लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार गायों के संरक्षण और संवर्धन को लेकर काफी गंभीरता से काम कर रही है. पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग के साथ ही गोसेवा आयोग भी अब गायों के दशा में सुधार को लेकर सक्रिय हो गया है. सरकार की तरफ से विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं जिससे गायों का संरक्षण और संवर्धन किया जा सके.
वित्तीय वर्ष 2024-25 में नन्द बाबा दुग्ध मिशन के संचालन के लिए प्राविधानित कुल बजट 7421.08 लाख रुपये के सापेक्ष तैयार की गई कार्ययोजना को अब अनुमोदन मिल गया है. प्रदेश में नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना के अन्तर्गत 10 स्वदेशी उन्नत नस्ल के गोवंश की 294 इकाई स्थापित की जाएंगी, जिस पर 1730.08 लाख रुपये खर्च होंगे.
इसके अलावा अवशेष धनराशि का खर्च मिशन की विभिन्न योजनाओं के अनुदान व अन्य मदों में किया जाएगा. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में नन्द बाबा दुग्ध मिशन की स्टेट स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में इससे संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.
मुख्यमंत्री स्वदेशी गो-संवर्धन योजना को द्वितीय चरण में वित्तीय वर्ष 2024-25 में शेष 57 जनपदों में लागू करने का फैसला लिया गया. पहले चरण में वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह योजना 18 मण्डल मुख्यालय के जनपदों में लागू की गई थी.
नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना को दूसरे चरण में प्रदेश के शेष आठ मण्डल मुख्यालय के जिलों में 40 इकाइयों के संचालन के प्रस्ताव व कैटल शेड डिजाइन अनुमोदित की गई. नन्दिनी कृषक समृद्धि मिनी योजना के संचालन के प्रस्ताव को बैठक में अनुमोदन प्रदान किया गया.
यह स्वदेशी नस्ल के 10 गायों की योजना है. इस योजना में प्रदेश के सभी 75 जनपद होंगे. साहीवाल, गिर और थारपारकर प्रजाति के गोवंश को प्रदेश के बाहर से खरीदने की व्यवस्था है. परियोजना की इकाई लागत 23.60 लाख रुपये प्रस्तावित है.
इकाई लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दो किश्तों में लाभार्थी को दिया जाएगा. जनपद स्तर पर लाभार्थियों का चयन मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित चयन समित करेगी.
मुख्य सचिव ने लाभार्थियों के आवेदन प्राप्त करने के लिए नन्द बाबा दुग्ध मिशन का पोर्टल एक माह के अंदर प्रत्येक दशा में तैयार करने के निर्देश दिए. कहा कि नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना और नन्दिनी कृषक समृद्धि मिनी योजना के तहत लाभार्थियों के आवेदन प्राप्त करने के लिए प्रदेश स्तर पर विज्ञापन प्रकाशित हो.
मुख्यमंत्री स्वदेशी गो संवर्धन योजना के अंतर्गत राज्य के बाहर से पशु खरीदने की व्यवस्था में ट्रांजिट बीमा की अनिवार्यता को समाप्त कर वैकल्पिक किए जाने के निर्देश दिए. मिशन की योजनाओं के तहत चयनित लाभार्थियों को एक माह के अंदर गोवंश का क्रय कराया जाए.
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