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CM योगी ने 54 शिक्षकों को किया सम्मानित, बोले- आपका ज्ञापन और मांग पत्र आदेश होगा, बस तरीका लोकतांत्रिक हो - State Teacher Award

गोरखपुर में शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह सीएम योगी ने 54 शिक्षकों को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इसके साथ ही सीएम ने शिक्षकों से कहा कि सरलता से लिखा हुआ, मुद्दों पर आधारित आपका ज्ञापन आदेश होगा, भीख नहीं होगी.

शिक्षकों को पुरष्कृत करते सीएम योगी.
शिक्षकों को पुरष्कृत करते सीएम योगी. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 7:57 PM IST

Updated : Sep 5, 2024, 8:33 PM IST

गोरखपुरः गोरखनाथ धाम के योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में गुरुवार को राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह में बेसिक शिक्षा विभाग के 41 और माध्यमिक शिक्षा विभाग के 13 शिक्षकों को सीएम योगी ने पुरस्कृत किया. शिक्षकों को पुरस्कार देते समय सीएम योगी ने उनसे संवाद कर बधाई दी और प्रोत्साहित भी किया. एक शिक्षक अलीगढ़ के मूलचंद के पैर में चोट होने का चलते मुख्यमंत्री ने खुद उनके पास जाकर पुरस्कृत किया. इस दौरान सीएम योगी ने शिक्षकों से कहा कि आपका ज्ञापन और मांग पत्र सरकार के लिए आदेश होगा, बस मांगने का तरीका लोकतांत्रिक होना चाहिए. एक शिक्षक ट्रेड यूनियन का हिस्सा नहीं हो सकता है, उसे बनना भी नहीं चाहिए. यह शिक्षक की गरिमा के प्रतिकूल है. जब भी आप अपने आप को ट्रेड यूनियन बनाने का प्रयास करेंगे तो आप अपने सम्मान के साथ स्वयं खिलवाड़ करेंगे.

शिक्षक को आज के समय में भीख मांगना अच्छा नहींः सीएम योगी ने शिक्षकों से कहा कि आज तो डिजिटल माध्यम से ईमेल से भी मांगपत्र भेजे जा सकते हैं. अधिकारियों को भेजने के साथ या उसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजा जा सकता है. मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सरलता से लिखा हुआ, मुद्दों पर आधारित आपका ज्ञापन आदेश होगा, भीख नहीं होगी. शिक्षक को आज के समय में भीख मांगना अच्छा नहीं है. भारत हमेशा से गुरु परम्परा को सम्मान देने वाला देश रहा है. हमारे शास्त्र ‘गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णुः’ के मंत्र से गुरु के प्रति श्रद्धा का भाव दर्शाते हैं. संत कबीरदास जी ने ‘गुरु-गोविंद दोऊ खड़े’ के उद्धरण से गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया है. गुरु के प्रति श्रद्धा का भाव इसलिए है कि बिना श्रद्धा के ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती. हमारे यहां कहा भी गया है, श्रद्धावान लभते ज्ञानम्। और जो ज्ञानी नहीं हो सकता वह जीवन में कुछ नहीं कर सकता.

चोटिल शिक्षक के पास जाकर सीएम ने किया पुरष्कृत.
चोटिल शिक्षक के पास जाकर सीएम ने किया पुरष्कृत. (Photo Credit; ETV Bharat)
पुरस्कृत शिक्षकों को आयोग में शामिल किया जाएः योगी ने कहा कि एक शिक्षक समाज की श्रद्धा का केंद्र होता है. लेकिन श्रद्धावान बनने के लिए कठिन परिश्रम, साधना करनी पड़ती है. केवल डिग्री लेने से ज्ञान नहीं आता, इसके लिए कठिन साधना भी जरूरी है. अपने छात्रों के लिए उसे समझाने का सरलतम तरीका सोचना पड़ता है. योगी ने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि पुरस्कृत शिक्षकों की सेवा एससीईआरटी (स्टेट काउंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग) के पाठ्यक्रमों और पुस्तकों के लिए ली जाए. बच्चों को सरलता से विषय वस्तु समझाने के लिए इन शिक्षकों के अनुभव बहुत सहायक होंगे. इन शिक्षकों को शिक्षा सेवा चयन आयोग में भी प्रतिनिधि के रूप में शामिल किया जाना चाहिए. शिक्षक जब नवाचार से जुड़ेंगे तो उसका लाभ बच्चों को होगा. सीएम ने कहा कि अच्छा शिक्षक वही है जो किसी पाठ में प्रस्तावना और निष्कर्ष सरलता से समझा दे.
गोरखपुर में राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन.
गोरखपुर में राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन. (Photo Credit; ETV Bharat)


57 जिलों में खोले जाएंगे डे केयर स्कूलः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने नई मंजिल तय की है. नवाचार आसानी से हर एक फील्ड में हो सकता है. प्रतिदिन प्रार्थना सभा में श्रीमद्भागवत गीता या रामचरितमानस के उद्धरणों पर पांच मिनट का संबोधन बच्चों के बीच हो सकता है. ऐसे प्रयासों से बच्चों के मन मस्तिष्क पर आजीवन अच्छी छाप बनी रहेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में पीएम श्री विद्यालय, सीएम कम्पोजिट विद्यालय खोले जा रहे हैं. प्रदेश के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर श्रमिक पाल्यों और कोरोना से निराश्रित बच्चों की मुफ्त शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालय खोले गए हैं. शीघ्र ही शेष 57 जिलों में डे केयर स्कूल खोले जाएंगे.

राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित बेसिक शिक्षा के शिक्षकः वाराणसी के रमईपट्‌टी के सहायक अध्यापक कमलेश कुमार पांडेय, शामली के नाला के प्रधानाध्यापक अजय मलिक, अलीगढ़ के सूरतगढ़ के प्रधानाध्यापक मूल चंद्र, बहराइच के अजीजपुर के प्रधानाध्यापक राजेश कुमार वर्मा, बलिया के मिड्‌ढा के प्रधानाध्यापक राम नारायण यादव, जटौलिया बस्ती के सहायक अध्यापक अजय कुमार पांडेय, फतूपुर भदोही के प्रधानाध्यापक धीरज सिंह, सैदीपुर महीचंद बिजनौर के सहायक अध्यापक मुकेश कुमार, टिटौरा बुलंदशहर के सहायक अध्यापक नरेशपाल सिंह, देईडीहा देवरिया के सहायक अध्यापक डॉ. आदित्य नारायण गुप्ता, पाढम प्रथम फिरोजाबाद के कमलकांत पालीवाल के अलावा बेसहुपुर गोंडा के बृजेंद्र कुमार सिंह, इन्नाडीह गोरखपुर के प्रधानाध्यापक यतेंद्र कुमार गुप्ता, पिरोजापुर हरदोई के प्रधानाध्यापक राजीव कुमार सिंह, चुरारा द्वितीय झांसी के प्रधानाध्यापक विक्रम रुसिया, तिलगौडी कौशांबी के प्रधानाध्यापक डॉ. रामनेवाज सिंह, रुदवलिया कुशीनगर के सहायक अध्यापक सुनील कुमार त्रिपाठी, सिमरथा ललितपुर के सहायक अध्यापक विनय ताम्रकार, गिरहिया महराजगंज के प्रधानाध्यापक भूपेंद्र कुमार सिंह, जैतिया सादुल्लापुर मुरादाबाद के सहायक अध्यापक सचिन शुक्ला, मल्हूपुर प्रतापगढ़ के सहायक अध्यापक रमाशंकर और लंगडाबर संतकबीरनगर के सहायक अध्यापक ज्योति प्रकाश सिंह को राज्य पुरस्कार मिलाः

बेसिक शिक्षा की इन महिला शिक्षकों को भी मिला पुरस्कारः आगरा के एत्मादपुर स्कूल की सहायक अध्यापिका प्रियंका गौतम, अमरोहा के गजरौला की प्रधानाध्यापिका रेखा रानी, बाराबंकी के बरेठी की प्रधानाध्यापिका दीपशिखा राय, बरेली के पथरा की प्रधानाध्यापिका सारिका सक्सेना, चंदौली के चकिया की सहायक अध्यपिका मीना राय, फतेहपुर के मलवां प्रथम की सहायक अध्यापिका मोनिका सिंह, गौतमबुद्ध नगर के सादातपुर की सहायक अध्यापिका रूसी गुप्ता, गाजीपुर के कटघरा की सहायक अध्यापिका अर्चिता सिंह, कानपुर देहात के उसरी की प्रधानाध्यापिका पारुल निरंजन, कानपुर नगर के मोहलियापुर की सहायक अध्यापिका आशा कटियार, लखीमपुर खीरी के जगसड की सहायक अध्यापिका संगम वर्मा, लखनऊ के महमूदपुर की सहायक अध्यापिका मधु यादव, मेरठ के पेपला इदरीशपुर की सहायक अध्यापिका दीप्ति गुप्ता, मिर्जापुर की अमिरती की सहायक अध्यापिका नीतू यादव, प्रयागराज के पालपुर की सहायक अध्यापिका रीनू जायसवाल, सिद्धार्थनगर के तिगोडवा की प्रधानाध्यापिका अर्चना वर्मा शामिल रहीं.

सुलतानपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय कूरेभार प्रथम की शिक्षिका दिव्या त्रिपाठी को सम्मानित करते सीएम योगी.
सुलतानपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय कूरेभार प्रथम की शिक्षिका दिव्या त्रिपाठी को सम्मानित करते सीएम योगी. (Photo Credit; ETV Bharat)

पुरस्कार राशि के तौर पर दिए 25 हजार रुपए: सीएम योगी ने शिक्षकों को सरकार की तरफ से प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. इसके साथ ही पुरस्कार राशि के तौर पर 25 हजार रुपए भी दिए गए. इसके अलावा सम्मानित शिक्षक आजीवन उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बस में उत्तर प्रदेश भर में प्रतिवर्ष 4000 किलोमीटर की निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे.

इसे भी पढ़ें-टीचर्स डे: कभी कूड़ा बीनने वाले हाथ अब तेजी से चला रहे कम्प्यूटर, मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चों का ये युवा बदल रहा तकदीर

गोरखपुरः गोरखनाथ धाम के योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में गुरुवार को राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह में बेसिक शिक्षा विभाग के 41 और माध्यमिक शिक्षा विभाग के 13 शिक्षकों को सीएम योगी ने पुरस्कृत किया. शिक्षकों को पुरस्कार देते समय सीएम योगी ने उनसे संवाद कर बधाई दी और प्रोत्साहित भी किया. एक शिक्षक अलीगढ़ के मूलचंद के पैर में चोट होने का चलते मुख्यमंत्री ने खुद उनके पास जाकर पुरस्कृत किया. इस दौरान सीएम योगी ने शिक्षकों से कहा कि आपका ज्ञापन और मांग पत्र सरकार के लिए आदेश होगा, बस मांगने का तरीका लोकतांत्रिक होना चाहिए. एक शिक्षक ट्रेड यूनियन का हिस्सा नहीं हो सकता है, उसे बनना भी नहीं चाहिए. यह शिक्षक की गरिमा के प्रतिकूल है. जब भी आप अपने आप को ट्रेड यूनियन बनाने का प्रयास करेंगे तो आप अपने सम्मान के साथ स्वयं खिलवाड़ करेंगे.

शिक्षक को आज के समय में भीख मांगना अच्छा नहींः सीएम योगी ने शिक्षकों से कहा कि आज तो डिजिटल माध्यम से ईमेल से भी मांगपत्र भेजे जा सकते हैं. अधिकारियों को भेजने के साथ या उसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजा जा सकता है. मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सरलता से लिखा हुआ, मुद्दों पर आधारित आपका ज्ञापन आदेश होगा, भीख नहीं होगी. शिक्षक को आज के समय में भीख मांगना अच्छा नहीं है. भारत हमेशा से गुरु परम्परा को सम्मान देने वाला देश रहा है. हमारे शास्त्र ‘गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णुः’ के मंत्र से गुरु के प्रति श्रद्धा का भाव दर्शाते हैं. संत कबीरदास जी ने ‘गुरु-गोविंद दोऊ खड़े’ के उद्धरण से गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया है. गुरु के प्रति श्रद्धा का भाव इसलिए है कि बिना श्रद्धा के ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती. हमारे यहां कहा भी गया है, श्रद्धावान लभते ज्ञानम्। और जो ज्ञानी नहीं हो सकता वह जीवन में कुछ नहीं कर सकता.

चोटिल शिक्षक के पास जाकर सीएम ने किया पुरष्कृत.
चोटिल शिक्षक के पास जाकर सीएम ने किया पुरष्कृत. (Photo Credit; ETV Bharat)
पुरस्कृत शिक्षकों को आयोग में शामिल किया जाएः योगी ने कहा कि एक शिक्षक समाज की श्रद्धा का केंद्र होता है. लेकिन श्रद्धावान बनने के लिए कठिन परिश्रम, साधना करनी पड़ती है. केवल डिग्री लेने से ज्ञान नहीं आता, इसके लिए कठिन साधना भी जरूरी है. अपने छात्रों के लिए उसे समझाने का सरलतम तरीका सोचना पड़ता है. योगी ने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि पुरस्कृत शिक्षकों की सेवा एससीईआरटी (स्टेट काउंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग) के पाठ्यक्रमों और पुस्तकों के लिए ली जाए. बच्चों को सरलता से विषय वस्तु समझाने के लिए इन शिक्षकों के अनुभव बहुत सहायक होंगे. इन शिक्षकों को शिक्षा सेवा चयन आयोग में भी प्रतिनिधि के रूप में शामिल किया जाना चाहिए. शिक्षक जब नवाचार से जुड़ेंगे तो उसका लाभ बच्चों को होगा. सीएम ने कहा कि अच्छा शिक्षक वही है जो किसी पाठ में प्रस्तावना और निष्कर्ष सरलता से समझा दे.
गोरखपुर में राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन.
गोरखपुर में राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन. (Photo Credit; ETV Bharat)


57 जिलों में खोले जाएंगे डे केयर स्कूलः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने नई मंजिल तय की है. नवाचार आसानी से हर एक फील्ड में हो सकता है. प्रतिदिन प्रार्थना सभा में श्रीमद्भागवत गीता या रामचरितमानस के उद्धरणों पर पांच मिनट का संबोधन बच्चों के बीच हो सकता है. ऐसे प्रयासों से बच्चों के मन मस्तिष्क पर आजीवन अच्छी छाप बनी रहेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में पीएम श्री विद्यालय, सीएम कम्पोजिट विद्यालय खोले जा रहे हैं. प्रदेश के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर श्रमिक पाल्यों और कोरोना से निराश्रित बच्चों की मुफ्त शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालय खोले गए हैं. शीघ्र ही शेष 57 जिलों में डे केयर स्कूल खोले जाएंगे.

राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित बेसिक शिक्षा के शिक्षकः वाराणसी के रमईपट्‌टी के सहायक अध्यापक कमलेश कुमार पांडेय, शामली के नाला के प्रधानाध्यापक अजय मलिक, अलीगढ़ के सूरतगढ़ के प्रधानाध्यापक मूल चंद्र, बहराइच के अजीजपुर के प्रधानाध्यापक राजेश कुमार वर्मा, बलिया के मिड्‌ढा के प्रधानाध्यापक राम नारायण यादव, जटौलिया बस्ती के सहायक अध्यापक अजय कुमार पांडेय, फतूपुर भदोही के प्रधानाध्यापक धीरज सिंह, सैदीपुर महीचंद बिजनौर के सहायक अध्यापक मुकेश कुमार, टिटौरा बुलंदशहर के सहायक अध्यापक नरेशपाल सिंह, देईडीहा देवरिया के सहायक अध्यापक डॉ. आदित्य नारायण गुप्ता, पाढम प्रथम फिरोजाबाद के कमलकांत पालीवाल के अलावा बेसहुपुर गोंडा के बृजेंद्र कुमार सिंह, इन्नाडीह गोरखपुर के प्रधानाध्यापक यतेंद्र कुमार गुप्ता, पिरोजापुर हरदोई के प्रधानाध्यापक राजीव कुमार सिंह, चुरारा द्वितीय झांसी के प्रधानाध्यापक विक्रम रुसिया, तिलगौडी कौशांबी के प्रधानाध्यापक डॉ. रामनेवाज सिंह, रुदवलिया कुशीनगर के सहायक अध्यापक सुनील कुमार त्रिपाठी, सिमरथा ललितपुर के सहायक अध्यापक विनय ताम्रकार, गिरहिया महराजगंज के प्रधानाध्यापक भूपेंद्र कुमार सिंह, जैतिया सादुल्लापुर मुरादाबाद के सहायक अध्यापक सचिन शुक्ला, मल्हूपुर प्रतापगढ़ के सहायक अध्यापक रमाशंकर और लंगडाबर संतकबीरनगर के सहायक अध्यापक ज्योति प्रकाश सिंह को राज्य पुरस्कार मिलाः

बेसिक शिक्षा की इन महिला शिक्षकों को भी मिला पुरस्कारः आगरा के एत्मादपुर स्कूल की सहायक अध्यापिका प्रियंका गौतम, अमरोहा के गजरौला की प्रधानाध्यापिका रेखा रानी, बाराबंकी के बरेठी की प्रधानाध्यापिका दीपशिखा राय, बरेली के पथरा की प्रधानाध्यापिका सारिका सक्सेना, चंदौली के चकिया की सहायक अध्यपिका मीना राय, फतेहपुर के मलवां प्रथम की सहायक अध्यापिका मोनिका सिंह, गौतमबुद्ध नगर के सादातपुर की सहायक अध्यापिका रूसी गुप्ता, गाजीपुर के कटघरा की सहायक अध्यापिका अर्चिता सिंह, कानपुर देहात के उसरी की प्रधानाध्यापिका पारुल निरंजन, कानपुर नगर के मोहलियापुर की सहायक अध्यापिका आशा कटियार, लखीमपुर खीरी के जगसड की सहायक अध्यापिका संगम वर्मा, लखनऊ के महमूदपुर की सहायक अध्यापिका मधु यादव, मेरठ के पेपला इदरीशपुर की सहायक अध्यापिका दीप्ति गुप्ता, मिर्जापुर की अमिरती की सहायक अध्यापिका नीतू यादव, प्रयागराज के पालपुर की सहायक अध्यापिका रीनू जायसवाल, सिद्धार्थनगर के तिगोडवा की प्रधानाध्यापिका अर्चना वर्मा शामिल रहीं.

सुलतानपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय कूरेभार प्रथम की शिक्षिका दिव्या त्रिपाठी को सम्मानित करते सीएम योगी.
सुलतानपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय कूरेभार प्रथम की शिक्षिका दिव्या त्रिपाठी को सम्मानित करते सीएम योगी. (Photo Credit; ETV Bharat)

पुरस्कार राशि के तौर पर दिए 25 हजार रुपए: सीएम योगी ने शिक्षकों को सरकार की तरफ से प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. इसके साथ ही पुरस्कार राशि के तौर पर 25 हजार रुपए भी दिए गए. इसके अलावा सम्मानित शिक्षक आजीवन उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बस में उत्तर प्रदेश भर में प्रतिवर्ष 4000 किलोमीटर की निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे.

इसे भी पढ़ें-टीचर्स डे: कभी कूड़ा बीनने वाले हाथ अब तेजी से चला रहे कम्प्यूटर, मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चों का ये युवा बदल रहा तकदीर

Last Updated : Sep 5, 2024, 8:33 PM IST
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