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सीएम योगी बोले-यूपी में बनेगा 1 हजार एकड़ में बनेगा पीएम मित्र पार्क, लगेंगे टेक्सटाइल्स के अलग-अलग उद्योग - SILK EXPO 2024

लखनऊ में सिल्क एक्सपो 2024 का सीएम योगी ने किया उद्घाटन, कहा-यूपी देश का पहला राज्य, जिसने परंपरागत उत्पाद के लिए बनाई पॉलिसी

सिल्क एक्सपो 2024 का सीएम योगी ने किया उद्घाटन
सिल्क एक्सपो 2024 का सीएम योगी ने किया उद्घाटन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 22, 2024, 3:18 PM IST

Updated : Oct 22, 2024, 4:51 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 से 28 अक्टूबर तक चलने वाले सिल्क एक्सपो का मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उद्घाटन किया. इसके साथ ही रेशम मित्र पत्रिका का विमोचन किया. इसके साथ 16 कृषकों, उद्यमियों, संस्थाओं व डिजाइनरों को पं. दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान प्रदान किया. सीएम ने यहां लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया.

रेशम उत्पादन को 84 गुना बढ़ायाः इसके बाद मुख्यमंत्री योगी कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि रेडिमेट गारमेंट्स में दुनिया के छोटे-छोटे देशों की धमक है. जिन लोगों के पास संसाधन कम और संभावनाएं न के बराबर हैं, वे आगे बढ़ चुके हैं. हमारे पास संभावना और संसाधन भी है. काम चाहने वाली आधी आबादी के बड़े तबके को रेशम उत्पादन, प्रोसेसिंग, रेडिमेड गारमेंट, डिजाइनिंग, मार्केटिंग, पैकेजिंग के साथ जोड़ लें तो दुनिया में रेडिमेड गारमेंट में धमक बनाने वाले देशों का स्थान उत्तर प्रदेश व भारत ले सकता है. इस संभावना को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों का लाभ लेना चाहिए. सीएम ने कहा कि हमने रेशम उत्पादन को 84 गुना बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है. एक समय वह जरूर आ सकता है, जब यूपी का किसान रेशम उत्पादन में देश में अग्रणी राज्यों में गिना जाएगा.

75 जनपदों का है अपना यूनिक प्रोडक्टः सीएम योगी ने कहा कि 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद प्रदेश ने परंपरागत उत्पाद को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं. उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने परंपरागत उत्पाद के लिए पॉलिसी बनाई. 75 जनपदों के लिए वहां के एक उत्पाद को चिह्नित करते हुए आगे बढ़ाया. यही कारण है कि 75 जनपद का यूनिक प्रोडक्ट है. जिसे हमने वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट कहा. ओडीपीओपी को सरकार ने मार्केट, डिजाइनिंग, पैकेजिंग से जोड़ा तो इससे रोजगार का सृजन हुआ और परंपरागत उत्पादों का एक्सपोर्ट भी प्रारंभ हुआ. यूपी के 75 जनपदों में 75 जीआई प्रोडक्ट हैं, जिन्हें देश के अंदर मान्यता प्राप्त हुई है. यह संभावना यूपी में हैं. वाराणसी, भदोही व मुबारकपुर की साड़ियों के माध्यम से भी यूपी के पोटेंशियल को बढ़ाने का अवसर प्राप्त होता है. सिल्क एक्सपो इस फील्ड में यूपी की संभावनाओं को आगे बढ़ाने का माध्यम बने, इस पर हमें प्रयास करना होगा.
रोटी के साथ कपड़ा भी आवश्यकः सीएम योगी ने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान का नारा सदैव से प्रचलित रहा है. जीव सृष्टि व किसी भी व्यक्ति के लिए हवा-पानी तो आवश्यक है ही, लेकिन रोटी, कपड़ा, मकान भी आवश्यक है. कपड़ा न सिर्फ जीवन की आवश्यकता है, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही रोजगार सृजन का भी सशक्त माध्यम भी है. रेशम, प्राचीन काल से ही इसकी अलग-अलग पद्धतियां रही हैं. 25 करोड़ की आबादी वाले यूपी में इस फील्ड में अनेक संभावनाएं विकसित हो सकती हैं. उप्र ने पिछले कुछ समय में प्रगति की है. पहले की तुलना में यह संतोषजनक है, लेकिन अभी उप्र जैसे बड़े राज्य की दृष्टि से यह अपर्याप्त है. यहां अत्यंत संभावनाएं हैं.

बनारसी साड़ी मांगलिक कार्यक्रम के लिए पहली पसंदः सीएम योगी ने कहा कि वाराणसी-भदोही, आजमगढ़ से लेकर वाराणसी तक, चाहे वह मुबारकपुर की साड़ी हो या वाराणसी की. सिल्क कलस्टर विकसित करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने इस दिशा में नए प्रयास को आगे बढ़ाया है. वाराणसी की सिल्क साड़ियां पूरे देश में हर मांगलिक कार्यक्रम के लिए पसंद बनती हैं. काशी विश्वनाथ धाम बढ़ने के बाद श्रद्धालुओं व पर्यटकों की बढ़ी संख्या ने इस व्यापार को नई ऊंचाई दी है. वाराणसी में एक्सपो मार्ट के माध्यम से ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर बनने के उपरांत इसमें काफी वृद्धि हुई है.

लखनऊ-हरदोई बार्डर पर बनेगा पीएम मित्र पार्कः सीएम ने कहा कि आजमगढ़ के मुबारकपुर के साड़ी उद्योग से जुड़े उद्यमियों, मीरजापुर, वाराणसी व भदोही के सिल्क कलस्टर की प्रगति को देखकर लगता है कि इसमें बहुत गुंजाइश है. उत्तर प्रदेश के लखनऊ-हरदोई बार्डर पर पीएम मित्र पार्क (टेक्सटाइल्स पार्क का वृहद रूप) विकसित होने जा रहा है. एक हजार एकड़ क्षेत्रफल में इसमें टेक्सटाइल्स से जुड़े अलग-अलग उद्योग लगने जा रहे हैं. यह उप्र की संभावनाओं को प्रदर्शित करने का माध्यम है, लेकिन रॉ मटेरियल हमें ही तैयार करना होगा. किसान यदि इस दिशा में आगे बढ़ते हैं तो प्रोत्साहन के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चल रही हैं. विभाग इन योजनाओं के बारे में हर जनपद में संगोष्ठी, सेमिनार, प्रगतिशील किसानों के साथ संवाद करे और प्रोसेसिंग-ट्रेनिंग प्रोग्राम से जोड़े. केवल गोरखपुर मंडल ही नहीं, वाराणसी, मीरजापुर, लखनऊ, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़ में भी संभावनाएं बढ़ेंगी.

अलग-अलग क्षेत्रों में कृषि उत्पादों को बढ़ाने का अवसरः सीएम योगी ने कहा कि यूपी जैसे राज्य में 9 क्लाइमेटिक जोन हैं. इनमें अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग कृषि उत्पादों को विकसित करने और आगे बढ़ाने का अवसर होता है. यूपी के अंदर यह संभावनाएं बहुत अच्छी बन सकती हैं. वाराणसी-आजमगढ़ प्राचीन काल से ही रेशम उद्योग का कलस्टर रहा है. लोकल स्तर पर रेशम का उत्पादन, प्रोसेसिंग, आगे की प्रक्रिया के साथ वस्त्र उत्पादन से जोड़ें. रॉ मटेरियल सस्ता मिलता है तो स्वाभाविक रूप से लागत भी सस्ती आएगी। समाज-मार्केट की डिमांड के अनुरूप उत्पाद आसानी से लोगों को उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी. सरकार इस दिशा में प्रशिक्षण से जोड़ने, रॉ मटेरियल-प्रोसेसिंग के लिए सहयोग, मार्केटिंग व डिजाइनिंग के साथ जोड़ने में मदद करेगी.

यूपी के उत्पाद की दुनिया में पहचानः सीएम योगी ने कहा कि प्राचीन काल से ही यूपी का किसान-उद्यमी इससे जुड़ा रहा है, लेकिन उन्हें पिछली सरकार का दंश झेलना पड़ा था. समय के अनुरूप उचित प्रोत्साहन, डिजाइनिंग, पैकेजिंग के साथ उन्हें नहीं जोड़ा गया. यह केवल सिल्क ही नहीं, बल्कि परंपरागत उत्पाद के प्रत्येक क्षेत्र में ऐसा होता था. भदोही में कॉरपेट, गोरखपुर में टेराकोटा उत्पाद मिलेगा. सबसे अधिक जीआई प्रोडक्ट वाराणसी में हैं. आगरा व कानपुर में चमड़ा उत्पाद, मुरादाबाद में पीतल उत्पाद, फिरोजाबाद में ग्लास, मेरठ में स्पोट्रस आइटम है यानी अलग-अलग जनपद के अलग-अलग उत्पाद यूपी के पोटेंशियल को देश-दुनिया के सामने रखता है. इसके माध्यम से यूपी परंपरागत उत्पादों के माध्यम से युवाओं-उद्यमियों को आगे बढ़ने का प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा रहा है.

यूपी की संभावनाओं को दुनिया के सामने रख सकते हैं रेशम मित्रः सीएम योगी ने कहा कि यूपी के अंदर सिल्क के कलस्टर जिन क्षेत्रों में विकसित हो सकते हैं या जहां संभावनाएं बनी हुई हैं, वहां भी उसे तेजी के साथ बढ़ाने के लिए प्रयास प्रारंभ करना होगा. आवश्यकता पड़ने पर विभाग को अलग से भी ऐसे किसान, जो रेशम मित्र के रूप में सहभागिता कर इस फील्ड की संभावनाओं को धरातल पर उतारकर उप्र को स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक राज्य के रूप में अन्य राज्यों की तुलना में खड़ा कर सकें. इंसेंटिव की व्यवस्था समयबद्ध रूप से आगे बढ़े तो यूपी की संभावनाओं को इस फील्ड में भी बहुत बेहतर तरीके से देश-दुनिया के सामने कर सकते हैं. लखनऊ में शीघ्र विकसित होने जा रहा पीएम मित्र टेक्सटाइल्स पार्क इन संभावनाओं को आगे बढ़ाने में बड़ी मदद कर सकता है.

आधी आबादी के स्वावलंबन को भी आगे बढ़ा सकतेः सीएम योगी ने कहा कि रेशम के वस्त्र स्वदेशी तकनीक पर आधारित हैं. तकनीक को हमें समयबद्ध तरीके से इंप्रूव करना होगा. उसके साथ हमें जोड़ना होगा. खादी में पहले हाथ से चलना वाला चरखा था, इसके बाद इलेक्ट्रिक चरखा आया. बिजली का खर्च बढ़ा तो रफ्तार भी पांच से दस गुना बढ़ गई. बिजली के खर्चे को कम करने के लिए अब सोलर चरखा भी आ चुका है. ऐसे ही रेशम के प्रोडक्ट को प्रोसेसिंग के साथ जोड़ेंगे, कताई के कार्यक्रम को जोड़ने के लिए भी उस प्रक्रिया का पालन करना होगा. सीएम ने कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजमर्रा के कार्यों के साथ महिलाओं के स्वावलंबन को आगे बढ़ा सकते हैं. महिला सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति के अंतर्गत पीएम मोदी के विजन के अनुरूप ऐसे कार्यक्रम आगे बढ़ रहे हैं. इस अवसर पर एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस. गर्ग, सदस्य सचिव केंद्रीय रेशम बोर्ड नई दिल्ली पी. शिवकुमार, अपर मुख्य सचिव (रेशम) बीएल मीना, निदेशक (रेशम) सुनील कुमार वर्मा आदि मौजूद रहे.

एसजीपीजीआई में 1,147 करोड़ की परियोजनाओं का किया लोकार्पण व शिलान्यास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसजीपीजीआई में 1,147 करोड़ रुपये की एडवांस डायबिटीज सेंटर, टेली आईसीयू, सलोनी हार्ट सेंटर (प्रथम चरण), कॉलेज ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी का छात्रावास का उद्धाटन और एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर, सलोनी हार्ट सेंटर (द्वितीय चरण), रैन बसेरा का शिलान्यास किया. सीएम योगी ने कहा कि एसजीपीजीआई देश और प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान है. ऐसे में, प्रदेश के पूर्वी, पश्चिमी, मध्य, बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति की प्राथमिकता हाेती है कि उसे यहां बेड प्राप्त हो जाए, लेकिन इसको लेकर काफी समस्या अक्सर सामने आती है. इस समस्या को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है. इससे पहले सीएम ने सलोनी हार्ट सेंटर, एडवांस डायबिटीज सेंटर, टेली आईसीयू का निरीक्षण किया.

एमबीबीएस और पीजी की सीटें दोगुनी हुईं
इस दौरान सीएम ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले जहां प्रदेश के 18 जिलों में ही मेडिकल कॉलेज थे, वहीं आज प्रदेश के 64 जिलों में मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं. वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की ओर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रदेश में आज एमबीबीएस और पीजी की सीटें पहले की तुलना में दोगुनी से अधिक हुई हैं. प्रदेश में एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर की आवश्यकता काफी समय से थी क्योंकि प्रदेश में बच्चों से जुड़ी बीमारियों को मैंने नजदीक से देखा है. इसको लेकर सांसद रहने के दौरान संसद और सड़क पर आंदोलन भी किया. वहीं, सरकार आने के बाद डबल इंजन के प्रयास से जल्द ही एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर मूर्त रूप लेगा. हमने जापानी इंसेफेलाइटिस का समाधान करने में सफलता पायी है. यह बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इससे सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होते थे.

सलोनी हार्ट सेंटर में मिलेगी 200 बेड की विश्व स्तरीय सुविधाएं
इसी के तहत एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में 575 बेड्स के निर्माण की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है. यहां 22 विभागों की सेवाएं प्रदान की जाएंगी. इसमें हार्मोंस, डायबिटीज, पीडियाट्रिक आईसीयू, इमरजेंसी पीडियाट्रिक जेनेटिक, पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी समेत अन्य बीमारियों का इलाज एक छत के नीचे होगा. सीएम योगी ने कहा कि सलोनी हार्ट सेंटर के पहले चरण की शुरुआत हो गयी है. वहीं, सेंटर के दूसरे चरण का एमओयू साइन हो गया है. इसके जरिये सलोनी हार्ट सेंटर 200 बेड की विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ हर साल 5 हजार बच्चों की हार्ट से जुड़ी हुई गंभीर सर्जरी कर उन्हे सुखमय जीवन देगा. साथ ही, हर साल दस हजार बच्चों को सेकेंड ओपिनियन आदि उपलब्ध कराएगा. इसके लिए, सलोनी हार्ट फाउंडेशन के प्रयासों के हम सभी आभारी हैं.

रैन बसेरे में तीमारदारों को 20 रुपये में मिलेगा भरपेट भोजन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ओएनजीसी के 51 करोड़ के सीएसआर फंड से एक हजार बेड के रैन बसेरा के निर्माण की कार्रवाई शुरू हो गयी है. इससे यहां आने वाले तीमारदारों को बड़ी राहत मिलेगी. यहां पार्किंग और कैंटीन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी जहां तीमारदारों को 15 से 20 रुपये में भरपेट भोजन मिलेगा. वहीं, 200 छात्रों के लिए कॉलेज ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी छात्रावास का निर्माण पूरा हो चुका है. सीएम योगी ने दीपावली से पहले एसजीपीजीआई को इन योजनाओं के लिए बधाई दी. संस्थान समयबद्ध तरीके से आगे चले इसके लिए प्रदेश सरकार के स्तर पर हर संभव मदद की जाएगी. इसके लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है. इस मौके पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, एसजीपीजीआई प्रो. राधा कृष्ण धीमन, सलोनी हार्ट फाउंडेशन की अध्यक्ष मृणालिनी (मिली) सेठ, हिमांशु सेठ, यूएस के डॉ. वी मोहन रेड्डी आदि मौजूद रहें.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 से 28 अक्टूबर तक चलने वाले सिल्क एक्सपो का मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उद्घाटन किया. इसके साथ ही रेशम मित्र पत्रिका का विमोचन किया. इसके साथ 16 कृषकों, उद्यमियों, संस्थाओं व डिजाइनरों को पं. दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान प्रदान किया. सीएम ने यहां लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया.

रेशम उत्पादन को 84 गुना बढ़ायाः इसके बाद मुख्यमंत्री योगी कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि रेडिमेट गारमेंट्स में दुनिया के छोटे-छोटे देशों की धमक है. जिन लोगों के पास संसाधन कम और संभावनाएं न के बराबर हैं, वे आगे बढ़ चुके हैं. हमारे पास संभावना और संसाधन भी है. काम चाहने वाली आधी आबादी के बड़े तबके को रेशम उत्पादन, प्रोसेसिंग, रेडिमेड गारमेंट, डिजाइनिंग, मार्केटिंग, पैकेजिंग के साथ जोड़ लें तो दुनिया में रेडिमेड गारमेंट में धमक बनाने वाले देशों का स्थान उत्तर प्रदेश व भारत ले सकता है. इस संभावना को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों का लाभ लेना चाहिए. सीएम ने कहा कि हमने रेशम उत्पादन को 84 गुना बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है. एक समय वह जरूर आ सकता है, जब यूपी का किसान रेशम उत्पादन में देश में अग्रणी राज्यों में गिना जाएगा.

75 जनपदों का है अपना यूनिक प्रोडक्टः सीएम योगी ने कहा कि 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद प्रदेश ने परंपरागत उत्पाद को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं. उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने परंपरागत उत्पाद के लिए पॉलिसी बनाई. 75 जनपदों के लिए वहां के एक उत्पाद को चिह्नित करते हुए आगे बढ़ाया. यही कारण है कि 75 जनपद का यूनिक प्रोडक्ट है. जिसे हमने वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट कहा. ओडीपीओपी को सरकार ने मार्केट, डिजाइनिंग, पैकेजिंग से जोड़ा तो इससे रोजगार का सृजन हुआ और परंपरागत उत्पादों का एक्सपोर्ट भी प्रारंभ हुआ. यूपी के 75 जनपदों में 75 जीआई प्रोडक्ट हैं, जिन्हें देश के अंदर मान्यता प्राप्त हुई है. यह संभावना यूपी में हैं. वाराणसी, भदोही व मुबारकपुर की साड़ियों के माध्यम से भी यूपी के पोटेंशियल को बढ़ाने का अवसर प्राप्त होता है. सिल्क एक्सपो इस फील्ड में यूपी की संभावनाओं को आगे बढ़ाने का माध्यम बने, इस पर हमें प्रयास करना होगा.
रोटी के साथ कपड़ा भी आवश्यकः सीएम योगी ने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान का नारा सदैव से प्रचलित रहा है. जीव सृष्टि व किसी भी व्यक्ति के लिए हवा-पानी तो आवश्यक है ही, लेकिन रोटी, कपड़ा, मकान भी आवश्यक है. कपड़ा न सिर्फ जीवन की आवश्यकता है, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही रोजगार सृजन का भी सशक्त माध्यम भी है. रेशम, प्राचीन काल से ही इसकी अलग-अलग पद्धतियां रही हैं. 25 करोड़ की आबादी वाले यूपी में इस फील्ड में अनेक संभावनाएं विकसित हो सकती हैं. उप्र ने पिछले कुछ समय में प्रगति की है. पहले की तुलना में यह संतोषजनक है, लेकिन अभी उप्र जैसे बड़े राज्य की दृष्टि से यह अपर्याप्त है. यहां अत्यंत संभावनाएं हैं.

बनारसी साड़ी मांगलिक कार्यक्रम के लिए पहली पसंदः सीएम योगी ने कहा कि वाराणसी-भदोही, आजमगढ़ से लेकर वाराणसी तक, चाहे वह मुबारकपुर की साड़ी हो या वाराणसी की. सिल्क कलस्टर विकसित करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने इस दिशा में नए प्रयास को आगे बढ़ाया है. वाराणसी की सिल्क साड़ियां पूरे देश में हर मांगलिक कार्यक्रम के लिए पसंद बनती हैं. काशी विश्वनाथ धाम बढ़ने के बाद श्रद्धालुओं व पर्यटकों की बढ़ी संख्या ने इस व्यापार को नई ऊंचाई दी है. वाराणसी में एक्सपो मार्ट के माध्यम से ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर बनने के उपरांत इसमें काफी वृद्धि हुई है.

लखनऊ-हरदोई बार्डर पर बनेगा पीएम मित्र पार्कः सीएम ने कहा कि आजमगढ़ के मुबारकपुर के साड़ी उद्योग से जुड़े उद्यमियों, मीरजापुर, वाराणसी व भदोही के सिल्क कलस्टर की प्रगति को देखकर लगता है कि इसमें बहुत गुंजाइश है. उत्तर प्रदेश के लखनऊ-हरदोई बार्डर पर पीएम मित्र पार्क (टेक्सटाइल्स पार्क का वृहद रूप) विकसित होने जा रहा है. एक हजार एकड़ क्षेत्रफल में इसमें टेक्सटाइल्स से जुड़े अलग-अलग उद्योग लगने जा रहे हैं. यह उप्र की संभावनाओं को प्रदर्शित करने का माध्यम है, लेकिन रॉ मटेरियल हमें ही तैयार करना होगा. किसान यदि इस दिशा में आगे बढ़ते हैं तो प्रोत्साहन के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चल रही हैं. विभाग इन योजनाओं के बारे में हर जनपद में संगोष्ठी, सेमिनार, प्रगतिशील किसानों के साथ संवाद करे और प्रोसेसिंग-ट्रेनिंग प्रोग्राम से जोड़े. केवल गोरखपुर मंडल ही नहीं, वाराणसी, मीरजापुर, लखनऊ, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़ में भी संभावनाएं बढ़ेंगी.

अलग-अलग क्षेत्रों में कृषि उत्पादों को बढ़ाने का अवसरः सीएम योगी ने कहा कि यूपी जैसे राज्य में 9 क्लाइमेटिक जोन हैं. इनमें अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग कृषि उत्पादों को विकसित करने और आगे बढ़ाने का अवसर होता है. यूपी के अंदर यह संभावनाएं बहुत अच्छी बन सकती हैं. वाराणसी-आजमगढ़ प्राचीन काल से ही रेशम उद्योग का कलस्टर रहा है. लोकल स्तर पर रेशम का उत्पादन, प्रोसेसिंग, आगे की प्रक्रिया के साथ वस्त्र उत्पादन से जोड़ें. रॉ मटेरियल सस्ता मिलता है तो स्वाभाविक रूप से लागत भी सस्ती आएगी। समाज-मार्केट की डिमांड के अनुरूप उत्पाद आसानी से लोगों को उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी. सरकार इस दिशा में प्रशिक्षण से जोड़ने, रॉ मटेरियल-प्रोसेसिंग के लिए सहयोग, मार्केटिंग व डिजाइनिंग के साथ जोड़ने में मदद करेगी.

यूपी के उत्पाद की दुनिया में पहचानः सीएम योगी ने कहा कि प्राचीन काल से ही यूपी का किसान-उद्यमी इससे जुड़ा रहा है, लेकिन उन्हें पिछली सरकार का दंश झेलना पड़ा था. समय के अनुरूप उचित प्रोत्साहन, डिजाइनिंग, पैकेजिंग के साथ उन्हें नहीं जोड़ा गया. यह केवल सिल्क ही नहीं, बल्कि परंपरागत उत्पाद के प्रत्येक क्षेत्र में ऐसा होता था. भदोही में कॉरपेट, गोरखपुर में टेराकोटा उत्पाद मिलेगा. सबसे अधिक जीआई प्रोडक्ट वाराणसी में हैं. आगरा व कानपुर में चमड़ा उत्पाद, मुरादाबाद में पीतल उत्पाद, फिरोजाबाद में ग्लास, मेरठ में स्पोट्रस आइटम है यानी अलग-अलग जनपद के अलग-अलग उत्पाद यूपी के पोटेंशियल को देश-दुनिया के सामने रखता है. इसके माध्यम से यूपी परंपरागत उत्पादों के माध्यम से युवाओं-उद्यमियों को आगे बढ़ने का प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा रहा है.

यूपी की संभावनाओं को दुनिया के सामने रख सकते हैं रेशम मित्रः सीएम योगी ने कहा कि यूपी के अंदर सिल्क के कलस्टर जिन क्षेत्रों में विकसित हो सकते हैं या जहां संभावनाएं बनी हुई हैं, वहां भी उसे तेजी के साथ बढ़ाने के लिए प्रयास प्रारंभ करना होगा. आवश्यकता पड़ने पर विभाग को अलग से भी ऐसे किसान, जो रेशम मित्र के रूप में सहभागिता कर इस फील्ड की संभावनाओं को धरातल पर उतारकर उप्र को स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक राज्य के रूप में अन्य राज्यों की तुलना में खड़ा कर सकें. इंसेंटिव की व्यवस्था समयबद्ध रूप से आगे बढ़े तो यूपी की संभावनाओं को इस फील्ड में भी बहुत बेहतर तरीके से देश-दुनिया के सामने कर सकते हैं. लखनऊ में शीघ्र विकसित होने जा रहा पीएम मित्र टेक्सटाइल्स पार्क इन संभावनाओं को आगे बढ़ाने में बड़ी मदद कर सकता है.

आधी आबादी के स्वावलंबन को भी आगे बढ़ा सकतेः सीएम योगी ने कहा कि रेशम के वस्त्र स्वदेशी तकनीक पर आधारित हैं. तकनीक को हमें समयबद्ध तरीके से इंप्रूव करना होगा. उसके साथ हमें जोड़ना होगा. खादी में पहले हाथ से चलना वाला चरखा था, इसके बाद इलेक्ट्रिक चरखा आया. बिजली का खर्च बढ़ा तो रफ्तार भी पांच से दस गुना बढ़ गई. बिजली के खर्चे को कम करने के लिए अब सोलर चरखा भी आ चुका है. ऐसे ही रेशम के प्रोडक्ट को प्रोसेसिंग के साथ जोड़ेंगे, कताई के कार्यक्रम को जोड़ने के लिए भी उस प्रक्रिया का पालन करना होगा. सीएम ने कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजमर्रा के कार्यों के साथ महिलाओं के स्वावलंबन को आगे बढ़ा सकते हैं. महिला सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति के अंतर्गत पीएम मोदी के विजन के अनुरूप ऐसे कार्यक्रम आगे बढ़ रहे हैं. इस अवसर पर एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस. गर्ग, सदस्य सचिव केंद्रीय रेशम बोर्ड नई दिल्ली पी. शिवकुमार, अपर मुख्य सचिव (रेशम) बीएल मीना, निदेशक (रेशम) सुनील कुमार वर्मा आदि मौजूद रहे.

एसजीपीजीआई में 1,147 करोड़ की परियोजनाओं का किया लोकार्पण व शिलान्यास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसजीपीजीआई में 1,147 करोड़ रुपये की एडवांस डायबिटीज सेंटर, टेली आईसीयू, सलोनी हार्ट सेंटर (प्रथम चरण), कॉलेज ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी का छात्रावास का उद्धाटन और एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर, सलोनी हार्ट सेंटर (द्वितीय चरण), रैन बसेरा का शिलान्यास किया. सीएम योगी ने कहा कि एसजीपीजीआई देश और प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान है. ऐसे में, प्रदेश के पूर्वी, पश्चिमी, मध्य, बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति की प्राथमिकता हाेती है कि उसे यहां बेड प्राप्त हो जाए, लेकिन इसको लेकर काफी समस्या अक्सर सामने आती है. इस समस्या को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है. इससे पहले सीएम ने सलोनी हार्ट सेंटर, एडवांस डायबिटीज सेंटर, टेली आईसीयू का निरीक्षण किया.

एमबीबीएस और पीजी की सीटें दोगुनी हुईं
इस दौरान सीएम ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले जहां प्रदेश के 18 जिलों में ही मेडिकल कॉलेज थे, वहीं आज प्रदेश के 64 जिलों में मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं. वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की ओर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रदेश में आज एमबीबीएस और पीजी की सीटें पहले की तुलना में दोगुनी से अधिक हुई हैं. प्रदेश में एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर की आवश्यकता काफी समय से थी क्योंकि प्रदेश में बच्चों से जुड़ी बीमारियों को मैंने नजदीक से देखा है. इसको लेकर सांसद रहने के दौरान संसद और सड़क पर आंदोलन भी किया. वहीं, सरकार आने के बाद डबल इंजन के प्रयास से जल्द ही एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर मूर्त रूप लेगा. हमने जापानी इंसेफेलाइटिस का समाधान करने में सफलता पायी है. यह बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इससे सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होते थे.

सलोनी हार्ट सेंटर में मिलेगी 200 बेड की विश्व स्तरीय सुविधाएं
इसी के तहत एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में 575 बेड्स के निर्माण की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है. यहां 22 विभागों की सेवाएं प्रदान की जाएंगी. इसमें हार्मोंस, डायबिटीज, पीडियाट्रिक आईसीयू, इमरजेंसी पीडियाट्रिक जेनेटिक, पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी समेत अन्य बीमारियों का इलाज एक छत के नीचे होगा. सीएम योगी ने कहा कि सलोनी हार्ट सेंटर के पहले चरण की शुरुआत हो गयी है. वहीं, सेंटर के दूसरे चरण का एमओयू साइन हो गया है. इसके जरिये सलोनी हार्ट सेंटर 200 बेड की विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ हर साल 5 हजार बच्चों की हार्ट से जुड़ी हुई गंभीर सर्जरी कर उन्हे सुखमय जीवन देगा. साथ ही, हर साल दस हजार बच्चों को सेकेंड ओपिनियन आदि उपलब्ध कराएगा. इसके लिए, सलोनी हार्ट फाउंडेशन के प्रयासों के हम सभी आभारी हैं.

रैन बसेरे में तीमारदारों को 20 रुपये में मिलेगा भरपेट भोजन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ओएनजीसी के 51 करोड़ के सीएसआर फंड से एक हजार बेड के रैन बसेरा के निर्माण की कार्रवाई शुरू हो गयी है. इससे यहां आने वाले तीमारदारों को बड़ी राहत मिलेगी. यहां पार्किंग और कैंटीन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी जहां तीमारदारों को 15 से 20 रुपये में भरपेट भोजन मिलेगा. वहीं, 200 छात्रों के लिए कॉलेज ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी छात्रावास का निर्माण पूरा हो चुका है. सीएम योगी ने दीपावली से पहले एसजीपीजीआई को इन योजनाओं के लिए बधाई दी. संस्थान समयबद्ध तरीके से आगे चले इसके लिए प्रदेश सरकार के स्तर पर हर संभव मदद की जाएगी. इसके लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है. इस मौके पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, एसजीपीजीआई प्रो. राधा कृष्ण धीमन, सलोनी हार्ट फाउंडेशन की अध्यक्ष मृणालिनी (मिली) सेठ, हिमांशु सेठ, यूएस के डॉ. वी मोहन रेड्डी आदि मौजूद रहें.

Last Updated : Oct 22, 2024, 4:51 PM IST
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