्होंने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. सीएम योगी ने कहा कि सरदार पटेल ने अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर देश की आजादी के आंदोलन को नई दिशा देने के लिए तत्कालीन नेतृत्व के साथ बढ़-चढ़कर भाग लिया. गुजरात के आणंद के पास छोटे गांव में सामान्य किसान परिवार में उनका जन्म हुआ.
प्रारंभिक शिक्षा भी मां के सानिध्य में घर पर संपन्न हुई. इंग्लैंड से लॉ की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे भारत आए. सरदार पटेल का देहावसान 15 दिसंबर 1950 को हो गया. उनके नेतृत्व में भारत ने नई ऊंचाइयों को छुआ. उनकी संकल्पनाओं को मूर्त रूप देने के लिए जो अभियान चल रहा है, वह एक भारत-श्रेष्ठ भारत की पीएम मोदी की परिकल्पना को साकार करेगा.
सीएम योगी ने कहा कि सरदार पटेल ने चंपारण आंदोलन, नमक सत्याग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन समेत आजादी से जुड़े सभी महत्वपूर्ण आंदोलनों में भाग लिया. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्हें जेल की यातना भी झेलनी पड़ी थी. सरदार पटेल ने अन्नदाता किसानों की समृद्धि व उत्थान के लिए जनजागरण के अनेक अभियान भी चलाए। गुजरात में सहकारिता के मजबूत आंदोलन की पृष्ठभूमि में भी सरदार पटेल का विजन है. उन्होंने हर अन्नदाता किसान को समृद्धि की नई ऊंचाई तक पहुंचाया.
नए सांस्कृतिक भारत का अभिन्न हिस्सा है राम मंदिरः सीएम योगी ने कहा कि सरदार पटेल होते तो कश्मीर में धारा-370 कभी लागू नहीं हो पाती. छद्म रूप से जिन लोगों ने धारा-370 को डालकर एक भारत, श्रेष्ठ भारत के मार्ग में बैरियर खड़ा किया, उसे पीएम मोदी ने 5 अगस्त 2019 को हटाकर आतंकवाद की नींव को समाप्त कर दिया. अयोध्या में राम मंदिर भी नए सांस्कृतिक भारत का अभिन्न हिस्सा है, जिसका शुभारंभ 1948 में लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ मंदिर से किया था.
इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक शशांक वर्मा, अमरेश कुमार, आशीष सिंह 'आशु', विधान परिषद सदस्य लालजी प्रसाद निर्मल, इंजी. अवनीश कुमार सिंह, रामचंद्र प्रधान, उमेश द्विवेदी, आयोजन समिति की अध्यक्ष राजेश्वरी देवी वर्मा, डीएम कटियार, दिनेश सचान, डॉ. इंद्रेश्वर वर्मा आदि मौजूद थे.
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भारत के शिल्पी थे लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल: सीएम योगी - CM YOGI NEWS
यूपी के मुख्यमंत्री ने लौहपुरुष की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में की शिरकत.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : 2 hours ago
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल वर्तमान भारत के शिल्पी थे. उनका पूरा जीवन राष्ट्र व भारत मां के चरणों में समर्पित था. 1946 में देश के संविधान सभा का गठन हुआ. उसके प्रमुख सदस्य और स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री के रूप में उन्होंने न केवल देश के एकीकरण के अभियान को नई ऊंचाइयां प्रदान कीं, बल्कि 563 से अधिक रियासतों को भारत गणराज्य का हिस्सा बनाया. यह जो भारत आप देख रहे हैं, यह सरदार पटेल की सूझबूझ का परिणाम है. एक भारत, श्रेष्ठ भारत, सुरक्षित भारत की पृष्ठभूमि उन्हीं की सोच, प्रयास व परिश्रम है.
मुख्यमंत्री ने रविवार को भारत रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शिरकत की. उन्होंने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. सीएम योगी ने कहा कि सरदार पटेल ने अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर देश की आजादी के आंदोलन को नई दिशा देने के लिए तत्कालीन नेतृत्व के साथ बढ़-चढ़कर भाग लिया. गुजरात के आणंद के पास छोटे गांव में सामान्य किसान परिवार में उनका जन्म हुआ.
प्रारंभिक शिक्षा भी मां के सानिध्य में घर पर संपन्न हुई. इंग्लैंड से लॉ की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे भारत आए. सरदार पटेल का देहावसान 15 दिसंबर 1950 को हो गया. उनके नेतृत्व में भारत ने नई ऊंचाइयों को छुआ. उनकी संकल्पनाओं को मूर्त रूप देने के लिए जो अभियान चल रहा है, वह एक भारत-श्रेष्ठ भारत की पीएम मोदी की परिकल्पना को साकार करेगा.
सीएम योगी ने कहा कि सरदार पटेल ने चंपारण आंदोलन, नमक सत्याग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन समेत आजादी से जुड़े सभी महत्वपूर्ण आंदोलनों में भाग लिया. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्हें जेल की यातना भी झेलनी पड़ी थी. सरदार पटेल ने अन्नदाता किसानों की समृद्धि व उत्थान के लिए जनजागरण के अनेक अभियान भी चलाए। गुजरात में सहकारिता के मजबूत आंदोलन की पृष्ठभूमि में भी सरदार पटेल का विजन है. उन्होंने हर अन्नदाता किसान को समृद्धि की नई ऊंचाई तक पहुंचाया.
नए सांस्कृतिक भारत का अभिन्न हिस्सा है राम मंदिरः सीएम योगी ने कहा कि सरदार पटेल होते तो कश्मीर में धारा-370 कभी लागू नहीं हो पाती. छद्म रूप से जिन लोगों ने धारा-370 को डालकर एक भारत, श्रेष्ठ भारत के मार्ग में बैरियर खड़ा किया, उसे पीएम मोदी ने 5 अगस्त 2019 को हटाकर आतंकवाद की नींव को समाप्त कर दिया. अयोध्या में राम मंदिर भी नए सांस्कृतिक भारत का अभिन्न हिस्सा है, जिसका शुभारंभ 1948 में लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ मंदिर से किया था.
इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक शशांक वर्मा, अमरेश कुमार, आशीष सिंह 'आशु', विधान परिषद सदस्य लालजी प्रसाद निर्मल, इंजी. अवनीश कुमार सिंह, रामचंद्र प्रधान, उमेश द्विवेदी, आयोजन समिति की अध्यक्ष राजेश्वरी देवी वर्मा, डीएम कटियार, दिनेश सचान, डॉ. इंद्रेश्वर वर्मा आदि मौजूद थे.
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