लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभवन में आयोजित 'उत्तर प्रदेश दिवस' के अंतर्गत अलंकरण समारोह में कला-संस्कृति, साहित्य एवं खेल में विशिष्ट योगदान देने वाली प्रतिभाओं का सम्मान एवं पुरस्कार वितरण किया. इस अवसर पर उन्होंने लक्ष्मण पुरस्कार, रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों के साथ-साथ अलग-अलग विधाओं (कला, संस्कृति, नाट्य) में सम्मान प्राप्त करने वाली विभूतियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया.
सीएम ने सामान्य वर्ग में अखिल को शूटिंग, राज कुमार पाल को हॉकी के लिए लक्ष्मण पुरस्कार दिया. जबकि किरन बाल्यान को एथलेटिक्स का रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार प्रदान किया. यह पुरस्कार 2022-23 के लिए उपलब्ध कराया गया है. इसी प्रकार से पैरा खेल में अजीत सिंह को लक्ष्मण पुरस्कार और दिव्यांगजन सामान्य वर्ग में सिमरन (पैराएथलेटिक्स) और जैनब खातून (पैरा पावरलिफ्टिंग) को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार प्रदान किया गया है. वहीं, डॉ. मनीष कुमार जैन को जैन संस्कृति के संवर्धन का सम्मान प्रदान किया गया है. डॉ. शरणदास शास्त्री को संत कबीर अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. माया कुलश्रेष्ठ को बिरजू महाराज कत्थक सम्मान, प्रो मंजुला चतुर्वेदी, डॉ. ईश्वर चंद्र गुप्त एवं डॉ. सुनील विश्वकर्मा को बाबा योगेंद्र कला सम्मान से सम्मानित किया गया.
प्रो. मंगला कपूर तथा मानवेंद्र कुमार त्रिपाठी को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी का आचार्य भरत मुनि सम्मान यहां प्रदान किया गया. श्रीराम चंद्र योगी को उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ का लोक संस्कृति पुरस्कार, कथारू को बिरसा मुंडा पुरस्कार, डॉ. उमा शंकर व्यास, प्रो. काशी, डॉ चंद्र कीर्ति को बौद्ध संस्थान लखनऊ का बौद्ध संस्कृति संवर्धन सम्मान, अतुल सत्य कौशिक, अतुल श्रीवास्तव, रोजी दुबे को भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ का भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान प्रदान किया गया है. अलंकरण समारोह के अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी के समक्ष गुजरात के कलाकारों द्वारा पारंपरिक लोकनृत्य गरबा समेत अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी प्रस्तुतिकरण हुआ.
इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि यह भारत के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पुरुषार्थ का परिणाम है कि हमारा स्वतंत्र भारत अपनी विशिष्ट विभूतियों को जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में कुछ नया करके दिखाया. भारत को दुनिया की एक नई ताकत के रूप में स्थापित करके उसके सामर्थ्य को देश और दुनिया के सामने रखा है, उन्हें सम्मानित कर पा रहा है. सीएम योगी ने कहा कि जब यह देश गुलाम था तब हम लोगों को अपनी उन विभूतियों को सम्मानित करने की स्वतंत्रता नहीं थी. जब देश आजाद हुआ, उस समय तक हमारे पास अपना संविधान नहीं था. अंतरिम सरकार थी, लेकिन आज ही के दिन 1950 में इस देश ने अपना संविधान लागू किया. डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में बनी संविधान निर्माण समिति ने देश के अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों कोआजादी के लड़ाई के संघर्षों को और अपनी आवश्यकता के अनुरूप हम एक संविधान का निर्माण कर सकें. इस दृष्टि से उन सबके महत्वपूर्ण अनुभवों और सुझावों को ध्यान में रखकर दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे सुंदर संविधान हमें उपलब्ध कराया. भारत का संविधान समय की कसौटी पर हमेशा खरा उतरा है.
उन्होंने कहा कि भारत के संविधान दिवस की ही परिणिति है कि स्वतंत्र भारत अपने अनुरूप नीतियां बना रहा है. उत्तर प्रदेश दिवस इन्हीं स्मृतियों को आगे बढ़ाने का दिवस है. 24 जनवरी से 26 जनवरी के बीच आयोजित होने वाले उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर हमें उन विभूतियों को सम्मानित करने का अवसर प्राप्त होता है. भारत सरकार ने प्रदेश की 12 विभूतियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया है. इसमें भी पद्म पुरस्कार प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाइक को प्राप्त हुआ है.